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सरायकेलाः विटनेस प्रोटक्शन स्कीम के तहत गवाहों की सुरक्षा की मांग, जिला एवं सत्र न्यायाधीश को दिया आवेदन

सरायकेला कारा मंडल में सजा काट करे आरोपियों के खिलाफ गवाहों के लिए सुरक्षा की मांग की है. अपर लोक अभियोजक राजीव कुमार ने इस संबंध में जिला एवं सत्र न्यायाधीश को आवेदन भी दे दिया है.

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Published : Dec 25, 2020, 12:34 PM IST

protection of witnesses in seraikela
व्यवहार न्यायालय

सरायकेला: जिले के मंडल कारा में सजा काट रहे आरोपियों के खिलाफ गवाहों को सुरक्षा प्रदान किए जाने की मांग की गई है. मामले को लेकर अपर लोक अभियोजक ने गवाह की सुरक्षा की मांग जिला एवं सत्र न्यायाधीश से की है.

सजा काट रहे कैदियों पर पैनी निगाह
अपर लोक अभियोजक राजीव कुमार ने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश को आवेदन देकर गवाहों के लिए सुरक्षा की मांग की है. इसके साथ ही जेल और जिला प्रशासन से जेल में सजा काट रहे कैदियों पर पैनी निगाह रखे जाने की भी मांग रखी गई है. अक्सर जेल में बंद आरोपियों की ओर से फोन के माध्यम या अन्य तरीकों से मामले के गवाहों को डराने धमकाने संबंधित मामले सामने आते हैं.

इसे भी पढ़ें- राज्य में ट्वीटर पर आई शिकायतों में कितनों का हुआ समाधान, जानकारी जुटा रही पुलिस

अपर लोक अभियोजक राजीव कुमार ने राज्य सरकार के विटनेस प्रोटक्शन स्कीम के तहत गवाह के सुरक्षा की मांग रखी है. इस संबंध में बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय के अनुसार सत्यता को सामने लाने के लिए गवाहों की कोर्ट में गवाही दर्ज कराने के लिए सुरक्षा प्रावधान योजना के तहत सुरक्षा प्रदान किया जाना है. सुरक्षा प्रावधान योजना के अध्यक्ष प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश होते हैं, साथ ही इसमें सचिव लोक अभियोजक और सदस्य के रूप में पुलिस अधीक्षक भी शामिल होते हैं.

अपर लोक अभियोजक ने विटनेस प्रोटक्शन स्कीम को न्यायिक प्रक्रिया में मजबूती के साथ शामिल किए जाने की भी मांग की है, ताकि किसी भी मामले के गवाह बिना भय के माहौल में गवाही दे और आरोपी को कानूनी प्रक्रिया के तहत सजा मिले.

सरायकेला: जिले के मंडल कारा में सजा काट रहे आरोपियों के खिलाफ गवाहों को सुरक्षा प्रदान किए जाने की मांग की गई है. मामले को लेकर अपर लोक अभियोजक ने गवाह की सुरक्षा की मांग जिला एवं सत्र न्यायाधीश से की है.

सजा काट रहे कैदियों पर पैनी निगाह
अपर लोक अभियोजक राजीव कुमार ने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश को आवेदन देकर गवाहों के लिए सुरक्षा की मांग की है. इसके साथ ही जेल और जिला प्रशासन से जेल में सजा काट रहे कैदियों पर पैनी निगाह रखे जाने की भी मांग रखी गई है. अक्सर जेल में बंद आरोपियों की ओर से फोन के माध्यम या अन्य तरीकों से मामले के गवाहों को डराने धमकाने संबंधित मामले सामने आते हैं.

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अपर लोक अभियोजक राजीव कुमार ने राज्य सरकार के विटनेस प्रोटक्शन स्कीम के तहत गवाह के सुरक्षा की मांग रखी है. इस संबंध में बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय के अनुसार सत्यता को सामने लाने के लिए गवाहों की कोर्ट में गवाही दर्ज कराने के लिए सुरक्षा प्रावधान योजना के तहत सुरक्षा प्रदान किया जाना है. सुरक्षा प्रावधान योजना के अध्यक्ष प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश होते हैं, साथ ही इसमें सचिव लोक अभियोजक और सदस्य के रूप में पुलिस अधीक्षक भी शामिल होते हैं.

अपर लोक अभियोजक ने विटनेस प्रोटक्शन स्कीम को न्यायिक प्रक्रिया में मजबूती के साथ शामिल किए जाने की भी मांग की है, ताकि किसी भी मामले के गवाह बिना भय के माहौल में गवाही दे और आरोपी को कानूनी प्रक्रिया के तहत सजा मिले.

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