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सरायकेलाः ठंड से हथिनी हुई बीमार, दलमा वन्य प्राणी अभ्यारण्य में हाथियों का रहना हो रहा मुश्किल - दलमा वन्य प्राणी अभ्यारण

चांडिल अनुमंडल में दलमा वन्य प्राणी अभ्यारण्य में बढ़ते ठंड का असर हाथियों पर साफ देखा जा रहा है. ठंड की चपेट में आने से हथिनी चंपा बीमार हो गई है.

Elephant Sick from cold in seraikela
हथिनी बीमार
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Published : Jan 7, 2020, 11:31 PM IST

सरायकेला: जिले के चांडिल अनुमंडल में दलमा वन्य प्राणी अभ्यारण्य में बढ़ते ठंड का असर हाथियों पर साफ देखा जा रहा है, जहां रात में तकरीबन 2 डिग्री तापमान के बीच हाथी लगातार बीमार पड़ रहे हैं. बढ़ते ठंड के प्रकोप से हथिनी चंपा पिछले कई दिनों से बीमार चल रही है.

देखिए पूरी खबर

इस बीच हथिनी की तबीयत ज्यादा खराब होने के कारण वह चलने फिरने में भी असमर्थ हो गई. इधर, वन विभाग के अधिकारियों ने हथिनी की तबीयत बिगड़ने के बाद फौरन उसके बेहतर इलाज का इंतजाम किया. इलाज कर रहे पशु चिकित्सक ने बताया कि दलमा वन्य प्राणी अभ्यारण्य पहाड़ी पर स्थित है. नतीजतन, यहां रात में 2 डिग्री तक तापमान हो जाता है और इस कड़ाके की ठंड की चपेट में हथिनी आ गई है, जिसके कारण तबीयत खराब हुई है.

ये भी पढ़ें: नक्सलियों के खिलाफ जारी रहेगा अभियान, साल 2019 में मारे गए थे 26 नक्सली
दलमा वन्य प्राणी हाथी अभ्यारण्य में झुंड से बिछड़ कर पहुंचे हाथियों को रखा जाता है, जहां वन विभाग के सहयोग से हाथियों की देखरेख की जाती है. तकरीबन एक महीने पहले तबीयत बिगड़ने से हथिनी लक्ष्मी की मौत हो गई थी.

सरायकेला: जिले के चांडिल अनुमंडल में दलमा वन्य प्राणी अभ्यारण्य में बढ़ते ठंड का असर हाथियों पर साफ देखा जा रहा है, जहां रात में तकरीबन 2 डिग्री तापमान के बीच हाथी लगातार बीमार पड़ रहे हैं. बढ़ते ठंड के प्रकोप से हथिनी चंपा पिछले कई दिनों से बीमार चल रही है.

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इस बीच हथिनी की तबीयत ज्यादा खराब होने के कारण वह चलने फिरने में भी असमर्थ हो गई. इधर, वन विभाग के अधिकारियों ने हथिनी की तबीयत बिगड़ने के बाद फौरन उसके बेहतर इलाज का इंतजाम किया. इलाज कर रहे पशु चिकित्सक ने बताया कि दलमा वन्य प्राणी अभ्यारण्य पहाड़ी पर स्थित है. नतीजतन, यहां रात में 2 डिग्री तक तापमान हो जाता है और इस कड़ाके की ठंड की चपेट में हथिनी आ गई है, जिसके कारण तबीयत खराब हुई है.

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दलमा वन्य प्राणी हाथी अभ्यारण्य में झुंड से बिछड़ कर पहुंचे हाथियों को रखा जाता है, जहां वन विभाग के सहयोग से हाथियों की देखरेख की जाती है. तकरीबन एक महीने पहले तबीयत बिगड़ने से हथिनी लक्ष्मी की मौत हो गई थी.

Intro:सरायकेला जिले के चांडिल अनुमंडल अंतर्गत दलमा वन्य प्राणी अभ्यारण में बढ़ते ठंड का असर हाथियों पर साफ देखा जा रहा है, जहां रात में तकरीबन 2 डिग्री तापमान के बीच हाथी लगातार बीमार पड़ रहे हैं।

Body:दलमा वन्य प्राणी अभ्यारण अंतर्गत मालू कोचा में बढ़ते ठंड के प्रकोप से मादा हथिनी चंपा विगत कई दिनों से बीमार चल रही है, इस बीच मादा हाथी की तबीयत ज्यादा खराब होने के कारण वह चलने फिरने में भी असमर्थ हो गई, इधर वन विभाग के अधिकारियों ने मादा हाथी की तबीयत बिगड़ने के बाद फौरन उसके बेहतर इलाज के इंतजाम किए, बीते देर रात मादा हाथी चंपा की तबीयत अचानक बहुत खराब हो गई जिसके बाद वन विभाग में पशु चिकित्सकों की टीम गठित कर मादा हथनी का बेहतर इलाज शुरू किया. इलाज कर रहे पशु चिकित्सक ने बताया कि दलमा वन्य प्राणी अभ्यारण पहाड़ी पर स्थित है नतीजतन यहां रात में 2 डिग्री तक तापमान हो जाता है और इस कड़ाके की ठंड की चपेट में मादा हाथी आ गई है , जिसके कारण तबीयत खराब हुई है, पशु चिकित्सकों द्वारा बेहतर इलाज किए जाने के साथ ही मादा हाथी को क्रेन के माध्यम से उठाया गया इसके बाद वह चलने फिरने में समर्थ हो पाई।

एक सप्ताह से बीमार चल रही थी मादा हाथी।

हाड कपाने वाले ठंड के कारण दलमा वन्य प्राणी अभ्यारण के हाथी लगता इसकी चपेट में आ रहे हैं इसी क्रम में मादा हाथी चंपा विगत एक सप्ताह से बीमार चल रही थी , जबकि बीते देर रात अचानक उसके तबीयत में काफी गिरावट देखने को मिला और वह चलने फिरने में पूरी असमर्थ हो गई।Conclusion:एक महीने पूर्व मादा हाथी लक्ष्मी की हुई थी मौत।

दलमा वन्य प्राणी हाथी अभ्यारण में झुंड से बिछड़ कर पहुंचे हाथियों को रखा जाता है , जहां वन विभाग के सहयोग से हाथियों का देखरेख किया जाता है, इधर तकरीबन एक माह पूर्व तबीयत बिगड़ने से मादा हाथी लक्ष्मी की मौत हो गई थी , वहीं अब मादा हाथी चंपा के तबीयत खराब होने के बाद वन विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।

हालांकि वन विभाग के चिकित्सकों ने दावा किया है कि बढ़ते ठंड को देखते हुए अभ्यारण के हाथियों की देखरेख बेहतर तरीके से की जा रही है , बावजूद इसके हाथियों के स्वास्थ्य में गिरावट ने वन विभाग के अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है।

बाइट - डॉ एस कुमार , वन विभाग , पशु चिकित्सक
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