सरायकेला: जिले के औद्योगिक क्षेत्र के छोटे व्यवसायी और उद्यमी इस आम बजट को खास बजट मान रहे हैं क्योंकि इस बार औद्योगिक स्थिति को देखते हुए सरकार ने बजट में राहत संबंधित कई घोषणाएं शामिल करना अति आवश्यक है. ईटीवी भारत से सरायकेला के उद्यमी व्यवसायियों केंद्र सरकार के आने वाले 1 फरवरी के आम बजट को लेकर अपनी राय साझा की.
ऑटो क्लस्टर के एमडी एसएन ठाकुर ने बताया कि उद्यमी मानते हैं कि लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्योग से जहां एक ओर अधिक से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त होता है तो वहीं राजस्व भी सरकार को भरपूर मिलता है. ऐसे में इस आम बजट में छोटे उद्यमियों के बारे में सोचा जाना अति आवश्यक है. उद्यमी मानते हैं कि औद्योगिक नीति बेहतर बने, जबकि औद्योगिक नीति का सरलीकरण किया जाए. उद्यमियों को वित्तीय सहायता आसानी से प्राप्त हो और एमएसएमई मंत्रालय छोटे उद्यमियों को देखते हुए नए घोषणाएं करें ताकि स्किल इंडिया को भी बढ़ावा मिले.
छोटे उद्योग बड़े उद्योगों पर है आश्रित
औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमी मानते हैं कि छोटे उद्योग बड़े उद्योगों पर ही आश्रित और निर्भर हैं. ऐसे में बड़े उद्योगों के पास जब काम मिलेगा तो छोटे उद्योग भी और रोजगार सृजित करेंगे, आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमी संगठन एशिया के अध्यक्ष इंदर अग्रवाल ने बताया कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में मंदी के कारण स्थिति बिगड़ी हुई है. ऐसे में मार्च 2020 से सरकार बीएससी 6 इंजन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एक अप्रैल से बीएस 4 इंजन के वाहनों के निर्माण पर रोक लगाने जा रही है. जबकि यदि एक साल तक बीएस-4 मॉडल वाले गाड़ियों को मोहलत मिले तो छोटे उद्योगों को काफी फायदा होगा. इसके साथ ही सरकार की नई स्क्रेपिंग पॉलिसी भी इसमें काफी कारगर साबित होगी. उन्होंने बताया कि विद्युत दर बढ़ोतरी के कारण छोटे औद्योगिक इंडक्शन फर्नेस बंदी के कगार पर हैं जिन्हें निश्चित तौर पर राहत पैकेज प्रदान किया जाना चाहिए.
राष्ट्रीय उद्यमी संगठन लघु उद्योग भारती के जिला अध्यक्ष रूपेश कतरियार ने इस आम बजट को इस बार उद्यमी और व्यवसायियों के लिए अति खास बजट बताया है. उन्होंने कहा है कि विगत 1 साल से औद्योगिक समेत ऑटोमोबाइल सेक्टर में जो स्थिति उत्पन्न हुई है, उससे इस बजट में कोई राहत पैकेज नहीं बल्कि सरकार ने चमत्कारी पैकेज की आस छोटे उद्यमी व्यवसाई लगाए बैठे हैं. उद्यमी ऐसा पैकेज चाहते हैं जो कि सरकार के तिजोरी से निकलकर उद्यमियों के लिए संजीवनी बूटी का काम करें. इसके साथ ही छोटे उद्योगों को वित्तीय सुविधाएं आसानी से प्राप्त हो, बैंकिंग लोन जैसे मामलों का सरल होना अति आवश्यक है. जबकि मरणासन्न स्थिति में पहुंचे उद्योगों को इस बजट में विशेष तवज्जो मिलना चाहिए.
कई छोटे उद्यमी यह मानते हैं कि ऑटोमोबाइल सेक्टर के बंदी और मंदी के कारण बैंकों के खाते लगातार एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग असेट्स) में तब्दील होते जा रहे हैं. ऐसे में एनपीए हो चले उद्योगों को भी बजट में विशेष प्रावधान के तहत सुविधा प्रदान की जानी चाहिए ताकि उद्योग चले और लोगों को काम भी मिले.
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उद्यमियों के लिए है खास बजट
इस आम बजट जो कि उद्यमियों के लिए काफी खास होता है, इससे काफी उम्मीदें हैं. ऐसे में अब सरकार क्या कुछ नए बातों को बजट में समाहित करती है इससे औद्योगिक क्षेत्र के दशा और दिशा को फिर से गति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है, जबकि ज्यादातर उद्यमी इस बात की आस लगाए बैठे हैं कि इस आम बजट में उनके हित हो को देखते हुए सरकार कुछ नए और बेहतरीन निर्णय ले।