सरायकेला: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खतियानी जोहार यात्रा के दूसरे चरण के तहत सोमवार को सरायकेला स्थित बिरसा मुंडा स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने राज्यपाल रमेश बैस पर जमकर निशाना साधा. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल ने भाजपा के प्रभाव में आकर 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति विधेयक को लौटाया है. महामहिम सरकार के विपरीत चल रहे हैं. यही हाल उन सभी राज्यों का है, जहां भाजपा राज्यपाल आसीन हैं.
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सरायकेला में जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य के बूढ़े बुजुर्गों के चेहरे और माथे की लकीरें बताती हैं कि किस संघर्ष से झारखंड अलग राज्य मिला है. राज्य के बुजुर्गों ने जल जंगल जमीन और अपने हक अधिकार के लिए अलग राज्य की लड़ाई लड़ी है. झारखंडी होने के वजूद को बचाने के लिए प्राणों की आहुति दी है.
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स्थानीयता की बात करना असंवैधानिक है?
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) January 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
झारखण्ड की नौकरी पर खतियानी झारखण्डी का हक है, यह कहना असंवैधानिक है?
अलग झारखण्ड की बात करने को भी उस समय असंवैधानिक माना जाता था। #खतियानी_जोहार_यात्रा pic.twitter.com/yWuczjMQeP
">स्थानीयता की बात करना असंवैधानिक है?
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) January 30, 2023
झारखण्ड की नौकरी पर खतियानी झारखण्डी का हक है, यह कहना असंवैधानिक है?
अलग झारखण्ड की बात करने को भी उस समय असंवैधानिक माना जाता था। #खतियानी_जोहार_यात्रा pic.twitter.com/yWuczjMQePस्थानीयता की बात करना असंवैधानिक है?
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झारखण्ड की नौकरी पर खतियानी झारखण्डी का हक है, यह कहना असंवैधानिक है?
अलग झारखण्ड की बात करने को भी उस समय असंवैधानिक माना जाता था। #खतियानी_जोहार_यात्रा pic.twitter.com/yWuczjMQeP
हेमंत सोरेन ने राज्यपाल को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि स्थानीय नीति विधेयक वापस किया गया यह नई बात नहीं है, केंद्र सरकार द्वारा राज्यपाल के माध्यम से सरकार को परेशान करने का काम किया जा रहा है. यह दिल्ली या अंडमान निकोबार नहीं है. यह झारखंड है यहां सरकार जो चाहेगी वही लागू होगा, गवर्नर जो चाहेंगे वह नहीं होगा. जो संवैधानिक कसम खा कर बैठे हुए हैं उसकी धज्जियां उड़ेगा होने नहीं देंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल कहते हैं कि कानून नियम संगत नही बनाया है अजीब बात है. साढ़े तीन करोड़ लोग सरकार बनाये हैं वह बोका नहीं हैं.
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सच्चाई है, कोयला कम्पनियां बिना जमीन का पैसा दिए यहाँ से खनन कर कोयला बेच रही है एवं मुनाफा कमा रही है, यह है असंवैधानिक। हमें आवास के तहत केंद्र से मिलने वाले लाखों घरों का पैसा नहीं देना है असंवैधानिक। आदिवासी धर्म कोड को स्वीकृत नहीं करना है असंवैधानिक।#खतियानी_जोहार_यात्रा pic.twitter.com/9l3ZbWBNMI
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">सच्चाई है, कोयला कम्पनियां बिना जमीन का पैसा दिए यहाँ से खनन कर कोयला बेच रही है एवं मुनाफा कमा रही है, यह है असंवैधानिक। हमें आवास के तहत केंद्र से मिलने वाले लाखों घरों का पैसा नहीं देना है असंवैधानिक। आदिवासी धर्म कोड को स्वीकृत नहीं करना है असंवैधानिक।#खतियानी_जोहार_यात्रा pic.twitter.com/9l3ZbWBNMI
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) January 30, 2023सच्चाई है, कोयला कम्पनियां बिना जमीन का पैसा दिए यहाँ से खनन कर कोयला बेच रही है एवं मुनाफा कमा रही है, यह है असंवैधानिक। हमें आवास के तहत केंद्र से मिलने वाले लाखों घरों का पैसा नहीं देना है असंवैधानिक। आदिवासी धर्म कोड को स्वीकृत नहीं करना है असंवैधानिक।#खतियानी_जोहार_यात्रा pic.twitter.com/9l3ZbWBNMI
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केंद्र सरकार पर भी निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि साढ़े आठ लाख आवास के लिए पैसे मांगे तो केंद्र सरकार ने नहीं दिए. क्या पैसा नहीं देना संवैधानिक हैं, क्या जीएसटी के कारण 5000 करोड़ का नुकसान राज्य को हो रहा है. 40 साल लग गया राज्य बनाने में और 20 वर्ष आदिवासी मूलवासी को सत्ता हासिल करने में लगा. बाकी समय गुजरात दिल्ली को चलाने वालों ने सरकार चलाया. मुख्यमंत्री के अलावा जनसभा को मंत्री चंपई सोरेन, मंत्री बन्ना गुप्ता, मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने भी संबोधित किया. इसके अलावा खरसावां विधायक दशरथ गागराई, ईचागढ़ की विधायक सविता महतो ने भी ख़ातियानी जोहार यात्रा में जनसभा को संबोधित किया.
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खतियान की फ़ाइल लौटाई गयी है।
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ये नयी बात नहीं है। जहां भी गैर-भाजपा सरकारें वहां संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर उन्हें परेशान करने का कार्य किया जा रहा है। यह झारखण्ड है। यहां के आदिवासियों और मूलवासियों ने सरकार बनायी है और जो वो चाहेंगे वही होगा। #खतियानी_जोहार_यात्रा pic.twitter.com/4QGJczy3My
">खतियान की फ़ाइल लौटाई गयी है।
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ये नयी बात नहीं है। जहां भी गैर-भाजपा सरकारें वहां संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर उन्हें परेशान करने का कार्य किया जा रहा है। यह झारखण्ड है। यहां के आदिवासियों और मूलवासियों ने सरकार बनायी है और जो वो चाहेंगे वही होगा। #खतियानी_जोहार_यात्रा pic.twitter.com/4QGJczy3Myखतियान की फ़ाइल लौटाई गयी है।
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ये नयी बात नहीं है। जहां भी गैर-भाजपा सरकारें वहां संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर उन्हें परेशान करने का कार्य किया जा रहा है। यह झारखण्ड है। यहां के आदिवासियों और मूलवासियों ने सरकार बनायी है और जो वो चाहेंगे वही होगा। #खतियानी_जोहार_यात्रा pic.twitter.com/4QGJczy3My
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गांव-पंचायत सरकार जा रही है। आज लोगों को हक-अधिकार मिल रहा है इससे विपक्ष को घबराहट हो रही है। यह राजनैतिक मैदान में सकने से रहें इसलिए संस्थाओं का दुरुपयोग कर अपना उल्लू सीधा करना चाहते हैं।
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) January 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
झारखण्डवासियों को कमजोर नहीं समझो। यह राज्य आंदोलन की उपज है।#खतियानी_जोहार_यात्रा pic.twitter.com/66CnfeGzBv
">गांव-पंचायत सरकार जा रही है। आज लोगों को हक-अधिकार मिल रहा है इससे विपक्ष को घबराहट हो रही है। यह राजनैतिक मैदान में सकने से रहें इसलिए संस्थाओं का दुरुपयोग कर अपना उल्लू सीधा करना चाहते हैं।
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झारखण्डवासियों को कमजोर नहीं समझो। यह राज्य आंदोलन की उपज है।#खतियानी_जोहार_यात्रा pic.twitter.com/66CnfeGzBvगांव-पंचायत सरकार जा रही है। आज लोगों को हक-अधिकार मिल रहा है इससे विपक्ष को घबराहट हो रही है। यह राजनैतिक मैदान में सकने से रहें इसलिए संस्थाओं का दुरुपयोग कर अपना उल्लू सीधा करना चाहते हैं।
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झारखण्डवासियों को कमजोर नहीं समझो। यह राज्य आंदोलन की उपज है।#खतियानी_जोहार_यात्रा pic.twitter.com/66CnfeGzBv