सरायकेला: जिले के औद्योगिक क्षेत्र में विकास को गति प्रदान करने को लेकर झारखंड औद्योगिक क्षेत्रीय विकास प्राधिकार (जियाडा) ने कवायद शुरू कर दी है. जिसके तहत अब उद्योग के लिए आवंटित जमीन पर नए उद्योग शुरू करने के साथ-साथ बंद उद्योगों फिर से उद्योग शुरू करने को लेकर विशेष तैयारियां की गई है.
जियाडा ने औद्योगिक क्षेत्र में संचालित तकरीबन 1200 उद्योगों में विगत कई दिनों से सर्वे कार्य कराया है ताकि यह पता चले कि कौन से उद्योग संचालित हैं और कौन से उद्योग बंद पड़े हैं. इसके साथ ही जियाडा बंद पड़े उद्योगों की सूची तैयार कर उन्हें फिर से शुरू किए जाने को लेकर प्रयास करेगी और पूरे औद्योगिक क्षेत्र के सभी कंपनियों का एक वृहद डाटाबेस भी तैयार किया जा रहा है.
एप और सिंगल विंडो सिस्टम से होगा कार्य
सरायकेला एशिया में लघु औद्योगिक क्षेत्र में एक अलग पहचान बना चुका है. सरायकेला के औद्योगिक क्षेत्र मैं विकास कार्य को गति प्रदान करने के उद्देश्य से अब अप्रैल माह से सभी कार्य ऑनलाइन होंगे. इसके अलावा जियाडा के सभी कार्य सिंगल विंडो सिस्टम से संपन्न कराए जाएंगे. इसके साथ ही एप भी लॉन्च होगा, जहां एक क्लिक में सभी जानकारियां उपलब्ध होंगी. एप और सिंगल विंडो सिस्टम से कार्य करने को लेकर औद्योगिक क्षेत्र के सभी फेज और यूनिटों की वस्तु स्थिति एकत्र की जा रही है.
800 उद्योगों ने सर्वे में दी जानकारी
सिंगल विंडो सिस्टम के तहत एक क्लिक में सभी उद्योगों से संबंधित जानकारियां प्राप्त करने के उद्देश्य से जियाडा सर्वे करा रही है. अब तक तकरीबन 800 उद्योगों ने सर्वे में भाग लेते हुए अपनी संपूर्ण जानकारियों को साझा किया है. इसके अलावा 200 उद्योगों ने जल्द संपूर्ण जानकारी प्रदान करने की बात कही है. वहीं अब तक किए गए सर्वे में तकरीबन 75 उद्योग बंद मिले हैं, जिन्हें फिर से शुरू करने के लिए बुलाया गया है. वहीं 50 उद्योग मंदी और आपसी विवाद के कारण बंद हैं जबकि 25 उद्योग लीगल प्रक्रिया में हैं, जिनके विवादित मामले हाई कोर्ट में विचाराधीन हैं.
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सिंगल विंडो सिस्टम से कार्य होंगे सुगम
जियाडा के क्षेत्रीय निदेशक डॉ नेहा अरोड़ा ने इस संबंध में बताया कि कई उद्योग सालों से बंद पड़े हैं और उनके औद्योगिक क्षेत्र में आवंटित जमीन पर उद्योग लगाने के बाद उद्योग बंद रखा गया है. ऐसे में कई नए उद्योग प्रतीक्षारत हैं, जिन्हें फैक्ट्री स्थापित करने के लिए जमीन उपलब्ध नहीं हो पा रही है. ऐसे में यह प्रक्रिया अपनाकर बंद पड़े उद्योगों को या तो फिर से शुरू कराया जाएगा या फिर बंद उद्योगों के लीज होल्ड ट्रांसफर कर नए उद्योगों को वहां स्थापित कराया जाएगा ताकि उद्योग धंधे संचालित हो और रोजगार के अवसर भी प्राप्त हो.