सरायकेला: दलमा अभयारण्य में शिकार पर्व को लेकर वन विभाग अलर्ट पर है. स्थानीय लोग शिकार पर्व के दौरान वन्य प्रणियों का शिकार करते हैं. इस शिकार को रोकने के लिए दलमा जाने वाली सभी सड़कों पर वन विभाग की टीम मुस्तैद है और आने-जाने वाले लोगों की निगरानी कर रही है.
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वन विभाग की सक्रियता के बावजूद स्थानीय लोग पारंपरिक हथियार लेकर दलमा अभयारण्य में घूमते दिखे. दलमा अभयारण्य के डीएफओ अभिषेक कुमार के साथ साथ वन्य संरक्षक प्रमोद कुमार और चांडिल रेंजर शशि प्रकाश रंजन ने चांडिल रेलवे स्टेशन और आसपास के इलाके में सघन जांच अभियान चलाया. इसके साथ ही दलमा के तराई क्षेत्र में भी अभियान चलाया. इस दौरान स्थानीय लोगों से जाल और अन्य हथियार जब्त किया. हालांकि, ग्रामीणों को समझा बुझाकर वापस भेज दिया.
आदिवासी समुदाय में शिकार पर्व का काफी महत्व है. आदिवासी परंपरा के अनुसार मई महीने में लोग शिकार पर्व मनाते हैं. इस पर्व के दौरान पुरुष पारंपरिक हथियार लेकर जंगल में जाते हैं और वन्य प्राणियों का शिकार कर वापस आपने गांव लौटते है. इसके बाद शाम में गांव के लोग सामूहिक जश्न मनाते है. हालांकि, वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम बनने के बाद से वन विभाग शिकार पर्व के दौरान अलर्ट हो जाता है, ताकि वन्य प्राणियों का शिकार नहीं किया जा सके.