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छठ व्रती घाट पर जाकर दे सकेंगे अर्घ्य, नदी और जल स्रोतों की सफाई बनी चुनौती - नगर निकाय से घाटों की सफाई की मांग

झारखंड में राजनीतिक उठापटक के बीच सरकार ने नदियों, घटों और तालाबों में छठ पर्व मनाने की अनुमति दे दी है. सरायकेला में भी तैयारी जोरों पर चल रही है, लेकिन अब तक घाटों की साफ सफाई नहीं हो पाई है. कई संगठन के लोगों ने स्थानीय प्रशासन और नगर निकाय से घाटों की सफाई की मांग की है.

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घाटों की सफाई बनी चुनौती
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Published : Nov 18, 2020, 12:44 PM IST

सरायकेला: झारखंड में सरकार के ओर से नदी तालाब और घाटों पर शर्तों के साथ छठ पर्व मनाने की अनुमति दे दी गई है. अब छठ व्रती नदी और तालाबों में भगवान भास्कर की आराधना कर सकेंगी. सरायकेला जिले के विभिन्न नदी तट और पारंपरिक जल स्रोत जहां महापर्व छठ पूजा का आयोजन होता है, वहां की साफ-सफाई कोरोना काल में एक बड़ी चुनौती बन गई है.

देखें पूरी खबर
नदी तटों की सफाई और व्यवस्था रहेगी चुनौतीसरकार ने शर्तो के साथ नदी तटों पर छठ पूजा मनाने की अनुमति दी है, लेकिन सरकार के ओर से जारी किए गए संशोधित निर्देशों के मुताबिक छठ घाटों पर सोशल डिस्टेंस, सेनेटाइजिंग और शारीरिक के दूरी नियम पालन आवश्यक किए गए हैं, जिसका पालन कराना स्थानीय जिला प्रशासन और नगर निकाय के लिए चुनौती होगा. इधर जिले के सभी जल स्रोत और नदी तटों पर कोरोना काल में साफ सफाई भी निकाय के लिए चुनौती हो गया है. संक्रमण काल में नदी तटों पर सुरक्षित पूजा का आयोजन किया जाना निकाय और जिला प्रशासन के प्राथमिकता में शामिल किया गया है.इसे भी पढ़ें:- सरायकेला के जुगीडीह जंगल में किया गया पत्थलगड़ी, ग्रामीणों ने लिया जंगलों को बचाने का लिया संकल्प


नदी तटों पर बेहतर साफ-सफाई की मांग
राजनीतिक खींचतान के बीच सरकार के ओर से नदी और तालाबों में छठ पूजा के आयोजन की अनुमति देने के बाद अब नियमों के अनुसार पूजा संपन्न कराना जिला प्रशासन की बड़ी जिम्मेदारी है. अनुमति प्रदान किए जाने के साथ कई समाजिक संगठनों ने स्थानीय प्रशासन और नगर निगम से कोरोना को देखते हुए सभी नदी तट और छठ घाटों पर बेहतर साफ सफाई व्यवस्था की मांग की है, ताकि संक्रमण का खतरा कम से कम हो, सामाजिक संगठन जन कल्याण मोर्चा ने नगर निगम, जल संसाधन विभाग समेत प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मांग की है कि छठ घाटों पर साफ सफाई के अलावा अन्य व्यवस्थाएं भी बहाल की जाए, ताकि सरकार के नियमों का अनुपालन हो और छठ व्रतियों को सहूलियत हो.

सरायकेला: झारखंड में सरकार के ओर से नदी तालाब और घाटों पर शर्तों के साथ छठ पर्व मनाने की अनुमति दे दी गई है. अब छठ व्रती नदी और तालाबों में भगवान भास्कर की आराधना कर सकेंगी. सरायकेला जिले के विभिन्न नदी तट और पारंपरिक जल स्रोत जहां महापर्व छठ पूजा का आयोजन होता है, वहां की साफ-सफाई कोरोना काल में एक बड़ी चुनौती बन गई है.

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नदी तटों की सफाई और व्यवस्था रहेगी चुनौतीसरकार ने शर्तो के साथ नदी तटों पर छठ पूजा मनाने की अनुमति दी है, लेकिन सरकार के ओर से जारी किए गए संशोधित निर्देशों के मुताबिक छठ घाटों पर सोशल डिस्टेंस, सेनेटाइजिंग और शारीरिक के दूरी नियम पालन आवश्यक किए गए हैं, जिसका पालन कराना स्थानीय जिला प्रशासन और नगर निकाय के लिए चुनौती होगा. इधर जिले के सभी जल स्रोत और नदी तटों पर कोरोना काल में साफ सफाई भी निकाय के लिए चुनौती हो गया है. संक्रमण काल में नदी तटों पर सुरक्षित पूजा का आयोजन किया जाना निकाय और जिला प्रशासन के प्राथमिकता में शामिल किया गया है.इसे भी पढ़ें:- सरायकेला के जुगीडीह जंगल में किया गया पत्थलगड़ी, ग्रामीणों ने लिया जंगलों को बचाने का लिया संकल्प


नदी तटों पर बेहतर साफ-सफाई की मांग
राजनीतिक खींचतान के बीच सरकार के ओर से नदी और तालाबों में छठ पूजा के आयोजन की अनुमति देने के बाद अब नियमों के अनुसार पूजा संपन्न कराना जिला प्रशासन की बड़ी जिम्मेदारी है. अनुमति प्रदान किए जाने के साथ कई समाजिक संगठनों ने स्थानीय प्रशासन और नगर निगम से कोरोना को देखते हुए सभी नदी तट और छठ घाटों पर बेहतर साफ सफाई व्यवस्था की मांग की है, ताकि संक्रमण का खतरा कम से कम हो, सामाजिक संगठन जन कल्याण मोर्चा ने नगर निगम, जल संसाधन विभाग समेत प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मांग की है कि छठ घाटों पर साफ सफाई के अलावा अन्य व्यवस्थाएं भी बहाल की जाए, ताकि सरकार के नियमों का अनुपालन हो और छठ व्रतियों को सहूलियत हो.

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