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सरायकेला: हिरण की हत्या कर मनाई सामूहिक पार्टी, 15 के खिलाफ मामला दर्ज - सरायकेला में ग्रामीणों ने हिरण की हत्या

सरायकेला के प्रखंड के कांदागोड़ा गांव में हिरण को मारकर भोज उड़ाए जाने के मामले में वन विभाग ने कार्रवाई की है, जिसमें 3 नामजद सहित 15 लोगों पर एफआईआर दर्ज किया गया है.

Case registered on 15 people for deer killing in seraikela
Case registered on 15 people for deer killing in seraikela
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Published : Dec 8, 2020, 7:32 PM IST

सरायकेला: जिले के प्रखंड के कांदागोड़ा गांव में बीते रविवार को कुछ ग्रामीणों ने हिरण को काटकर मांस का वितरण करते हुए सामूहिक भोज किया. इसी मामले में वन विभाग की ओर से ग्राम प्रधान सहित कुल तीन नामजद और 15 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है. साथ ही न्यायालय से संबंधित आरोपियों के गिरफ्तारी के लिए वन विभाग की ओर से प्रार्थना की गई है.

वनों की खूबसूरती वन्यजीवों से है

वन क्षेत्र पदाधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया है कि वन्य प्राणियों के संरक्षण को लेकर लगातार चलाया जा रहा है. इसके बावजूद इस प्रकार की घटना किसी भी सभ्य समाज के लिए घोर निंदनीय है. इस पर कानूनी कार्रवाई के लिए कार्य किया जा रहा है. वनों की शोभा और वनों की खूबसूरती उनमें निवास कर रहे वन्यजीवों से है. ऐसी स्थिति में उन्हें नुकसान पहुंचाने का अर्थ है वनों को नुकसान पहुंचाना. कानून की नजर में दोनों ही कृत्य दंडनीय अपराध है.

इसे भी पढ़ें- जमशेदपुर पहुंचे सांसद दीपक प्रकाश, झारखंड सरकार पर जमकर बोला हमला

मोरों की संख्या में उत्साहवर्धक वृद्धि

वन क्षेत्र पदाधिकारी प्रमोद कुमार बताते हैं कि वन विभाग और जागरूक ग्रामीणों के अथक प्रयास के बाद वर्तमान में क्षेत्र के वन वन्यजीवों के लिए खूबसूरत प्राकृतिक आश्रय बन रहे हैं, जिसके तहत सीनी क्षेत्र के सिल्पिंगदा और अन्य वनीय क्षेत्र में इन दिनों मोरों की संख्या में उत्साहवर्धक वृद्धि हुई है. वहीं राजनगर क्षेत्र सहित अन्य वन क्षेत्रों में भी खरगोश, भालू और हिरण सहित अन्य वन्य प्राणी भी बढ़े हैं और जंगली हाथी भी कई स्थानों पर प्राकृतिक आश्रय ले रहे हैं, जो प्राकृतिक और मानवीय सामंजस्य का सकारात्मक पहलू माना जा सकता है.

क्या थी घटना

रविवार की सुबह उक्त गांव की खेतों में एक हिरण के देखे जाने के बाद कुछ ग्रामीणों की ओर से कुत्तों की मदद से उसे पकड़ा गया. बाद में पकड़े गए हिरण को काटकर मांस का वितरण करते हुए सामूहिक भोज भी उड़ाया गया और मामले का साक्ष्य मिटाने का भरपूर प्रयास किया गया. स्थानीय ग्राम प्रधान के बागान में किए गए उक्त कृत्य के बाद काफी छानबीन के बाद वन विभाग की ओर से मामले का खुलासा करते हुए ग्राम प्रधान पंडित हेंब्रम और ग्रामीण साधु चरण पूर्ति और बोरजो पूर्ति सहित 15 अन्य ग्रामीणों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है.

सरायकेला: जिले के प्रखंड के कांदागोड़ा गांव में बीते रविवार को कुछ ग्रामीणों ने हिरण को काटकर मांस का वितरण करते हुए सामूहिक भोज किया. इसी मामले में वन विभाग की ओर से ग्राम प्रधान सहित कुल तीन नामजद और 15 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है. साथ ही न्यायालय से संबंधित आरोपियों के गिरफ्तारी के लिए वन विभाग की ओर से प्रार्थना की गई है.

वनों की खूबसूरती वन्यजीवों से है

वन क्षेत्र पदाधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया है कि वन्य प्राणियों के संरक्षण को लेकर लगातार चलाया जा रहा है. इसके बावजूद इस प्रकार की घटना किसी भी सभ्य समाज के लिए घोर निंदनीय है. इस पर कानूनी कार्रवाई के लिए कार्य किया जा रहा है. वनों की शोभा और वनों की खूबसूरती उनमें निवास कर रहे वन्यजीवों से है. ऐसी स्थिति में उन्हें नुकसान पहुंचाने का अर्थ है वनों को नुकसान पहुंचाना. कानून की नजर में दोनों ही कृत्य दंडनीय अपराध है.

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मोरों की संख्या में उत्साहवर्धक वृद्धि

वन क्षेत्र पदाधिकारी प्रमोद कुमार बताते हैं कि वन विभाग और जागरूक ग्रामीणों के अथक प्रयास के बाद वर्तमान में क्षेत्र के वन वन्यजीवों के लिए खूबसूरत प्राकृतिक आश्रय बन रहे हैं, जिसके तहत सीनी क्षेत्र के सिल्पिंगदा और अन्य वनीय क्षेत्र में इन दिनों मोरों की संख्या में उत्साहवर्धक वृद्धि हुई है. वहीं राजनगर क्षेत्र सहित अन्य वन क्षेत्रों में भी खरगोश, भालू और हिरण सहित अन्य वन्य प्राणी भी बढ़े हैं और जंगली हाथी भी कई स्थानों पर प्राकृतिक आश्रय ले रहे हैं, जो प्राकृतिक और मानवीय सामंजस्य का सकारात्मक पहलू माना जा सकता है.

क्या थी घटना

रविवार की सुबह उक्त गांव की खेतों में एक हिरण के देखे जाने के बाद कुछ ग्रामीणों की ओर से कुत्तों की मदद से उसे पकड़ा गया. बाद में पकड़े गए हिरण को काटकर मांस का वितरण करते हुए सामूहिक भोज भी उड़ाया गया और मामले का साक्ष्य मिटाने का भरपूर प्रयास किया गया. स्थानीय ग्राम प्रधान के बागान में किए गए उक्त कृत्य के बाद काफी छानबीन के बाद वन विभाग की ओर से मामले का खुलासा करते हुए ग्राम प्रधान पंडित हेंब्रम और ग्रामीण साधु चरण पूर्ति और बोरजो पूर्ति सहित 15 अन्य ग्रामीणों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है.

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