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कोरोना बंदी का असर: औद्योगिक क्षेत्र की 15 सौ कंपनियां बंद, छुट्टी पर भेजे गए दो लाख मजदूर

एशिया के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र में शुमार सरायकेला जिला का औद्योगिक क्षेत्र भी कोरोना वायरस संक्रमण के लॉकडाउन से पूरी तरह प्रभावित है. औद्योगिक क्षेत्र में एक लाख स्थाई कर्मचारी, 50 हजार अस्थाई कर्मी और 50 हजार से भी अधिक असंगठित क्षेत्र के कामगार रोजाना काम करने आते हैं, जिनसे माल लोडिंग, अनलोडिंग समेत अन्य काम लिए जाते हैं. इन मजदूरों के अलावा मालवाहक गाड़ियों के चालक गाड़ी, मालिक होटल संचालक आदि भी बंदी से प्रभावित हैं.

15 hundred companies closed in seraikela
कोरोना वायरस संक्रमण
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Published : Mar 25, 2020, 5:15 PM IST

सरायकेला: कोरोना संक्रमण के कहर से बचने के लिए देशभर में लॉकडाउन की घोषणा के बाद सरायकेला जिले के औद्योगिक क्षेत्र के विभिन्न कंपनियों में काम करने वाले दो लाख स्थाई और अस्थाई मजदूरों को छुट्टी दे दी गई है. वहीं, औद्योगिक क्षेत्र में मध्यम, सूक्ष्म और लघु उद्योगों की संख्या 15 सौ है, जहां कामकाज अब पूरी तरह ठप हो चुका है.

देखिए पूरी खबर

एशिया के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र में शुमार सरायकेला जिला का औद्योगिक क्षेत्र भी कोरोना वायरस संक्रमण के लॉकडाउन से पूरी तरह प्रभावित है. औद्योगिक क्षेत्र में एक लाख स्थाई कर्मचारी, 50 हजार अस्थाई कर्मी और 50 हजार से भी अधिक असंगठित क्षेत्र के कामगार रोजाना काम करने आते हैं, जिनसे माल लोडिंग, अनलोडिंग समेत अन्य काम लिए जाते हैं. इन मजदूरों के अलावा मालवाहक गाड़ियों के चालक गाड़ी, मालिक होटल संचालक आदि भी बंदी से प्रभावित हैं.

कर्मचारियों को घर बैठे मिलेगा वेतन

देशभर में लॉकडाउन की घोषणा के बाद सरायकेला के औद्योगिक क्षेत्र में सन्नाटा पसरा है. वहीं, सरकार के प्रस्ताव को तमाम निजी कंपनी प्रबंधन ने मानते हुए लॉकडाउन के स्थिति में कर्मचारी और मजदूरों को घर बैठा कर भी वेतन दिए जाने का निर्णय लिया है. ज्यादातर कंपनियों ने कामगार और मजदूरों को विभिन्न माध्यमों से सूचित किया है कि अगले आदेश तक कंपनी बंद रहेगी. ऐसी स्थिति में उन्हें पूरा वेतन दिया जाएगा. हालांकि, इस लॉकडाउन का सबसे बुरा प्रभाव दिहाड़ी और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों पर पड़ रहा है, जिन्हें बिना काम वेतन नहीं मिलेगा.

ये भी पढ़ें: नवरात्रि का आज पहला दिन, ऐसे करें घट स्थापना, जानें सामग्री, मुहूर्त एवं विधि

सिर्फ इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट में चल रहा मेंटेनेंस कार्य

लॉकडाउन की स्थिति में सभी छोटे-बड़े औद्योगिक समूह बंद हैं. वहीं, सिर्फ इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट में मेंटेनेंस को लेकर कामगार और कर्मचारियों को कंपनी प्रबंधन बुला रहा है. इससे पहले जिला प्रशासन ने भी इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट मेंटेनेंस कार्य को लेकर कंपनी खोले जाने संबंधित आदेश दिया था. क्योंकि स्टील प्लांट किसी भी हालत में पूरी तरह से बंद नहीं होते.

सरायकेला: कोरोना संक्रमण के कहर से बचने के लिए देशभर में लॉकडाउन की घोषणा के बाद सरायकेला जिले के औद्योगिक क्षेत्र के विभिन्न कंपनियों में काम करने वाले दो लाख स्थाई और अस्थाई मजदूरों को छुट्टी दे दी गई है. वहीं, औद्योगिक क्षेत्र में मध्यम, सूक्ष्म और लघु उद्योगों की संख्या 15 सौ है, जहां कामकाज अब पूरी तरह ठप हो चुका है.

देखिए पूरी खबर

एशिया के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र में शुमार सरायकेला जिला का औद्योगिक क्षेत्र भी कोरोना वायरस संक्रमण के लॉकडाउन से पूरी तरह प्रभावित है. औद्योगिक क्षेत्र में एक लाख स्थाई कर्मचारी, 50 हजार अस्थाई कर्मी और 50 हजार से भी अधिक असंगठित क्षेत्र के कामगार रोजाना काम करने आते हैं, जिनसे माल लोडिंग, अनलोडिंग समेत अन्य काम लिए जाते हैं. इन मजदूरों के अलावा मालवाहक गाड़ियों के चालक गाड़ी, मालिक होटल संचालक आदि भी बंदी से प्रभावित हैं.

कर्मचारियों को घर बैठे मिलेगा वेतन

देशभर में लॉकडाउन की घोषणा के बाद सरायकेला के औद्योगिक क्षेत्र में सन्नाटा पसरा है. वहीं, सरकार के प्रस्ताव को तमाम निजी कंपनी प्रबंधन ने मानते हुए लॉकडाउन के स्थिति में कर्मचारी और मजदूरों को घर बैठा कर भी वेतन दिए जाने का निर्णय लिया है. ज्यादातर कंपनियों ने कामगार और मजदूरों को विभिन्न माध्यमों से सूचित किया है कि अगले आदेश तक कंपनी बंद रहेगी. ऐसी स्थिति में उन्हें पूरा वेतन दिया जाएगा. हालांकि, इस लॉकडाउन का सबसे बुरा प्रभाव दिहाड़ी और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों पर पड़ रहा है, जिन्हें बिना काम वेतन नहीं मिलेगा.

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सिर्फ इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट में चल रहा मेंटेनेंस कार्य

लॉकडाउन की स्थिति में सभी छोटे-बड़े औद्योगिक समूह बंद हैं. वहीं, सिर्फ इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट में मेंटेनेंस को लेकर कामगार और कर्मचारियों को कंपनी प्रबंधन बुला रहा है. इससे पहले जिला प्रशासन ने भी इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट मेंटेनेंस कार्य को लेकर कंपनी खोले जाने संबंधित आदेश दिया था. क्योंकि स्टील प्लांट किसी भी हालत में पूरी तरह से बंद नहीं होते.

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