सरायकेला: जिले के गम्हरिया प्रखंड के छोटे से गांव भोलाडीह की रहने वाली छुटनी देवी को इस साल पद्मश्री अवॉर्ड से नवाजा जाएगा. इस साल के पद्म पुरस्कारों की घोषणा हो चुकी है जिसमें सरायकेला की छुटनी देवी का भी नाम शामिल है.
डायन-बिसाही के खिलाफ लड़ी लंबी लड़ाई
डायन-बिसाही के नाम पर महिलाओं को प्रताड़ित किए जाने के खिलाफ छुटनी देवी ने कई सालों से मुहिम चला रखी है. आज भी डायन बिसाही के नाम पर महिलाओं को प्रताड़ित करने की सूचना जैसे ही छुटनी देवी को मिलती है तो वह खुद पहुंच जाती हैं. भोलाडीह स्थित परिवार परामर्श केंद्र शाखा कार्यालय की प्रमुख छुटनी देवी अपने केंद्र में आने वाली सभी महिलाओं को न सिर्फ बचाती हैं, बल्कि प्रताड़ित करने वाले लोगों को सजा भी दिलवाती हैं. डायन-बिसाही के खिलाफ लोगों को लगातार जागरूक करने के लिए छुटनी देवी ने कई अभियान चलाए हैं.
समाजसेवी छुटनी देवी की ख्याति अब इतनी बढ़ गई है कि सरायकेला समेत आसपास क्षेत्र के अलावा पड़ोसी राज्य ओडिशा और पश्चिम बंगाल से भी प्रताड़ित महिलाएं परामर्श केंद्र पहुंचती हैं. हाल ही में ओडिशा के रायरंगपुर से दर्जनों महिलाएं छुटनी के परिवार कल्याण केंद्र पहुंचीं थी.
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छुटनी देवी ने सरकार का जताया आभार
सम्मान मिलने पर छुटनी देवी ने सरकार का आभार जताया है. छुटनी ने बताया कि सालों पहले जब मुझे डायन कहकर प्रताड़ित किया गया था, तब हिम्मत नहीं हारी और खुद को मजबूत करते हुए दूसरी महिलाओं को भी सशक्त करने का प्रयास किया. छुटनी ने कहा कि महिलाओं को डायन कहकर प्रताड़ित करने वालों के खिलाफ जब तक कठोर कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी तब तक इस पर रोक लगाना कठिन होगा.