सरायकेला: विभिन्न ज्वलंत समस्याओं के समाधान को लेकर ओड़िया समुदाय के लोगों ने 28 सितंबर को जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन किया. इसके बाद राज्यपाल के नाम जिला के उपायुक्त अरवा राजकमल को 18 सूत्री ज्ञापन सौंपकर समस्याओं से अवगत कराया जाएगा.
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इस धरना प्रदर्शन में सिंहभूम के विभिन्न क्षेत्रों के ओड़ियाभाषी हिस्सा लिया. मौके पर राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अशोक षाड़ंगी ने कहा कि वर्ष 2009 में ओड़िया, बंगला समेत 9 जनजाति भाषाओं को राज्य के द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिया गया था. परंतु आज तक ओड़ियाभाषी जनता को उसका हक नहीं मिल पा रहा है. यहां तक कि ओड़ियाभाषी बच्चे अपने मौलिक अधिकार मातृभाषा में पढ़ाई करने से भी वंचित हो रहे हैं. सरकारी स्तर पर ओड़िया भाषा की लगातार उपेक्षा की जा रही है.
इस दौरान मुख्य रूप से पूर्व मंत्री बड़कुंवर गागराई, पूर्व विधायक गुरुचरण नायक, राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अशोक षाड़ंगी, सरायकेला नगर पंचायत के अध्यक्ष मीनाक्षी पटनायक, उपाध्यक्ष मनीज चौधरी, उदय सिंहदेव, गणेश महली, सुशील षाड़ंगी, राजा सिंहदेव, सरोज प्रधान, हरीश चंद्र आचार्य, तरुण मोहंती, मनोरंजन गिरी, अभिषेक आचार्य समेत सरायकेला-खरसावां, पश्चिमी व पूर्वी सिंहभूम जिला के ओड़िया समुदाय के लोग उपस्थित थे. धरना प्रदर्शन में उत्कल सम्मिलनी ओड़िया शिक्षक संघ के सदस्यों ने भी हिस्सा लिया.
कॉलेजों में खुले विभाग, स्वतंत्रता सेनानियों की लगे प्रतिमा
ज्ञापन में 18 सूत्री मांग के जरिये ओड़िया समुदाय के लोग सरकार तक अपनी मांगों को पहुंचायेंगे. ज्ञापन में मुख्य रुप से अविभाजित सिंहभूम के शहीद स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमा अलग-अलग स्थानों पर स्थापित करने, केएस कॉलेज सरायकेला, कॉपरेटिव कॉलेज जमशेदपुर व जेएलएन कॉलेज चक्रधरपुर में ओड़िया में स्नातकोत्तर विभाग खोलने, मॉडल महिला कॉलेज खरसावां में ओड़िया भाषी पढ़ाई के लिये नामांकन करने व घाटशिला कॉलेज में ओड़िया विभाग खोलने के साथ-साथ अध्यापकों की नियुक्ति करने, केयू के विभिन्न कॉलेजों में ओड़िया अध्यापकों के खाली पदों को भरने, सिंहभूम के सभी ओड़िया बहुल क्षेत्रों के स्कूलों में ओड़िया शिक्षकों की पदस्थापना करने, बच्चों के लिये ओड़िया पुस्तकों की व्यवस्था करने आदि मांग की जायेगी.