सरायकेला: जिले के टाटा-कांड्रा मुख्य मार्ग पर स्थित पूर्वी भारत का पहला नेशनल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट के भवन निर्माण का कार्य फिलहाल चहारदीवारी निर्माण तक ही सीमित रह गया है. 100 करोड़ की लागत से बनने वाले नेशनल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट के निर्माण कार्य में 5 साल बीतने के बाद भी कोई तेजी देखने को नहीं मिल रही है. ऐसे में अति महत्वकांक्षी यह परियोजना फिलहाल ठंडे बस्ते में है.
बिल्डिंग प्लान को नहीं मिला अब तक अप्रूवल
सरायकेला जिले समेत पूरे पूर्वी भारत के लिए केंद्र सरकार की अति महत्वकांक्षी परियोजना को धरातल पर उतरने में अभी और वक्त लगेगा. फिलहाल इस महत्वकांक्षी परियोजना के तहत केवल चहारदीवारी निर्माण कार्य संपन्न कराया गया है जबकि बहुमंजिला भवन निर्माण को लेकर बिल्डिंग प्लान तैयार कर अब तक अप्रूवल के लिए नहीं भेजा गया है. जबकि इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुए 1 साल से भी अधिक समय बीत चुका है. परियोजना के चहारदीवारी निर्माण का कार्य सीपीडब्ल्यूडी ने कराया है.
32.4 एकड़ वन भूमि को मिली है स्वीकृति
इस महत्वकांक्षी परियोजना के तहत भवन निर्माण को लेकर केंद्रीय वन और पर्यावरण विभाग ने 32.4 एकड़ जमीन की स्वीकृति प्रदान की है. जिसमें 15 एकड़ भूखंड पर संस्थान के आधुनिक भवन का निर्माण कराया जाना है. जबकि 17 एकड़ भूखंड पर नक्षत्र वन की स्थापना की जानी है. जिसमें सैकड़ों किस्म के औषधीय प्लांट लगाए जाने हैं लेकिन फिलहाल दोनों परियोजना अधर में है.
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17 एकड़ जमीन का नहीं हो सका अधिग्रहण
महत्वकांक्षी परियोजना के तहत नक्षत्र वन को लेकर 17 एकड़ जमीन चिन्हित किया गया है. संस्थान निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण तो हुआ लेकिन इसके साथ-साथ बनने वाले नक्षत्र वन के लिए 17 एकड़ भूखंड का अब तक अधिग्रहण नहीं हो सका है. बता दें कि नक्षत्र वन परियोजना 20 करोड़ की लागत से स्थापित होगा और यह राज्य का दूसरा नक्षत्र वन बनेगा. इससे पहले रांची में राज्य का पहला नक्षत्र वन स्थापित है.
2015 में परियोजना को मिली स्वीकृति
पूर्व में फोरमैन ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट के नाम से स्थापित यह संस्था अब नेशनल स्किल ट्रेंनिंग इंस्टीट्यूट हो गया है. इस परियोजना को 2015 में केंद्र सरकार से मंजूरी मिली, जिसके बाद चहारदीवारी निर्माण कार्य शुरू कराया गया. इस परियोजना में 50 करोड़ की लागत से बिल्डिंग निर्माण होना है. जबकि 20 करोड़ की लागत से नक्षत्र वन बनाया जाएगा.
नेशनल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट के उप निदेशक बी रवि ने बताया कि बिल्डिंग प्लान तैयार कर अप्रूवल के लिए दिल्ली विभाग को भेजा जा चुका है. वहीं, भवन निर्माण होते ही यहां 10 नए एडवांस कोर्स छात्रों को उपलब्ध होंगे और यह संस्थान पूर्वी भारत के लिए मील का पत्थर साबित होगा.