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औद्योगिक क्षेत्र में बंदी और मंदी के खिलाफ कांग्रेस का आंदोलन, सरकार की नीतियों का विरोध

सरायकेला के औद्योगिक क्षेत्र में लगातार बंद हो रहे उद्योग-धंधों और बेहताशा बिजली दर में बढ़ोतरी को लेकर कांग्रेस ने आंदोलन करने का आगाज किया है.

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Published : Aug 7, 2019, 9:53 PM IST

मंदी के विरुद्ध कांग्रेस का आंदोलन तेज

सरायकेला: अगस्त महीने को कांग्रेस अगस्त क्रांति महीने के रूप में मना रही है. इसके तहत केंद्र और राज्य सरकार के नीति और सिद्धांतों के विरुद्ध कांग्रेस द्वारा आंदोलन की शुरुआत की गई है. इसी कड़ी में औद्योगिक क्षेत्र में बंदी और बिजली बिल बढ़ोतरी के विरुद्ध कांग्रेस ने जियाडा के क्षेत्रीय कार्यालय के समक्ष अपना विरोध जताया.

देखें पूरी खबर

लगातार बंद हो रहे उद्योग धंधों के खिलाफ कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दरअसल, पहले से घोषित कार्यक्रम के तहत जिला कांग्रेस कमेटी ने धरना के माध्यम से बंदी और मंदी से उबरने में विफल हो रही सरकार को कठघरे में खड़ा कर आलोचना की है.

बंदी से प्रभावित 30 हजार कामगार
सरायकेला जिले का औद्योगिक क्षेत्र एशिया का सबसे बड़ा औद्योगिक सेक्टर माना जाता है, लेकिन पिछले 1 महीने से ऑटोमोबाइल सेक्टर में आए मंदी के कारण यहां की छोटी बड़ी अधिकतर कंपनियों में बंदी का असर है. जिससे तकरीबन 30 हजार से भी अधिक कामगार इसके चपेट में हैं.

ये भी पढे़ं- यहां डाकबंगला में चलता है थाना, सांसत में रहती है पुलिस कर्मी की जान

औद्योगिक संकट के लिए जिला कांग्रेस कमेटी ने सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. इस दौरान कांग्रेस जिला अध्यक्ष छोटे राय किस्कू ने केंद्र और राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि एक तो कम बारिश के कारण किसानों का बुरा हाल है. वहीं अब औद्योगिक मंदी के कारण मजदूरों का जीना दूभर हो रहा है. जबकि सरकार इस बीच कोई राहत पैकेज की घोषणा न कर सरकारी खजाना भरने में लगी है.

सरायकेला: अगस्त महीने को कांग्रेस अगस्त क्रांति महीने के रूप में मना रही है. इसके तहत केंद्र और राज्य सरकार के नीति और सिद्धांतों के विरुद्ध कांग्रेस द्वारा आंदोलन की शुरुआत की गई है. इसी कड़ी में औद्योगिक क्षेत्र में बंदी और बिजली बिल बढ़ोतरी के विरुद्ध कांग्रेस ने जियाडा के क्षेत्रीय कार्यालय के समक्ष अपना विरोध जताया.

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लगातार बंद हो रहे उद्योग धंधों के खिलाफ कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दरअसल, पहले से घोषित कार्यक्रम के तहत जिला कांग्रेस कमेटी ने धरना के माध्यम से बंदी और मंदी से उबरने में विफल हो रही सरकार को कठघरे में खड़ा कर आलोचना की है.

बंदी से प्रभावित 30 हजार कामगार
सरायकेला जिले का औद्योगिक क्षेत्र एशिया का सबसे बड़ा औद्योगिक सेक्टर माना जाता है, लेकिन पिछले 1 महीने से ऑटोमोबाइल सेक्टर में आए मंदी के कारण यहां की छोटी बड़ी अधिकतर कंपनियों में बंदी का असर है. जिससे तकरीबन 30 हजार से भी अधिक कामगार इसके चपेट में हैं.

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औद्योगिक संकट के लिए जिला कांग्रेस कमेटी ने सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. इस दौरान कांग्रेस जिला अध्यक्ष छोटे राय किस्कू ने केंद्र और राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि एक तो कम बारिश के कारण किसानों का बुरा हाल है. वहीं अब औद्योगिक मंदी के कारण मजदूरों का जीना दूभर हो रहा है. जबकि सरकार इस बीच कोई राहत पैकेज की घोषणा न कर सरकारी खजाना भरने में लगी है.

Intro:सरायकेला खरसावां जिला के औद्योगिक क्षेत्र में लगातार बंद हो रहा है उद्योग - धंधों और बेतहाशा बिजली दर में बढ़ोतरी के खिलाफ जिला कांग्रेस ने आंदोलन की आगाज की है।


Body:अगस्त महीने को कांग्रेस अगस्त क्रांति माह के रूप में मना रही है इसके तहत केंद्र और राज्य सरकार के नीति और सिद्धांतों के विरुद्ध , कांग्रेस द्वारा आंदोलन की शुरुआत की गई है इसी कड़ी में औद्योगिक क्षेत्र में बंदी और बिजली बिल बढ़ोतरी के विरुद्ध कांग्रेस ने जियाडा के क्षेत्रीय कार्यालय के समक्ष अपना विरोध जताया।
लगातार बंद हो रहा है उद्योग धंधों के खिलाफ कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत जिला कांग्रेस कमेटी ने धरना और विरोध के माध्यम से इस बंदी और मंदी से उबारने मैं विफल हो रही सरकार को कटघरे में खड़ा कर राज्य सरकार की तीखी आलोचना की गई।


बंदी से 30 हजार कामगार हैं प्रभावित

सरायकेला जिले का औद्योगिक क्षेत्र एशिया का सबसे बड़ा औद्योगिक सेक्टर माना जाता है लेकिन पिछले 1 महीने से ऑटोमोबाइल सेक्टर में आए मंदी के कारण यहां की छोटी बड़ी अधिकतर कंपनियों में बंदी का असर है जिस से तकरीबन 30 हजार से भी अधिक कामगार इसके चपेट में हैं।


Conclusion:औद्योगिक संकट के लिए जिला कांग्रेस कमेटी ने सरकार को जिम्मेदार ठहराया है , इस दौरान कांग्रेस जिला अध्यक्ष छोटे राय किस्कू ने केंद्र और राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि एक तो कम बारिश के कारण किसानों का बुरा हाल है वहीं अब औद्योगिक मंदी के कारण मजदूरों का जीना दूभर हो रहा है जबकि सरकार इस बीच कोई राहत पैकेज की घोषणा ना कर सरकारी खजाने भरने में लगी है।

बाइट - छोटे राय किस्कू , कांग्रेस, जिला अध्यक्ष .
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