सरायकेला: आदित्यपुर नगर निगम द्वारा औद्योगिक क्षेत्र से होल्डिंग टैक्स वसूली मुद्दे को लेकर औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमी संगठन एसिया द्वारा कड़ा विरोध किया गया है. होल्डिंग टैक्स वसूले जाने को लेकर एसिया कार्यकारिणी द्वारा शनिवार को कार्यालय में प्रेस वार्ता आयोजित कर नगर निगम के अपर नगर आयुक्त गिरजा शंकर प्रसाद के प्रति विरोध जताया गया.
आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र स्थित उद्यमी संगठन एसिया के अध्यक्ष संतोष खेतान ने बताया कि, औद्योगिक क्षेत्र सरकार के बजट से 1972 में स्थापित हुआ था. तब से लेकर आज तक यह उद्योग विभाग के अधीन आता है. जिसके तहत वर्तमान में झारखंड औद्योगिक क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण, जियाडा द्वारा संपूर्ण औद्योगिक क्षेत्र में सड़क, नाली निर्माण, रखरखाव, स्ट्रीट लाइट, साफ सफाई समेत उद्योगों के मूलभूत सुविधाओं को बहाल करने की जिम्मेदारी जियाडा की है. जिसके एवज में सभी उद्योग जियाडा को लैंड रेंट और लेवी का भुगतान करते आ रहे हैं. ऐसे में नगर निगम द्वारा जबरन उद्योगों पर होल्डिंग टैक्स देने का अतिरिक्त दबाव बनाया जा रहा है. जिसका उद्यमी पुरजोर विरोध करते हैं.
सरायकेला में उद्यमी नाराज हाई कोर्ट ने उद्योग और नगर विकास विभाग को दिया सर्वमान्य हल खोजने का आदेशः औद्योगिक क्षेत्र से जबरन होल्डिंग टैक्स वसूले जाने के मुद्दे को लेकर कुछ उद्योगों द्वारा झारखंड हाई कोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी. जिस पर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के नगर विकास विभाग और उद्योग विभाग को निर्देशित किया है कि वे आपसी तालमेल के साथ सर्वमान्य हल खोजें. हाई कोर्ट के आदेश पारित होने के बाद यह मामला फिलहाल दोनों विभाग के बीच अटका है.
उद्योगों में बोरवेल जांच का कड़ा विरोध, पेयजल विभाग ने दिए थे कनेक्शनः उद्यमी संगठन एसिया ने नगर निगम द्वारा स्थानीय उद्योगों में अनाधिकृत तरीके से प्रवेश कर कारखानों में किए गए बोरवेल की जांच पर भी कड़ी आपत्ति दर्ज की है. अध्यक्ष संतोष खेतान ने बताया कि बोरवेल जांच का अधिकार सेंट्रल ग्राउंड वॉटर बोर्ड के पास है. बावजूद इसके नगर निगम के अधिकारियों द्वारा जबरन उद्योगों में प्रवेश कर बोरवेल जांच की जा रही है. जिससे प्रतीत होता है कि निगम के अधिकारी उद्यमियों का भयादोहन करना चाहते हैं. उद्यमियों द्वारा बताया गया है कि, वर्षों पूर्व उद्योग स्थापित होते ही पेयजल आपूर्ति विभाग द्वारा कल-कारखानों में पाइप लाइन कनेक्शन किए गए थे, आज भी पेयजल विभाग उद्योगों में जलापूर्ति कर रहा है जबकि नगर निगम केवल जल कर की वसूली और उसके रखरखाव का कार्य करती है.
उद्योग सचिव और मंत्री से मिलेंगे उद्यमी, सांकेतिक बंद के बाद उद्योगों में लगाएंगे तालाः नगर निगम द्वारा जबरन होल्डिंग टैक्स वसूलने और नए जलापूर्ति योजना के तहत बिना होल्डिंग पानी कनेक्शन नहीं दिए जाने के मुद्दे को लेकर, उद्योगपतियों का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही राज्य उद्योग सचिव से मुलाकात कर पूरे मामले से अवगत कराएगा, इसके अलावा स्थानीय विधायक और मंत्री चंपई सोरेन से भी उद्यमी मिलेंगे, उद्यमियों द्वारा मांगे पूरी नहीं होने पर पहले सांकेतिक रूप से एक दिन के लिए उद्योग-धंधे बंद किए जाएंगे, जबकि समस्या का समाधान नहीं निकलने पर उद्यमियों ने सरकार को सभी उद्योग धंधे बंद कर चाभी सौंपने का भी निर्णय लिया है.