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कोरोना ने कराया पॉलिटेक्निक कॉलेज का सेशन लेट, सीट खाली रहने की आशंका पढ़ाई पर भी असमंजस - झारखंड में पॉलिटेक्निक में दाखिला प्रक्रिया

कोरोना के कारण पॉलिटेक्निक कॉलेजों में सेशन में छह माह तक देरी हो चुकी है. ऐसे में छात्रों का रुझान कॉलेजों की ओर कम है. सरायकेला के राजकीय पॉलिटेक्नक में ही आधी सीट खाली रहने की आशंका है. दाखिले के बाद पढ़ाई पर स्पष्ट गाइडलाइन न आने से असमंजस की स्थिति बनी हुई है.

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कोरोना ने कराया पॉलिटेक्नक कॉलेज का सेशन लेट
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Published : Dec 22, 2020, 2:36 PM IST

Updated : Dec 22, 2020, 4:01 PM IST

सरायकेलाः कोविड 19 वायरस इंसान के जीवन के लिए ही खतरा नहीं बना है, इसने मनुष्य के भविष्य पर भी ग्रहण लगा दिया है. इसके कारण शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है. आज के जमाने में अहम तकनीकी शिक्षा का हाल इससे अलग नहीं है. आधा सत्र बीत जाने के बाद भी अभी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में दाखिला प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है. वहीं जो दाखिला लेने के इच्छुक हैं उन्हें कोरोना गाइडलाइन के चलते दाखिले के लिए दस्तावेज जुटाने में दिक्कत पेश आ रही है. इससे बड़ी संख्या में सीट खाली रह जाने की आशंका बनी हुई है.

देखें स्पेशल खबर

सरायकेला की ही बात करें तो यहां के राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में दाखिले के लिए 15 दिसंबर तक काउंसिलिंग हुई है. इसमें कॉलेज की 211 सीट के लिए 141 छात्रों ने ही नामांकन कराया है. पॉलिटेक्निक की पढ़ाई के इच्छुक छात्रों के सामने यही एक समस्या नहीं है, आगे की प्रक्रिया के लिए यूनिवर्सिटी की ओर से कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है, जबकि 30 दिसंबर तक ही सारी प्रक्रिया पूरी होनी है. इससे छात्रों के साथ शिक्षकों में भी असमंजस है. पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्राचार्य वीरेंद्र प्रसाद का कहना है कि काउंसिलिंग के बाद दाखिले के लिए दस्तावेज तैयार करने में छात्रों को तीन-चार दिन का समय लग जाता है और दाखिले के लिए निर्धारित तिथियों में इसका खयाल नहीं रखा जा सका है. इससे विद्यार्थियों को परेशानी हो रही है.

दस्तावेज के लिए और समय की मांग

इधर छात्र सिद्धार्थ गुरु का कहना है कि कॉलेज और बोर्ड की ओर से भी अव्यवस्थाएं हैं. कहीं छात्रों के रिजल्ट नहीं घोषित किए जा सके हैं तो कहीं सिर्फ 15-20 की संख्या में एक दिन में रिजल्ट दिया जा रहा है, जबकि दाखिले के लिए छात्रों के पास समय कम है. इससे उन्हें बहुत परेशानी हो रही है. वहीं एक अन्य छात्र राकेश ने दाखिले के लिए दस्तावेज जमा करने में कुछ और समय की मांग की है.

ये भी पढ़ें-झारखंड सरकार को हो रहा एक साल, जनता को अब भी राहत का इंतजार

शिक्षक बोले- ऑनलाइन क्लास विकल्प नहीं

आम वर्षों में दाखिले के बाद इन दिनों सेमेस्टर परीक्षाओं का दौर चलता था, लेकिन आधा सत्र बीतने के बाद कुछ छात्रों ने जैसे-तैसे दाखिला ले भी लिया तो पढ़ाई पर बड़ा सवाल है. विशेषज्ञों का कहना है कि तकनीकी शिक्षा में क्लासरूम और प्रैक्टिकल का अलग महत्व है, देरी से चल रहे सेशन में ऑनलाइन क्लास से इस कमी को पूरा करना संभव नहीं है. छात्र भी इस बात को समझ रहे हैं, जिसका असर सरायकेला में राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के दाखिले में नजर आ रहा है. यहां 40 फीसदी सीट खाली रह जाने की आशंका बनी हुई है. राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्लेसमेंट ऑफिसर मुजाहिद इस्लाम का कहना है जैसे-तैसे दाखिला ले लिया गया तो भी इन हालात में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर सवाल उठते रहेंगे.

आम दिनों में 15 अगस्त तक शुरू हो जाती थी पढ़ाई

इस साल का नया सत्र कोरोना की वजह से पहले ही 6 महीने विलंब हो चुका है. इससे पहले 15 अगस्त तक एडमिशन प्रक्रिया पूरी किए जाने के बाद 20 अगस्त से नए सत्र में छात्रों की पढ़ाई शुरू हो जाती थी. फिलहाल अभी कॉलेज बंद है और जनवरी से यूनिवर्सिटी से प्राप्त गाइडलाइन के अनुसार क्लास शुरू करने होंगे. ऐसे में छात्रों का एडमिशन से लेकर पठन-पाठन प्रक्रिया लगातार प्रभावित हो रहा है.

सरायकेलाः कोविड 19 वायरस इंसान के जीवन के लिए ही खतरा नहीं बना है, इसने मनुष्य के भविष्य पर भी ग्रहण लगा दिया है. इसके कारण शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है. आज के जमाने में अहम तकनीकी शिक्षा का हाल इससे अलग नहीं है. आधा सत्र बीत जाने के बाद भी अभी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में दाखिला प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है. वहीं जो दाखिला लेने के इच्छुक हैं उन्हें कोरोना गाइडलाइन के चलते दाखिले के लिए दस्तावेज जुटाने में दिक्कत पेश आ रही है. इससे बड़ी संख्या में सीट खाली रह जाने की आशंका बनी हुई है.

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सरायकेला की ही बात करें तो यहां के राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में दाखिले के लिए 15 दिसंबर तक काउंसिलिंग हुई है. इसमें कॉलेज की 211 सीट के लिए 141 छात्रों ने ही नामांकन कराया है. पॉलिटेक्निक की पढ़ाई के इच्छुक छात्रों के सामने यही एक समस्या नहीं है, आगे की प्रक्रिया के लिए यूनिवर्सिटी की ओर से कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है, जबकि 30 दिसंबर तक ही सारी प्रक्रिया पूरी होनी है. इससे छात्रों के साथ शिक्षकों में भी असमंजस है. पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्राचार्य वीरेंद्र प्रसाद का कहना है कि काउंसिलिंग के बाद दाखिले के लिए दस्तावेज तैयार करने में छात्रों को तीन-चार दिन का समय लग जाता है और दाखिले के लिए निर्धारित तिथियों में इसका खयाल नहीं रखा जा सका है. इससे विद्यार्थियों को परेशानी हो रही है.

दस्तावेज के लिए और समय की मांग

इधर छात्र सिद्धार्थ गुरु का कहना है कि कॉलेज और बोर्ड की ओर से भी अव्यवस्थाएं हैं. कहीं छात्रों के रिजल्ट नहीं घोषित किए जा सके हैं तो कहीं सिर्फ 15-20 की संख्या में एक दिन में रिजल्ट दिया जा रहा है, जबकि दाखिले के लिए छात्रों के पास समय कम है. इससे उन्हें बहुत परेशानी हो रही है. वहीं एक अन्य छात्र राकेश ने दाखिले के लिए दस्तावेज जमा करने में कुछ और समय की मांग की है.

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शिक्षक बोले- ऑनलाइन क्लास विकल्प नहीं

आम वर्षों में दाखिले के बाद इन दिनों सेमेस्टर परीक्षाओं का दौर चलता था, लेकिन आधा सत्र बीतने के बाद कुछ छात्रों ने जैसे-तैसे दाखिला ले भी लिया तो पढ़ाई पर बड़ा सवाल है. विशेषज्ञों का कहना है कि तकनीकी शिक्षा में क्लासरूम और प्रैक्टिकल का अलग महत्व है, देरी से चल रहे सेशन में ऑनलाइन क्लास से इस कमी को पूरा करना संभव नहीं है. छात्र भी इस बात को समझ रहे हैं, जिसका असर सरायकेला में राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के दाखिले में नजर आ रहा है. यहां 40 फीसदी सीट खाली रह जाने की आशंका बनी हुई है. राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्लेसमेंट ऑफिसर मुजाहिद इस्लाम का कहना है जैसे-तैसे दाखिला ले लिया गया तो भी इन हालात में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर सवाल उठते रहेंगे.

आम दिनों में 15 अगस्त तक शुरू हो जाती थी पढ़ाई

इस साल का नया सत्र कोरोना की वजह से पहले ही 6 महीने विलंब हो चुका है. इससे पहले 15 अगस्त तक एडमिशन प्रक्रिया पूरी किए जाने के बाद 20 अगस्त से नए सत्र में छात्रों की पढ़ाई शुरू हो जाती थी. फिलहाल अभी कॉलेज बंद है और जनवरी से यूनिवर्सिटी से प्राप्त गाइडलाइन के अनुसार क्लास शुरू करने होंगे. ऐसे में छात्रों का एडमिशन से लेकर पठन-पाठन प्रक्रिया लगातार प्रभावित हो रहा है.

Last Updated : Dec 22, 2020, 4:01 PM IST
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