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दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी के वन कर्मियों को नहीं मिला रहा वेतन, परिवार चलाना हो रहा मुश्किल - वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के कर्मियों को नहीं मिला वेतन

सरायकेला जिला में दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी में कार्यरत वन कर्मियों को लॉकडाउन के बाद 7 महीने से वेतन नहीं मिला है. इसको लेकर दैनिक वेतन भोगी मजदूरों ने आपात बैठक आयोजित की गई. जहां विभिन्न मांगों को लेकर रणनीति पर विचार विमर्श किया गया.

dalma wildlife sanctuary
दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी
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Published : Oct 23, 2020, 6:42 PM IST

सरायकेला: दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी में कार्यरत 30 दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को बीते 7 महीने से लॉकडाउन के बाद वेतन का भुगतान नहीं किया गया है. इधर त्योहारों के मौसम में दैनिक वेतन भोगी मजदूरों को वेतन नहीं मिलने से उनके समक्ष गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई.

देखें पूरी खबर


दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी
दैनिक वेतन भोगी वन कर्मियों ने बताया कि पूरे लॉकडाउन के दौरान 30 मजदूर ने दिन-रात दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में वन्य प्राणियों के सुरक्षा को लेकर सेवा दी है. आज 7 महीने बाद भी दुर्गा पूजा के मौके पर इन्हें वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है. जिससे दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी और मजदूरों के समक्ष अब बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है.

30 दिन काम करने के बजाय मिलता है 26 दिन का वेतन
दैनिक वेतन भोगी मजदूरों ने बताया कि लगातार 30 दिन काम करने के बावजूद इन्हें वन विभाग की तरफ से केवल 26 दिन का ही वेतन भुगतान किया जाता है. जबकि पूर्व में विभाग की ओर से 30 दिन काम के बदले में 30 दिन की राशि का भुगतान किया जाता था. लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है. झारखंड वन श्रमिक यूनियन के उपाध्यक्ष सृष्टिधर महतो ने बताया कि 32 सालों से अपनी सेवा देने के बावजूद इन वन कर्मियों को आज तक स्थाई नहीं किया गया. वहीं वन कर्मियों की तरफ से स्थायीकरण की मांग को लेकर हाई कोर्ट में भी याचिका दायर की गई है, जो फिलहाल लंबित है.


इसे भी पढ़ें-JREDA के चार पूर्व पदाधिकारियों पर कांड दर्ज कर अनुसंधान की सीएम ने दी स्वीकृति, जानिए क्या है पूरा मामला

बैठक कर बनाई रणनीति
दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी मजदूरों ने आपात बैठक आयोजित की गई. जहां लंबित वेतन और नियमितीकरण समेत अन्य मांगों को लेकर बैठक में आगे की रणनीति तैयार की गई. जिसमें चरणबद्ध तरीके से आंदोलन और सरकार से विभिन्न मांगों को लेकर भावी रणनीति पर विचार विमर्श किया गया.

सरायकेला: दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी में कार्यरत 30 दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को बीते 7 महीने से लॉकडाउन के बाद वेतन का भुगतान नहीं किया गया है. इधर त्योहारों के मौसम में दैनिक वेतन भोगी मजदूरों को वेतन नहीं मिलने से उनके समक्ष गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई.

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दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी
दैनिक वेतन भोगी वन कर्मियों ने बताया कि पूरे लॉकडाउन के दौरान 30 मजदूर ने दिन-रात दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में वन्य प्राणियों के सुरक्षा को लेकर सेवा दी है. आज 7 महीने बाद भी दुर्गा पूजा के मौके पर इन्हें वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है. जिससे दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी और मजदूरों के समक्ष अब बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है.

30 दिन काम करने के बजाय मिलता है 26 दिन का वेतन
दैनिक वेतन भोगी मजदूरों ने बताया कि लगातार 30 दिन काम करने के बावजूद इन्हें वन विभाग की तरफ से केवल 26 दिन का ही वेतन भुगतान किया जाता है. जबकि पूर्व में विभाग की ओर से 30 दिन काम के बदले में 30 दिन की राशि का भुगतान किया जाता था. लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है. झारखंड वन श्रमिक यूनियन के उपाध्यक्ष सृष्टिधर महतो ने बताया कि 32 सालों से अपनी सेवा देने के बावजूद इन वन कर्मियों को आज तक स्थाई नहीं किया गया. वहीं वन कर्मियों की तरफ से स्थायीकरण की मांग को लेकर हाई कोर्ट में भी याचिका दायर की गई है, जो फिलहाल लंबित है.


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बैठक कर बनाई रणनीति
दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी मजदूरों ने आपात बैठक आयोजित की गई. जहां लंबित वेतन और नियमितीकरण समेत अन्य मांगों को लेकर बैठक में आगे की रणनीति तैयार की गई. जिसमें चरणबद्ध तरीके से आंदोलन और सरकार से विभिन्न मांगों को लेकर भावी रणनीति पर विचार विमर्श किया गया.

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