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आदिवासी सेंगेल अभियान 6 दिसंबर को करेगा देशभर में रेल चक्का जाम, केंद्र सरकार से सरना धर्म कोड की मंजूरी की मांग

सरायकेला में आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने सरना धर्म कोड को लेकर बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि सरना आदिवासी धर्म कोड की मांग को लेकर आदिवासी सेंगेल अभियान केंद्र सरकार पर दवाब बनाएगी.

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आदिवासी सेंगेल अभियान की बैठक
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Published : Nov 11, 2020, 7:33 PM IST

सरायकेला: झारखंड आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने राजनगर में बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि विधानसभा में बुधवार को विशेष सत्र में ध्वनिमत से पारित सरना आदिवासी धर्म कोड की मांग को लेकर आदिवासी सेंगेल अभियान केंद्र सरकार पर दवाब बनाएगी. उन्होंने कहा कि आदिवासी सेंगेल अभियान शुरू से सरना धर्म कोड की मांग करती आ रही है, लेकिन हेमंत सरकार वोट बैंक की राजनीतिक के चक्कर में टाल मटोल कर रही थी.

सालखन मुर्मू ने कहा कि हेमंत सरकार ईसाई और मुसलमानों के वोट लेने के चक्कर में आदिवासी 'ऑबलिक' सरना धर्म कोड का प्रस्ताव ला रही थी, पिछली जनगणना में 50 लाख सरना धर्म लिखने वाले आदिवासियों पर 40 हजार आदिवासी धर्म लिखने वाले भारी पड़ रहे थे, शुरू से ही सरना धर्म कोड की मांग की जा रही थी, लेकिन विधानसभा में विपक्ष के हंगामे से आखिरकार ऑबलिक हटा, जो आदिवासियों के हित में है.

इसे भी पढे़ं:- आदिवासी सरना धर्म कोड को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र, विधायक प्रदीप यादव ने कहा- आदिवासियों का कल्याण करे बीजेपी

आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि अंततः दवाब के बाद विधानसभा में सरकार ने आखिरकार सरना आदिवासी धर्म कोड के नाम से पारित तो जरूर कर दिया, लेकिन केंद्र की मंजूरी के बिना आदिवासियों को सरना आदिवासी धर्म कोड नहीं मिलेगी, आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से छह दिसंबर को देश के विभिन्न प्रदेशों में रेल चक्का जाम किया जाएगा. जनजागरण अभियान के लिए कोल्हान के नीमडीह, बोड़ाम, सरायकेला, मनोहरपुर, चाईबासा और करनडीह से सरना रथ रवाना किया जाएगा.

सरायकेला: झारखंड आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने राजनगर में बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि विधानसभा में बुधवार को विशेष सत्र में ध्वनिमत से पारित सरना आदिवासी धर्म कोड की मांग को लेकर आदिवासी सेंगेल अभियान केंद्र सरकार पर दवाब बनाएगी. उन्होंने कहा कि आदिवासी सेंगेल अभियान शुरू से सरना धर्म कोड की मांग करती आ रही है, लेकिन हेमंत सरकार वोट बैंक की राजनीतिक के चक्कर में टाल मटोल कर रही थी.

सालखन मुर्मू ने कहा कि हेमंत सरकार ईसाई और मुसलमानों के वोट लेने के चक्कर में आदिवासी 'ऑबलिक' सरना धर्म कोड का प्रस्ताव ला रही थी, पिछली जनगणना में 50 लाख सरना धर्म लिखने वाले आदिवासियों पर 40 हजार आदिवासी धर्म लिखने वाले भारी पड़ रहे थे, शुरू से ही सरना धर्म कोड की मांग की जा रही थी, लेकिन विधानसभा में विपक्ष के हंगामे से आखिरकार ऑबलिक हटा, जो आदिवासियों के हित में है.

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आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि अंततः दवाब के बाद विधानसभा में सरकार ने आखिरकार सरना आदिवासी धर्म कोड के नाम से पारित तो जरूर कर दिया, लेकिन केंद्र की मंजूरी के बिना आदिवासियों को सरना आदिवासी धर्म कोड नहीं मिलेगी, आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से छह दिसंबर को देश के विभिन्न प्रदेशों में रेल चक्का जाम किया जाएगा. जनजागरण अभियान के लिए कोल्हान के नीमडीह, बोड़ाम, सरायकेला, मनोहरपुर, चाईबासा और करनडीह से सरना रथ रवाना किया जाएगा.

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