सरायकेला: जिला परिषद बोर्ड की बैठक में सदस्यों के बहिष्कार के बाद बैठक की कार्यवाही तत्काल स्थगित कर दी गयी है. सोमवार को परिसदन में जिला परिषद बोर्ड की बैठक होनी थी. बैठक में जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा, उपाध्यक्ष मधुश्री महतो, सचिव सह उप विकास आयुक्त प्रवीण कुमार समेत अन्य सदस्य पहुंचे थे, लेकिन जैसे ही बैठक का एजेंडा सभी सदस्यों के हाथ में आया, केवल दो सदस्यों को छोड़कर सभी अन्य सदस्य परिसदन से बाहर चले गए और बैठक का बहिष्कार कर दिया.
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कुचाई की जिला परिषद सदस्य झिंगी हेम्ब्रम ने कहा कि बैठक में उन्हें सिर्फ हस्ताक्षर करने के लिए बुलाया जाता है, योजनाओं को पारित करने के लिए ही उनका हस्ताक्षर लिया जाता है, जबकि धरातल पर उन योजनाओं की स्थिति काफी खराब है. शिकायत के बावजूद जिला परिषद की बैठक में अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है. योजनाएं सिर्फ पारित की जाती हैं, उनकी निगरानी नहीं की जाती.
डीडीसी और सिस्टम का हो रहा विरोध: जिला परिषद सदस्य कालीचरण बांद्रा ने कहा कि वे जिला परिषद अध्यक्ष का विरोध नहीं कर रहे हैं. बल्कि वे डीडीसी और सिस्टम का विरोध कर रहे हैं. विभाग के अधिकारी लंबित योजनाओं को पूरा करने के बजाय नयी योजनाओं पर ध्यान दे रहे हैं. पूर्व में ली गयी योजनाओं का टेंडर भी नहीं हुआ है.
जिला परिषद सदस्य गम्हरिया शंभू मंडल ने कहा कि जनता ने हमें काम के लिए 5 साल दिये हैं. हमें इन पांच वर्षों में क्षेत्र का विकास करना है. लेकिन वर्तमान में धरातल पर योजनाओं की स्थिति अलग है, लंबित योजनाओं और योजनाओं में अनियमितता के कारण उन्हें शर्मिंदगी महसूस हो रही है, 5 साल पूरे होने पर जनता उनसे विकास का हिसाब मांगेगी. जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा ने कहा कि बैठक का बहिष्कार करने वाले सभी सदस्यों से बात की जा रही है और जल्द ही उन्हें समझाया जायेगा ताकि क्षेत्र का विकास हो सके.