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सरायकेलाः मधुमक्खी पालन के लिए बांटे छत्ते और उपकरण, तीन दिन प्रशिक्षण भी दिया जाएगा - सरायकेला में मधुमक्खी पालन की शुरुआत

सरायकेला में व्यापक पैमाने पर किसानों के माध्यम से मधुमक्खी पालन की शुरुआत कराई जा रही है. इसको लेकर एसडीओ ने जिले के 10 किसानों को मधुमक्खी पालन में जरूरी उपकरणों समेत मधुमक्खी के छत्ते प्रदान किए.

beekeeping started through farmers in seraikela
किसानों के माध्यम से मधुमक्खी पालन की शुरुआत
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Published : Jan 24, 2021, 10:11 PM IST

सरायकेलाः जिला उद्यान विभाग की ओर से जिले में व्यापक पैमाने पर मधुमक्खी पालन की शुरुआत कराई जा रही है. उद्यान विकास योजना के अंतर्गत इसको लेकर जिले के 10 किसानों को मधुमक्खी के छत्ते बांटे गए. सरायकेला प्रखंड नर्सरी में जिला उद्यान विभाग की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में सरायकेला अनुमंडलाधिकारी राम कृष्ण कुमार की ओर से किसानों को मधुमक्खी पालन संबंधी सेट बांटे गए.


मधु निकालने तक के उपकरण
जिला उद्यान पदाधिकारी संजय कुमार की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में विभाग के प्रधान लिपिक कमलेश कुमार झा सहित अन्य उपस्थित रहे. मौके पर जिला उद्यान पदाधिकारी की ओर से किसानों को बेहतर तरीके से मधुमक्खी पालन के टिप्स दिए गए. इस संबंध में उन्होंने बताया कि किसानों को योजना के तहत 80 प्रतिशत सब्सिडी पर मधुमक्खी पालन से लेकर मधु निकालने तक के सारे इक्विपमेंट्स दिए जा रहे हैं. जिसमें प्रति किसान को 18 हजार 300 का भुगतान करना पड़ रहा है. जबकि सरकार की ओर से 73 हजार 200 हजार की राशि प्रति किसान दी जा रही है.

इसे भी पढ़ें- नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तारीफ, पढ़ें पूरी रिपोर्ट


इटालियन एपीस मेलीफेरा मधुमक्खी का होगा पालन
जिला उद्यान पदाधिकारी की ओर से बताया गया कि किसानों को उत्तम क्वालिटी की इटालियन एपीस मेलीफेरा प्रजाति की मधुमक्खी उपलब्ध कराई जा रही है. इसके साथ ही आगामी 2 फरवरी से संबंधित किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र में 3 दिनों तक मधुमक्खी पालन को लेकर प्रशिक्षण दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि उत्पादित मधु के बाजार को लेकर भी विभाग की ओर से कवायद की जा रही है. जिसके तहत सरकार की ओर से निर्धारित उचित दर पर विभाग के माध्यम से आमजन को प्योर हनी उपलब्ध कराने की तैयारी है.

मधुमक्खी पालन की अपार संभावना
मधुमक्खी पालन को लेकर टिप्स देते हुए जिला उद्यान पदाधिकारी ने बताया कि फूलों के सीजन वाले सामान्य दिनों में एक महीने में मधुमक्खी के एक छत्ते से तकरीबन 5 किलोग्राम मधु प्राप्त किया जा सकता है, जो स्वास्थ्यपरक और रोजगार की दृष्टि से काफी बेहतर है. जिले में सालों भर खिलने वाले पुटूश के फूल और करंज के फूल के साथ मधुमक्खी पालन की अपार और व्यापक संभावना है.

सरायकेलाः जिला उद्यान विभाग की ओर से जिले में व्यापक पैमाने पर मधुमक्खी पालन की शुरुआत कराई जा रही है. उद्यान विकास योजना के अंतर्गत इसको लेकर जिले के 10 किसानों को मधुमक्खी के छत्ते बांटे गए. सरायकेला प्रखंड नर्सरी में जिला उद्यान विभाग की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में सरायकेला अनुमंडलाधिकारी राम कृष्ण कुमार की ओर से किसानों को मधुमक्खी पालन संबंधी सेट बांटे गए.


मधु निकालने तक के उपकरण
जिला उद्यान पदाधिकारी संजय कुमार की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में विभाग के प्रधान लिपिक कमलेश कुमार झा सहित अन्य उपस्थित रहे. मौके पर जिला उद्यान पदाधिकारी की ओर से किसानों को बेहतर तरीके से मधुमक्खी पालन के टिप्स दिए गए. इस संबंध में उन्होंने बताया कि किसानों को योजना के तहत 80 प्रतिशत सब्सिडी पर मधुमक्खी पालन से लेकर मधु निकालने तक के सारे इक्विपमेंट्स दिए जा रहे हैं. जिसमें प्रति किसान को 18 हजार 300 का भुगतान करना पड़ रहा है. जबकि सरकार की ओर से 73 हजार 200 हजार की राशि प्रति किसान दी जा रही है.

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इटालियन एपीस मेलीफेरा मधुमक्खी का होगा पालन
जिला उद्यान पदाधिकारी की ओर से बताया गया कि किसानों को उत्तम क्वालिटी की इटालियन एपीस मेलीफेरा प्रजाति की मधुमक्खी उपलब्ध कराई जा रही है. इसके साथ ही आगामी 2 फरवरी से संबंधित किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र में 3 दिनों तक मधुमक्खी पालन को लेकर प्रशिक्षण दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि उत्पादित मधु के बाजार को लेकर भी विभाग की ओर से कवायद की जा रही है. जिसके तहत सरकार की ओर से निर्धारित उचित दर पर विभाग के माध्यम से आमजन को प्योर हनी उपलब्ध कराने की तैयारी है.

मधुमक्खी पालन की अपार संभावना
मधुमक्खी पालन को लेकर टिप्स देते हुए जिला उद्यान पदाधिकारी ने बताया कि फूलों के सीजन वाले सामान्य दिनों में एक महीने में मधुमक्खी के एक छत्ते से तकरीबन 5 किलोग्राम मधु प्राप्त किया जा सकता है, जो स्वास्थ्यपरक और रोजगार की दृष्टि से काफी बेहतर है. जिले में सालों भर खिलने वाले पुटूश के फूल और करंज के फूल के साथ मधुमक्खी पालन की अपार और व्यापक संभावना है.

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