सरायकेला: पालतू हथिनी रंभावती विगत 8 वर्षों से दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में रह रही थी. वनकर्मी इसकी निरंतर सेवा भी कर रहे थे. इस बीच शनिवार को हथिनी रंभावती अचानक जमीन पर गिर गई थी. इसके बाद आनन-फानन में वनकर्मियों और पशु चिकित्सकों की टीम ने बीमार हथिनी का इलाज शुरू किया गया. हथिनी कमजोरी के कारण बीमार चल रही थी और उसके शरीर को भरपूर मात्रा में ऊर्जा भी प्राप्त नहीं हो रही थी.
हालांकि वन विभाग और डॉक्टरों की टीम द्वारा इलाज के क्रम में हथिनी के शरीर को भरपूर मात्रा में ऊर्जा प्रदान की गई, लेकिन डॉक्टर की टीम भी बीमार हथिनी को बचा नहीं सके. वन विभाग ने पोस्टमार्टम के बाद मादा हथिनी को जमीन में दफनाया. दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी की फालतू हथिनी की मौत के बाद वन विभाग और पशु चिकित्सकों के टीम द्वारा पोस्टमार्टम किए जाने के बाद हाइड्रा की मदद से उठाकर जंगल में जमीन में दफना दिया गया. इधर, लॉकडाउन के कारण हाइड्रा गाड़ी नहीं मिलने से मृत हथिनी के पोस्टमार्टम में भी देरी हुई.
इस मौके पर मौजूद दलमा रेंज के डीएफओ चंद्रमौली प्रसाद सिन्हा ने बताया कि हथिनी रंभावती की उम्र तकरीबन 65 वर्ष थी और अधिक उम्र होने के कारण ही इलाज के क्रम में मादा हथिनी को बचाया नहीं जा सका. दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में अब सिर्फ दो पालतू हाथी ही बचे हैं. विगत 6 महीने के अंतराल में दो मादा हाथियों की मौत से वन विभाग भी सहमा हुआ है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, इससे पूर्व 6 महीने पूर्व ही एक और मादा हथिनी की मौत ठंड के कारण हो गई थी.