साहिबगंज: कई लोग कहते हैं बेटे आस तोड़ देते हैं लेकिन, बेटियां ऐसा नहीं करतीं. लेकिन साहिबगंज की एक घटना न सिर्फ रिश्तों को शर्मसार करती है बल्कि यह सोचने पर मजबूर करती है जिन बेटियों को जतन से पाला और धूमधाम से शादी की, वे मौत के आखिरी पल में देखने तक क्यों नहीं आईं. मां मर गईं फोन कर बताया गया तो बेटियों ने जवाब दिया हम कुछ जानना नहीं चाहते. आपको जो करना है कर दीजिए.
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वृद्धाश्रम में बुजुर्ग की मौत
दरअसल, साहिबगंज में एक महिला माया देवी वृद्धाश्रम में रह रहीं थीं. कुछ दिनों पहले उनकी तबीयत खराब हुई और इलाज के लिए भागलपुर मायागंज अस्पताल में भर्ती कराया गया. स्थिति गंभीर थी तो डॉक्टरों ने बुजुर्ग महिला को जिला अस्पताल रेफर कर दिया. मंगलवार सुबह बुजुर्ग महिला की मौत हो गई.
महिला की मौत के बाद वृद्धाश्रम के लोगों ने उनकी दोनों बेटियों को फोन कर बताया कि मां मर चुकी है. बेटियों ने जवाब दिया आप लोगों को जो उचित लगे वह कर दीजिए. हम कुछ नहीं जानते और न ही जानना चाहते हैं.
मां कहती थी- बच्चों में व्यस्त होंगी...इसलिए मिलने नहीं आतीं
वृद्धाश्रम में रह रही एक महिला का बताया कि वह काफी अच्छी विचार की थीं. हमेशा अपनी बेटी के बारे में जिक्र करती थीं. बताती थी कि बेटियों की शादी अच्छे घर में कर दी है. बस इस बात की तकलीफ है कि दोनों बेटियां देखने नहीं आतीं. वह कहती थीं कि बेटियां अपने बच्चों में व्यस्त होगी इसलिए समय नहीं मिलता होगा. हम वृद्धाश्रम में ही खुश हैं.
हिंदू रीति रिवाज के अनुसार किया गया दाह संस्कार
वृद्धा आश्रम इंचार्ज के द्वारा समाज कल्याण पदाधिकारी, उपायुक्त और सिविल सर्जन को पूरी बात बताई गई. जिरवाबाड़ी थाने में लिखित आवेदन दिया गया और इस महिला का पोस्टमार्टम कर मुनीलाल श्मशान घाट में हिंदू रीति रिवाज के अनुसार दाह संस्कार किया गया.