सरायकेला: कोविड-19 के इस संक्रमण और संकट काल में जिले के आदित्यपुर नगर निगम शहरवासियों को राहत नहीं मिलने जा रही है. शहरी क्षेत्र में रहने वाले एक बड़े आबादी को वित्तीय वर्ष के तहत 30 जून तक होल्डिंग टैक्स अदा करना होगा. वहीं, 30 जून के बाद टैक्स जमा करने वाले करदाताओं पर जुर्माना लगाया जाएगा.
होल्डिंग टैक्स को करना पड़ेगा अदा
बता दें कि इससे पहले नगर निगम के पार्षदों के निगम के मेयर विनोद श्रीवास्तव को एक मांग पत्र सौंपा गया था, जिसमें रांची नगर निगम के तर्ज पर एक हजार वर्ग फीट पर बने मकानों को 3 महीनों के होल्डिंग टैक्स से मुक्त किए जाने की मांग की गई थी. जिस पर नगर निगम के बोर्ड की बैठक आयोजित कर प्रस्ताव लाने पर विचार करना था, लेकिन 30 जून के पहले बोर्ड बैठक के आसार नहीं दिख रहे हैं. ऐसे में होल्डिंग टैक्स में छूट देने का प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है. कुछ दिन पहले मेयर ने पत्रकारों को बताया था कि जल्द ही बोर्ड बैठक आयोजित कर इस पर निर्णय लिया जाएगा, लेकिन यह मामला अब ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है.
40 हजार मकान, दुकान से वसूलना है होल्डिंग टैक्स
नगर निगम क्षेत्र में कुल दो लाख की आबादी है, जिसमें 40 हजार हाउसहोल्ड हैं, जिनमें मकान, दुकान और कई व्यवसायिक प्रतिष्ठान शामिल हैं, जो क्षेत्रफल पर बने वर्ग फीट के मुताबिक नगर निगम को होल्डिंग टैक्स अदा करते हैं. तकरीबन 4 साल पहले सरकार ने होल्डिंग टैक्स दर निर्धारण को बदलते हुए, स्व घोषणा के तहत होल्डिंग टैक्स का दर निर्धारित किया है, जिसके बाद सरकार और स्थानीय नगर निगम को होल्डिंग टैक्स के माध्यम से राजस्व का एक बड़ा हिस्सा प्राप्त होता है.
ये भी देखें- जामताड़ा: शादी में भाग लेने पहुंचा कोरोना संक्रमित, कोविड-19 अस्पताल में भर्ती
पिछले वित्तीय वर्ष में 6 करोड़ का मिला था राजस्व
नगर निगम को पिछले वित्तीय वर्ष में होल्डिंग टैक्स के अलावा जल कर, ट्रेड लाइसेंस जैसे सेवा करो के तहत 6 करोड़ रुपए टैक्स के माध्यम से राजस्व की प्राप्ति हुई थी. आदित्यपुर नगर निगम ने पिछले वित्तीय वर्ष में 113 फीसदी टैक्स कलेक्शन कर नया कीर्तिमान भी स्थापित किया था.
विकास योजनाओं में खर्च होते हैं टैक्स के पैसे
नगर निगम क्षेत्र में विकास योजनाओं के निर्माण जैसे सड़क, पुल, नाली, साफ-सफाई, स्ट्रीट लाइट में टैक्स से राजस्व के तौर पर प्राप्त इन रुपयों को खर्च किया जाता है. ऐसे में नगर निगम का मानना है कि जब वह नागरिक सुविधा लोगों को प्रदान कर रहा है तो उन्हें भी समय से टैक्स अदा करना चाहिए.