ETV Bharat / state

केरल से पैदल चल 25 दिन में चांडिल पहुंचे मजदूर, बिगड़ी तबीयत - Chandil Reach laborers sick from Kerala

लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों का हाल दिन-प्रतिदिन बेहाल होता जा रहा है. ऐसा ही एक मामला सरायकेला के चांडिल में देखने को मिला, जहां बीते 25 दिन से पैदल सफर तय कर केरल से पहुंचे एक मजदूर की तबीयत बुरी तरह बिगड़ गई.

केरल से पैदल चल 25 दिन में चांडिल पहुंचे मजदूर
Laborer reached chandil from Kerala in 25 days on foot
author img

By

Published : May 15, 2020, 10:51 AM IST

सरायकेला: कोविड-19 संक्रमण रोकथाम को लेकर पूरे देश समेत राज्य में लॉकडाउन जारी है. इसी बीच झारखंड, बिहार और इससे सटे बंगाल के सैकड़ों मजदूर अब भी देश के विभिन्न राज्यों से 20 -20 दिनों का सफर पैदल तय कर अपने-अपने घर को जाने को विवश नजर आ रहे हैं.

देखें पूरी खबर

पैदल आने को बेबस मजदूर

लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों का हाल दिन-प्रतिदिन बेहाल होता जा रहा है. बिहार, बंगाल और झारखंड के सैकड़ों मजदूर अब भी देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे हैं. इनमें से कई मजदूरों को ट्रेन और बस के माध्यम से वापस लाया जा रहा है तो कई ऐसे मजदूर हैं जो पैदल ही 20 से भी अधिक दिनों का सफर तय कर अपने घर जाने के लिए बेबस नजर आ रहे हैं.

25 दिन से लगातार पैदल सफर

ऐसा ही एक मामला मंगलवार को सरायकेला के चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में देखने को मिला, जहां बीते 25 दिन से पैदल सफर तय कर केरल से पहुंचे एक मजदूर धीरेन माझी की तबीयत बुरी तरह बिगड़ गई. पेशे से ट्रक चालक लॉकडाउन से पहले ट्रक लेकर केरल गया था. इसी बीच देश में लागू सबसे पहला लॉकडाउन 14 अप्रैल को खुलने वाला था, लेकिन सरकार की ओर से इसकी मियाद बढ़ाए जाने के बाद ट्रक चालक 18 अप्रैल को पैदल ही केरल से अपने घर को निकल पड़ा था.

18 अप्रैल को केरल से चला था पैदल

रास्ते में उसे केवल बिस्कुट और पानी ही प्राप्त हुआ. नतीजतन गुरुवार को वह चांडिल अनुमंडल के भाबमुडीह के पास सड़क किनारे अचेत अवस्था में मिला, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने उसे इलाज के लिए अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया. बीमार चालक ने बताया कि वह 18 अप्रैल को पैदल ही केरल से मजबूरन चला था. वह मुख्य रुप से बंगाल के पुरुलिया का रहने वाला है. इधर, चांडिल अनुमंडल में मजदूर के इलाज किए जाने के बाद उसकी हालत में फिलहाल सुधार बताई जा रही है.

सरायकेला: कोविड-19 संक्रमण रोकथाम को लेकर पूरे देश समेत राज्य में लॉकडाउन जारी है. इसी बीच झारखंड, बिहार और इससे सटे बंगाल के सैकड़ों मजदूर अब भी देश के विभिन्न राज्यों से 20 -20 दिनों का सफर पैदल तय कर अपने-अपने घर को जाने को विवश नजर आ रहे हैं.

देखें पूरी खबर

पैदल आने को बेबस मजदूर

लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों का हाल दिन-प्रतिदिन बेहाल होता जा रहा है. बिहार, बंगाल और झारखंड के सैकड़ों मजदूर अब भी देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे हैं. इनमें से कई मजदूरों को ट्रेन और बस के माध्यम से वापस लाया जा रहा है तो कई ऐसे मजदूर हैं जो पैदल ही 20 से भी अधिक दिनों का सफर तय कर अपने घर जाने के लिए बेबस नजर आ रहे हैं.

25 दिन से लगातार पैदल सफर

ऐसा ही एक मामला मंगलवार को सरायकेला के चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में देखने को मिला, जहां बीते 25 दिन से पैदल सफर तय कर केरल से पहुंचे एक मजदूर धीरेन माझी की तबीयत बुरी तरह बिगड़ गई. पेशे से ट्रक चालक लॉकडाउन से पहले ट्रक लेकर केरल गया था. इसी बीच देश में लागू सबसे पहला लॉकडाउन 14 अप्रैल को खुलने वाला था, लेकिन सरकार की ओर से इसकी मियाद बढ़ाए जाने के बाद ट्रक चालक 18 अप्रैल को पैदल ही केरल से अपने घर को निकल पड़ा था.

18 अप्रैल को केरल से चला था पैदल

रास्ते में उसे केवल बिस्कुट और पानी ही प्राप्त हुआ. नतीजतन गुरुवार को वह चांडिल अनुमंडल के भाबमुडीह के पास सड़क किनारे अचेत अवस्था में मिला, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने उसे इलाज के लिए अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया. बीमार चालक ने बताया कि वह 18 अप्रैल को पैदल ही केरल से मजबूरन चला था. वह मुख्य रुप से बंगाल के पुरुलिया का रहने वाला है. इधर, चांडिल अनुमंडल में मजदूर के इलाज किए जाने के बाद उसकी हालत में फिलहाल सुधार बताई जा रही है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.