सरायकेला: जिले के आदित्यपुर नगर निगम के निबंधित ठेकेदार कोरोना काल में निगम के कार्यशैली से प्रभावित हो रहे हैं. दरअसल 100 से भी अधिक ठेकेदारों ने 9 महीने पहले नगर निगम कार्यालय के ओर से निकाले गए 8 करोड़ से भी अधिक योजनाओं के निविदा में भाग लिया, लेकिन आज तक इन निविदाओं का निष्पादन नहीं किया जा सका है.
आदित्यपुर नगर निगम कार्यालय ने बीते साल अक्टूबर महीने में तकरीबन 8 से 10 करोड़ के राशि की विभिन्न विकास योजनाओं के तहत टेंडर निकाला था. इन योजनाओं के तहत निगम क्षेत्र में सड़क और नाली का निर्माण होना था, लेकिन 9 महीने बीत जाने के बाद भी आज तक निगम कार्यालय ने करोड़ों के इस टेंडर का निष्पादन नहीं किया है, जिससे ठेकेदारों की धनराशि नगर निगम कार्यालय में जमा है. इस योजना में लगभग 100 से भी अधिक ठेकेदारों ने टेंडर डाला था, जिसके तहत धनराशि के रूप में तकरीबन सभी ठेकेदारों से 50 हजार से लेकर 2 लाख रुपए जमा कराए थे, लेकिन आज तक इन टेंडरों का निष्पादन नहीं किया गया.
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आदित्यपुर नगर निगम संवेदक संघ के अध्यक्ष राजेश वर्मा ने बताया कि ठेकेदारों के ओर से बार-बार नगर आयुक्त के सामने गुहार लगाई है, बावजूद इसके नगर आयुक्त केवल आश्वासन दे रहे हैं. संवेदक राजा बाबू ने बताया कि फरवरी महीने में सरकार की ओर से नया शेड्यूल ऑफ रेट यानी नए दर से टेंडर प्रक्रिया किए जाने का आदेश दिया गया था, हालांकि इसके बाद भी जिले के अन्य नगर निकायों में पुराने शेड्यूल ऑफ रेट के तहत सभी टेंडरों का निष्पादन कर दिया गया, लेकिन आदित्यपुर नगर निगम अब तक इन टेंडरों को फाइनल करने में असफल साबित हो रहा है, जिससे ठेकेदारों की एक बड़ी पूंजी बिना काम के निगम कार्यालय में फंसी है, ऐसे में सभी ठेकेदारों में निगम के कार्यशैली के विरुद्ध आक्रोश व्याप्त है. कई ठेकेदारों ने बताया है कि कोरोना संक्रमण काल में बिना काम ठेकेदारों की आर्थिक स्थिति भी दयनीय हो रही है.