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सरायकेला के कई गांव हाथियों के खौफ में जीने को मजबूर, बचने के लिए अधिकारियों की ग्रामीणों के साथ बैठक - Kandarweda village of Seraikela

सरायकेला जिले के कई गांव विगत कई महीनों से हाथियों के आतंक से प्रभावित हैं. पिछले कुछ दिनों से 25 से ज्यादा हाथी कांदरवेड़ा में उत्पात मचा रहे हैं. इन्हें गांव से खदेड़ने को लेकर ग्रामीणों और वन पदाधिकारियों के बीच बैठक का आयोजन किया गया.

सरायकेला में हाथी
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Published : Oct 3, 2019, 8:31 PM IST

सरायकेला: जिले के दर्जनों गांव पिछले कई महीनों से हाथियों के आतंक से प्रभावित हैं. पिछले दिनों से 25 से ज्यादा हाथी कांदरवेड़ा में उत्पात मचा रहा है. सभी हाथी कांदरवेड़ा के पहाड़ी क्षेत्रों में डेरा जमाये हुए थे, जो रात होते ही आस-पास के गांवों में घुसकर फसल बर्बाद कर देते हैं.

देखें पूरी खबर

हाथियों को भगाने के लिए बैठक का आयोजन
हाथियों के उत्पात को लेकर गुरुवार को सरायकेला के चांडिल रेंज के वन पदाधिकारी और वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन ऑफ सोसाइटी के पदाधिकारी और कांदरवेड़ा के दर्जनों गांव के ग्रामीणों के साथ बैठक की गई. बैठक में हाथी को भगाने और जंगलों में हाथी को समुचित भोजन की व्यवस्था किए जाने संबंधित कई निर्णय लिए गए.

ये भी पढ़ें- ETV BHARAT IMPACT: बीमार हाथी के बच्चा के इलाज के लिए पहुंची वन विभाग की टीम


बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय
बैठक में निर्णय लिया गया है कि हाथियों को भगाने के लिए ग्रामीणों को पटाखा, मशाल, टॉर्च दिया जाएगा. वहीं, इस दौरान वन विभाग के अधिकारी ने बताया की पिछले कई वर्षों से हाथियों ने अपनी आवाजाही का रास्ता कांदरवेड़ा के जंगल को बना रखा है, जिस कारण आसपास के कई गांव का हाथी से प्रभावित हैं. उनका कहना है कि यह रास्ता दुर्गम है जिस कारण समय पर हाथी भगाने की टीम नहीं पहुंच पाती है.

ये भी पढ़ें- सड़क पर अचानक चला आया हाथियों का झुंड, फिर हुआ कुछ ऐसा......


ग्रामीण वन विभाग की क्रियाकलाप से नाराज
बता दें कि ग्रामीण वन विभाग की क्रियाकलाप से नाराज हैं, जिसे लेकर ग्रामीणों ने सैकड़ों की संख्या में अधोस्ताक्षरित आवेदन वन विभाग को सौंपा है, साथ ही जल्द ही कार्रवाई करने और वन विभाग से हाथी भगाने की टीम और सामग्री उपलब्ध करवाने का भी ग्रामीणों ने अपील की है.

सरायकेला: जिले के दर्जनों गांव पिछले कई महीनों से हाथियों के आतंक से प्रभावित हैं. पिछले दिनों से 25 से ज्यादा हाथी कांदरवेड़ा में उत्पात मचा रहा है. सभी हाथी कांदरवेड़ा के पहाड़ी क्षेत्रों में डेरा जमाये हुए थे, जो रात होते ही आस-पास के गांवों में घुसकर फसल बर्बाद कर देते हैं.

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हाथियों को भगाने के लिए बैठक का आयोजन
हाथियों के उत्पात को लेकर गुरुवार को सरायकेला के चांडिल रेंज के वन पदाधिकारी और वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन ऑफ सोसाइटी के पदाधिकारी और कांदरवेड़ा के दर्जनों गांव के ग्रामीणों के साथ बैठक की गई. बैठक में हाथी को भगाने और जंगलों में हाथी को समुचित भोजन की व्यवस्था किए जाने संबंधित कई निर्णय लिए गए.

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बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय
बैठक में निर्णय लिया गया है कि हाथियों को भगाने के लिए ग्रामीणों को पटाखा, मशाल, टॉर्च दिया जाएगा. वहीं, इस दौरान वन विभाग के अधिकारी ने बताया की पिछले कई वर्षों से हाथियों ने अपनी आवाजाही का रास्ता कांदरवेड़ा के जंगल को बना रखा है, जिस कारण आसपास के कई गांव का हाथी से प्रभावित हैं. उनका कहना है कि यह रास्ता दुर्गम है जिस कारण समय पर हाथी भगाने की टीम नहीं पहुंच पाती है.

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ग्रामीण वन विभाग की क्रियाकलाप से नाराज
बता दें कि ग्रामीण वन विभाग की क्रियाकलाप से नाराज हैं, जिसे लेकर ग्रामीणों ने सैकड़ों की संख्या में अधोस्ताक्षरित आवेदन वन विभाग को सौंपा है, साथ ही जल्द ही कार्रवाई करने और वन विभाग से हाथी भगाने की टीम और सामग्री उपलब्ध करवाने का भी ग्रामीणों ने अपील की है.

Intro:सरायकेला जिले के कान्दरवेड़ा के दर्जनों गांव विगत कई माह से हाथी के आतंक से प्रभावित है । तीन दिन पूर्व 25 की संख्या में हाथी कान्दरवेड़ा के पहाड़ी क्षेत्रों में डेरा जमाये हुये था । जो रात होते ही आसपास के धान के खेतों में एवं गांव में घुसकर उत्पात मचा रहे है ।Body:हाथियों के उत्पात को लेकर आज सरायकेला के चांडिल रेंज के वन पदाधिकारी व वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन ऑफ सोसाइटी के पदाधिकारी और कान्दरवेड़ा के दर्जनों गांव के ग्रामीणों के साथ बैठक की गई। बैठक में हाथी को भगाने को लेकर एवं जंगलों में हाथी को समुचित भोजन की व्यवस्था किये जाने संबंधित निर्णय लिए गए । हाथियों को भगाने को लेने के लिए ग्रामीणों को फटाका, जला मोबिल, टॉर्च भी देने की बात वन विभाग के पदाधिकारी ने कहीं । वही वन विभाग ने बताया की विगत कई बरसों से हाथी अपना आवाजाही का रास्ता कान्दरवेड़ा के जंगल को बना रखा है । जिस कारण आसपास के कई गांव का हाथी से प्रभावित है । चूंकि रास्ता दुर्गम होने के कारण समय पर हाथी भगाने की टीम नही पहुँच पाती है ।Conclusion:ग्रामीण वन विभाग की क्रियाकलाप से नाराज हैं जिसको लेकर ग्रामीणों ने सैकड़ों की संख्या में अधोस्ताक्षरित आवेदन वन विभाग को सौपा साथ ही जल्द ही कार्रवाई करने एवं वन विभाग से हाथी भगाने की टीम व सामग्री उपलब्ध करवाने की अपील किया ।

बाईट - बबलू मुर्मू , ग्रामीण , कान्दरवेड़ा

बाईट - तापस कर्मकार , वर्ल्ड लाइव प्रोटेक्शन ऑफ सोसाइटी के सदस्य ।


बाईट- महेश मुण्डा , वन पदाधिकारी
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