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Seraikela News: भुरकाडीह तालाब में बड़ी तादाद में मछलियां मरी, मत्स्य पालकों को हुआ भारी नुकसान

सरायकेला के भुरकाडीह तालाब में बड़ी संख्या में मछलियों के मरने से लोग आक्रोशित हैं. उन्होंने मत्स्य विभाग से इसकी जांच की माग की है.

fish death in Bhurkadih pond
fish death in Bhurkadih pond
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Published : May 4, 2023, 10:16 AM IST

सरायकेला: जिले के आदित्यपुर नगर निगम वार्ड दो के भुरकाडीह तालाब में बड़ी संख्या में मछलियों के मरने की घटना सामने आयी है. मामले को लेकर मत्स्य पालकों में भारी आक्रोश देखा गया है. बीते दिन स्थानीय मत्स्य पालक ने पाया कि तालाब में भारी तादाद में मछलियां मरी पड़ी हैं. किसानों ने बताया कि तालाब में आसपास क्षेत्र के सीवरेज और गंदे नाले का पानी छोड़ा जाता है. नतीजतन तालाब लगातार प्रदूषित होता आया है. संभव है कि इसी के चलते मछलियां मरी हैं. मत्स्य पालकों ने बताया कि तालाब में बड़ी मात्रा में मछलियां पाली जाती हैं. जिससे मत्स्य पालकों का भरण पोषण होता है. बाजारों के अलावा दूरदराज के क्षेत्रों में भी मछलियों को भेजा जाता है. इतनी बड़ी तादाद में मछलियों के मरने से इन्हें भारी नुकसान हुआ है.

यह भी पढ़ें: Seraikela News: 68 वर्षीय बुजुर्ग शख्स बीमारी से था परेशान, तंग होकर उठा लिया जानलेवा कदम

मत्स्य पालकों ने की जांच की मांग: मछलियों के मरने के बाद लोगों ने मत्स्य विभाग से मामले की जांच की मांग रखी है. मत्स्यजीवी किसान फूलचंद सिंह सरदार ने बताया कि भुरकाडीह तालाब में मछली पालन के अलावा आसपास ग्रामीण क्षेत्र के लोग रोजमर्रा के उपयोग के लिए भी तालाब में आते हैं. इसके अलावा मवेशी भी चरने के बाद तालाब का पानी पीते हैं. ऐसे में मछलियों के बाद अब मवेशियों पर भी जान का खतरा मंडरा रहा है.

पहले भी तालाब में मृत पाई गई थी मछलियां: स्थानीय मत्स्य पालकों ने बताया कि यह कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी इस तालाब में मछलियों के मरने की घटना घटित हुई थी. लोगों ने बताया कि इस तालाब के अलावा गम्हरिया प्रखंड के जमुना बांध समेत अन्य तालाबों में भी अक्सर मछलियों के मरने की बात सामने आती है. वहीं कुछ लोगों का मानना है कि भू माफिया भी सक्रिय हैं जो तालाब में मछली पालन को बंद करना चाहते हैं, ताकि तालाब सूखने के बाद उस पर बहुमंजिला इमारत बना सकें.

सरायकेला: जिले के आदित्यपुर नगर निगम वार्ड दो के भुरकाडीह तालाब में बड़ी संख्या में मछलियों के मरने की घटना सामने आयी है. मामले को लेकर मत्स्य पालकों में भारी आक्रोश देखा गया है. बीते दिन स्थानीय मत्स्य पालक ने पाया कि तालाब में भारी तादाद में मछलियां मरी पड़ी हैं. किसानों ने बताया कि तालाब में आसपास क्षेत्र के सीवरेज और गंदे नाले का पानी छोड़ा जाता है. नतीजतन तालाब लगातार प्रदूषित होता आया है. संभव है कि इसी के चलते मछलियां मरी हैं. मत्स्य पालकों ने बताया कि तालाब में बड़ी मात्रा में मछलियां पाली जाती हैं. जिससे मत्स्य पालकों का भरण पोषण होता है. बाजारों के अलावा दूरदराज के क्षेत्रों में भी मछलियों को भेजा जाता है. इतनी बड़ी तादाद में मछलियों के मरने से इन्हें भारी नुकसान हुआ है.

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मत्स्य पालकों ने की जांच की मांग: मछलियों के मरने के बाद लोगों ने मत्स्य विभाग से मामले की जांच की मांग रखी है. मत्स्यजीवी किसान फूलचंद सिंह सरदार ने बताया कि भुरकाडीह तालाब में मछली पालन के अलावा आसपास ग्रामीण क्षेत्र के लोग रोजमर्रा के उपयोग के लिए भी तालाब में आते हैं. इसके अलावा मवेशी भी चरने के बाद तालाब का पानी पीते हैं. ऐसे में मछलियों के बाद अब मवेशियों पर भी जान का खतरा मंडरा रहा है.

पहले भी तालाब में मृत पाई गई थी मछलियां: स्थानीय मत्स्य पालकों ने बताया कि यह कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी इस तालाब में मछलियों के मरने की घटना घटित हुई थी. लोगों ने बताया कि इस तालाब के अलावा गम्हरिया प्रखंड के जमुना बांध समेत अन्य तालाबों में भी अक्सर मछलियों के मरने की बात सामने आती है. वहीं कुछ लोगों का मानना है कि भू माफिया भी सक्रिय हैं जो तालाब में मछली पालन को बंद करना चाहते हैं, ताकि तालाब सूखने के बाद उस पर बहुमंजिला इमारत बना सकें.

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