सरायकेला: कोल्हान के तीनों जिलों में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने नदियों को बचाने के लिए विशेष निगरानी टीम गठित करने का निर्देश जिला प्रशासन को दिया है, स्पेशल सर्विलांस टास्क फोर्स नामक इस टीम का गठन कोल्हान के तीनों जिले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश के देखरेख में किया जा रहा है.
तीनों जिलों में गठित हुए स्पेशल सर्विलांस टास्क फोर्स में जिले के उपायुक्त, एसपी, डीएसपी के साथ सदस्य के रूप में प्रदूषण नियंत्रण परिषद के क्षेत्रीय पदाधिकारी शामिल हैं. यह टीम अपने-अपने जिलों में नदियों से अवैध खनन को रोकने और नदियों के प्रदूषण को रोकने के लिए निगरानी का काम करेगी.
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नदियों के पानी घटने पर बढ़ता है प्रदूषण का स्तर
बरसात के मौसम बीतने के बाद नदियों के प्रदूषण का स्तर घट जाता है, जिस कारण प्रदूषण की मात्रा बढ़ जाती है, जबकि अवैध उत्खनन से नदियों के अस्तित्व पर भी खतरा मंडराता है. इस संबंध में जानकारी देते हुए झारखंड प्रदूषण नियंत्रण परिषद के कोल्हान प्रक्षेत्र के क्षेत्रीय पदाधिकारी सुरेश पासवान ने बताया कि नदी में गिरने वाले सभी नालों के पानी के उपचार के बाद ही उसे नदी में छोड़ा जाना है, साथ ही नालों में जाली लगाई जानी है ताकि ठोस कचरा नदी में ना गिरे.
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नदियों के प्रदूषण पर एनजीटी ने लिया संज्ञान
प्रदूषण नियंत्रण परिषद ने राज्य और केंद्रीय कार्यालय को रिपोर्ट भेजा था, जिसमें 2019 के जून माह में कोल्हान के दो प्रमुख नदियां खरकई और स्वर्णरेखा नदी के जल को सी ग्रेड बताया गया था. इधर लगातार दोनों प्रमुख नदियों में बढ़ रहे प्रदूषण के मात्रा को लेकर एनजीटी ने स्वत संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन के सहयोग से निगरानी टीम गठित की है.
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नदियों के लिए टास्क फोर्स गठित
नदी से अवैध बालू उठाव पर रोक, नदी के पत्थरों की कटिंग, नदी किनारे मिट्टी कटाई और नदियों में प्रदूषण फैलाने के विरुद्ध एनजीटी ने सख्ती दिखाते हुए सर्विलांस टीम के साथ-साथ टास्क फोर्स का भी गठन किया है ताकि नदियों को प्रदूषण मुक्त किया जा सके और नदियों का अस्तित्व भी बचा रहे.