सरायकेला: बच्चों के पोषण स्तर को बेहतर बनाने के लिये राष्ट्रीय कृमि मुक्ति पखवाड़ा के तहत जिले के सभी प्रखंडों में सहियाओं ने घर-घर जाकर एक से 19 साल तक के बच्चों को कृमिनाशक दवा एल्बेंडाजोल खिलाई. कोरोना के मद्देनजर काफी एहतियात के साथ इस बार दवा खिलाया जा रहा है. इस बार समुदाय स्तर पर बच्चों को एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जा रही है. आगामी 30 सितंबर तक यह अभियान जारी रहेगा.
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एक साल से 19 साल तक के बच्चों को पेट के कीड़े की दवा जरूर खानी चाहिए. अधिकांश बच्चों में पेट से संबंधित अधिक बीमारियों का खतरा होता है, जिस वजह से बच्चों में खून की कमी, कुपोषण, मितली, उल्टी व दस्त होना तथा वजन में कमी होना जैसे दुष्प्रभाव होते हैं क्योंकि ज्यादातर बच्चे बाहर खेलते समय कब किस चीज को हाथ लगाते हैं, उनको पता ही नहीं होता है. उन्हीं गंदे हाथों से घर की सारी चीजों को छूना, बिना हाथ पैर धोकर कुछ भी खा लेना, बिना ढका हुआ पानी पीना इन्हीं सब लापरवाही की वजह से बच्चों के पेट में बीमारियां होती हैं. जो कभी-कभी घातक भी साबित हो सकता है. इसको ध्यान में रखते हुए 1 साल से 19 साल तक के बच्चों को एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाती है, जिससे बच्चों को इन सब समस्याओं से बचाया जा सके.
बता दें कि निर्देशानुसार एल्बेंडाजोल की खुराक 1 से 2 वर्ष की आयु के बच्चों को आधी गोली और 3 से 19 वर्ष की आयु के बच्चे को एक पूरी गोली दी जायेगी. आम लोगों से अपील की गई है कि वह एक वर्ष से 19 वर्ष तक के बच्चों को एल्बेंडाजोल की दवा खिलाकर कार्यक्रम को सफल बनाए. घर-घर जाने वाली सहिया टीम का सहयोग करें.