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सरायकेला में हाथियों के झुंड ने मचाया उत्पात, फसलों को बचाने के लिए किसानों की नींद हराम - हाथियों का उत्पात

सरायकेला वन क्षेत्र के कई गांवों में तीन-चार दिनों से हाथियों का उत्पात जारी था. 25-30 की संख्या में आए जंगली हाथियों ने लगभग 50 एकड़ खेतों में तैयार धान के फसल को बर्बाद कर दिया है. किसानों ने काफी मशक्कत से हाथियों के झुंड को जंगलों की ओर खदेड़ा है. वहीं, वन रक्षियों ने किसानों को फसल के नुकसान की भरपाई के लिए आवेदन देने को कहा है.

Elephants rage in Seraikela
हाथियों का आतंक
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Published : Oct 13, 2020, 3:56 AM IST

सरायकेला: खरसावां वन क्षेत्र के चिलकु, बिटापुर, हरिभंजा पंचायत के विभिन्न गांवों में पिछले तीन-चार दिनों से जंगली हाथी उत्पात मचा रहा है. प्रखंड के दर्जनों गांवों में करीब 25-30 की संख्या में आए जंगली हाथियों ने लगभग 50 एकड़ खेतों में तैयार धान के फसल को बर्बाद कर दिया.

हाथियों के झुंड में दो बड़े और आठ बच्चा हाथी भी है. करीब 25-30 की संख्या में आए जंगली हाथियों के दो झुंड ने खरसावां के आकर्षिणी डूंगरी और मुनी डूंगरी में डेरा डाला दिया है. दिन के समय में जंगली हाथी इन डूंगरियों (छोटा पाहाड़) में पेड़ों के बीच छीप जा रहे हैं और शाम होते ही डूंगरी से बाहर निकल कर खेतों में उत्पात मचा रहे हैं. किसानों ने बताया कि इन हाथियों को खदेड़ने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. हाथियों को खेतों से जंगल की ओर खदेड़ने में वन विभाग का भी सहयोग नहीं मिल रहा है. किसानों ने वन विभाग से हाथियों को खदेड़ने के लिए पटाखा और मशाल उपलब्ध कराने की मांग की है.

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करीब सौ की संख्या में निकले किसानों ने हाथियों के झुंट को जंगल की ओर खदेड़ दिया है. हाथियों ने किसानों को काफी नुकसान पहुंचाया है. नुकसान का वन रक्षियों ने जायजा भी लिया है. उन्होंने मुआवजे के लिए किसानों को आवेदन देने को कहा है.

सरायकेला: खरसावां वन क्षेत्र के चिलकु, बिटापुर, हरिभंजा पंचायत के विभिन्न गांवों में पिछले तीन-चार दिनों से जंगली हाथी उत्पात मचा रहा है. प्रखंड के दर्जनों गांवों में करीब 25-30 की संख्या में आए जंगली हाथियों ने लगभग 50 एकड़ खेतों में तैयार धान के फसल को बर्बाद कर दिया.

हाथियों के झुंड में दो बड़े और आठ बच्चा हाथी भी है. करीब 25-30 की संख्या में आए जंगली हाथियों के दो झुंड ने खरसावां के आकर्षिणी डूंगरी और मुनी डूंगरी में डेरा डाला दिया है. दिन के समय में जंगली हाथी इन डूंगरियों (छोटा पाहाड़) में पेड़ों के बीच छीप जा रहे हैं और शाम होते ही डूंगरी से बाहर निकल कर खेतों में उत्पात मचा रहे हैं. किसानों ने बताया कि इन हाथियों को खदेड़ने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. हाथियों को खेतों से जंगल की ओर खदेड़ने में वन विभाग का भी सहयोग नहीं मिल रहा है. किसानों ने वन विभाग से हाथियों को खदेड़ने के लिए पटाखा और मशाल उपलब्ध कराने की मांग की है.

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करीब सौ की संख्या में निकले किसानों ने हाथियों के झुंट को जंगल की ओर खदेड़ दिया है. हाथियों ने किसानों को काफी नुकसान पहुंचाया है. नुकसान का वन रक्षियों ने जायजा भी लिया है. उन्होंने मुआवजे के लिए किसानों को आवेदन देने को कहा है.

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