सरायकेला: जिले की लाइफ लाइन मानी जाने वाले टाटा-कांड्रा स्टेट हाइवे सड़क पर सर्विस लेन में बेतरतीब पार्किंग और सड़क किनारे लगातार हो रहे अतिक्रमण दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रहे हैं. सड़क पर लगातार बढ़ रहे सड़क दुर्घटनाओं के मामले के बाद भी लोगों में सतर्कता की कमी है. वहीं, जिला परिवहन विभाग की ओर से पार्किंग और अवैध अतिक्रमण हटाने के नाम पर महज खानापूर्ति की जा रही है.
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खतरनाक घोषित हो रहे टाटा-कांड्रा-सरायकेला मुख्य मार्ग पर साल 2020 में कुल 65 सड़क दुर्घटनाएं घटित हुई हैं. इन दुर्घटनाओं में 95 लोगों ने अपनी जान गवाई है. जबकि 105 गंभीर रूप से घायल हुए हैं. आए दिन हो रहे सड़क दुर्घटनाओं के कारण दुखद आंकड़े अप्रत्याशित रूप से बढ़ रहे हैं. वहीं, सड़क निर्माता एजेंसी और झारखंड औद्योगिक क्षेत्रीय विकास प्राधिकार को अधिवक्ता संघ और सामाजिक संगठन जनकल्याण मोर्चा ने कटघरे में खड़ा किया है. मोर्चा के अध्यक्ष सह अधिवक्ता ओमप्रकाश ने बताया कि सरकार की ओर से प्रतिवर्ष सड़क मेंटेनेंस को लेकर एजेंसी को 44 करोड़ रुपये दिए जाने के बाद भी एजेंसी सुरक्षा मानकों को ताक पर रखकर कार्य में कोताही बरत रही है.
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परिवहन विभाग का दावा समय-समय पर चलते हैं अभियान
स्टेट हाइवे सड़क किनारे अवैध तरीके से बड़े और भारी वाहनों का पड़ाव होने के कारण आए दिन हो रही सड़क दुर्घटनाओं को लेकर जिला परिवहन विभाग की ओर से कोई गंभीरता नहीं दिखाई जाती. इस मुद्दे पर जिला परिवहन पदाधिकारी दिनेश रंजन ने बताया कि समय-समय पर विभाग अवैध पार्किंग और अतिक्रमण के विरुद्ध अभियान चलाते हैं और हाल के दिनों में संपन्न हुए सड़क सुरक्षा बैठक में औद्योगिक क्षेत्र समेत स्टेट हाइवे किनारे खड़े हो रहे बड़े और भारी वाहनों के पार्किंग को लेकर ट्रांसपोर्ट नगर बनाने की योजना प्रस्तावित है. डीटीओ ने बताया कि झारखंड क्षेत्रीय औद्योगिक विकास प्राधिकार जियाडा की ओर से जमीन आवंटित किए जाने पर ट्रांसपोर्ट नगर निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ हो सकती है.