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दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी की बीमार हथिनी रंभावती की मौत, वन विभाग ने पोस्टमार्टम के बाद जंगल में दफनाया

दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के मकालुकोचा चेकनाका में पालतू बीमार हथिनी रंभावती की आखिरकार मौत हो गई. हथिनी विगत एक सप्ताह से बीमार चल रही थी. इस बीच शनिवार को अचानक तबीयत बिगड़ने से हथिनी जमीन पर गिर पड़ी थी. वन विभाग और पशु चिकित्सकों द्वारा बीमार हथिनी रंभावती के इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ी गई, बावजूद इसके आज अंततः उसकी मौत हो गई.

Dalma Wildlife Century female elephant died
दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी की बीमार हथिनी रंभावती की मौत
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Published : May 10, 2020, 9:27 PM IST

Updated : May 11, 2020, 6:04 PM IST

सरायकेला: पालतू हथिनी रंभावती विगत 8 वर्षों से दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में रह रही थी. वनकर्मी इसकी निरंतर सेवा भी कर रहे थे. इस बीच शनिवार को हथिनी रंभावती अचानक जमीन पर गिर गई थी. इसके बाद आनन-फानन में वनकर्मियों और पशु चिकित्सकों की टीम ने बीमार हथिनी का इलाज शुरू किया गया. हथिनी कमजोरी के कारण बीमार चल रही थी और उसके शरीर को भरपूर मात्रा में ऊर्जा भी प्राप्त नहीं हो रही थी.

देखें पूरी खबर

हालांकि वन विभाग और डॉक्टरों की टीम द्वारा इलाज के क्रम में हथिनी के शरीर को भरपूर मात्रा में ऊर्जा प्रदान की गई, लेकिन डॉक्टर की टीम भी बीमार हथिनी को बचा नहीं सके. वन विभाग ने पोस्टमार्टम के बाद मादा हथिनी को जमीन में दफनाया. दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी की फालतू हथिनी की मौत के बाद वन विभाग और पशु चिकित्सकों के टीम द्वारा पोस्टमार्टम किए जाने के बाद हाइड्रा की मदद से उठाकर जंगल में जमीन में दफना दिया गया. इधर, लॉकडाउन के कारण हाइड्रा गाड़ी नहीं मिलने से मृत हथिनी के पोस्टमार्टम में भी देरी हुई.

इस मौके पर मौजूद दलमा रेंज के डीएफओ चंद्रमौली प्रसाद सिन्हा ने बताया कि हथिनी रंभावती की उम्र तकरीबन 65 वर्ष थी और अधिक उम्र होने के कारण ही इलाज के क्रम में मादा हथिनी को बचाया नहीं जा सका. दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में अब सिर्फ दो पालतू हाथी ही बचे हैं. विगत 6 महीने के अंतराल में दो मादा हाथियों की मौत से वन विभाग भी सहमा हुआ है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, इससे पूर्व 6 महीने पूर्व ही एक और मादा हथिनी की मौत ठंड के कारण हो गई थी.

सरायकेला: पालतू हथिनी रंभावती विगत 8 वर्षों से दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में रह रही थी. वनकर्मी इसकी निरंतर सेवा भी कर रहे थे. इस बीच शनिवार को हथिनी रंभावती अचानक जमीन पर गिर गई थी. इसके बाद आनन-फानन में वनकर्मियों और पशु चिकित्सकों की टीम ने बीमार हथिनी का इलाज शुरू किया गया. हथिनी कमजोरी के कारण बीमार चल रही थी और उसके शरीर को भरपूर मात्रा में ऊर्जा भी प्राप्त नहीं हो रही थी.

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हालांकि वन विभाग और डॉक्टरों की टीम द्वारा इलाज के क्रम में हथिनी के शरीर को भरपूर मात्रा में ऊर्जा प्रदान की गई, लेकिन डॉक्टर की टीम भी बीमार हथिनी को बचा नहीं सके. वन विभाग ने पोस्टमार्टम के बाद मादा हथिनी को जमीन में दफनाया. दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी की फालतू हथिनी की मौत के बाद वन विभाग और पशु चिकित्सकों के टीम द्वारा पोस्टमार्टम किए जाने के बाद हाइड्रा की मदद से उठाकर जंगल में जमीन में दफना दिया गया. इधर, लॉकडाउन के कारण हाइड्रा गाड़ी नहीं मिलने से मृत हथिनी के पोस्टमार्टम में भी देरी हुई.

इस मौके पर मौजूद दलमा रेंज के डीएफओ चंद्रमौली प्रसाद सिन्हा ने बताया कि हथिनी रंभावती की उम्र तकरीबन 65 वर्ष थी और अधिक उम्र होने के कारण ही इलाज के क्रम में मादा हथिनी को बचाया नहीं जा सका. दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में अब सिर्फ दो पालतू हाथी ही बचे हैं. विगत 6 महीने के अंतराल में दो मादा हाथियों की मौत से वन विभाग भी सहमा हुआ है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, इससे पूर्व 6 महीने पूर्व ही एक और मादा हथिनी की मौत ठंड के कारण हो गई थी.

Last Updated : May 11, 2020, 6:04 PM IST
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