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साहिबगंज में मानव तस्करी का शिकार हुए 15 नाबालिग दिल्ली में फंसे, लॉकडाउन खत्म होने पर लाने की तैयारी

साहिबगंज में मानव तस्करी (human trafficking) का शिकार हुए 15 नाबालिग दिल्ली में फंसे हैं, जिन्हें बाल गृह और बालिका गृह में रखा गया है. झारखंड में लॉकडाउन खत्म होने के बाद इन बच्चों को लाकर उनके परिवार को सौंप दिया जाएगा.

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साहिबगंजः मानव तस्करी के शिकार हुए 15 नाबालिग दिल्ली में हैं फंसे
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Published : Jun 2, 2021, 6:19 PM IST

Updated : Jun 2, 2021, 6:34 PM IST

साहिबगंजः जिले में मानव तस्करी (human trafficking) रूकने का नाम नहीं ले रही है. अक्सर मानव तस्करी के मामले सामने आते रहते हैं. साहिबगंज में मानव तस्करी का शिकार हुए 15 नाबालिग फिलहाल दिल्ली में फंसे हैं. जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी पूनम कुमारी कहती हैं कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद दिल्ली में फंसे बच्चों को लाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

देखें पूरी रिपोर्ट

यह भी पढ़ेंःसाहिबगंजः ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर लगाम लगाने पुलिस प्रशासन सख्त, चलाया जाएगा जागरूकता अभियान

दरअसल, साहिबगंज आदिवासी बहुल क्षेत्र है, जहां आदिवासी परिवार काफी गरीब हैं. इन आदिवासी परिवार को दलाल नौकरी और पैसे का प्रलोभन देकर उनके घर के युवक-युवतियों और बच्चों को दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, गुजरात के शहरों में भेज देते हैं. की बार उनका शोषण किया जाता है. शोषित बच्चे दलाल के चंगुल से भागकर पुलिस के पास पहुंचते हैं, तो मामला सामने आता है.

तीन प्रखंड के हैं बच्चे

अब ऐसा ही मामला दिल्ली से आया है. साहिबगंज की 13 लड़कियां और 3 लड़के लॉकडाउन के चलते दिल्ली में फंस हैं. हालांकि, इन बच्चों को बाल गृह और बालिका गृह में सुरक्षित रखा गया है. जिला बाल संरक्षण अधिकारी पूनम कुमारी ने बताया कि लॉकडाउन के कारण इन आदिवासी बच्चों को लाया नहीं जा सका है. झारखंड में लॉकडाउन खत्म होता है तो 15 बच्चों को यहां लाया जाएगा और उन्हें सुरक्षित माता-पिता को सुपुर्द किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ये सभी बच्चे बरहेट, बोरियों, मंडरो प्रखंड के हैं.

साहिबगंजः जिले में मानव तस्करी (human trafficking) रूकने का नाम नहीं ले रही है. अक्सर मानव तस्करी के मामले सामने आते रहते हैं. साहिबगंज में मानव तस्करी का शिकार हुए 15 नाबालिग फिलहाल दिल्ली में फंसे हैं. जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी पूनम कुमारी कहती हैं कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद दिल्ली में फंसे बच्चों को लाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

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दरअसल, साहिबगंज आदिवासी बहुल क्षेत्र है, जहां आदिवासी परिवार काफी गरीब हैं. इन आदिवासी परिवार को दलाल नौकरी और पैसे का प्रलोभन देकर उनके घर के युवक-युवतियों और बच्चों को दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, गुजरात के शहरों में भेज देते हैं. की बार उनका शोषण किया जाता है. शोषित बच्चे दलाल के चंगुल से भागकर पुलिस के पास पहुंचते हैं, तो मामला सामने आता है.

तीन प्रखंड के हैं बच्चे

अब ऐसा ही मामला दिल्ली से आया है. साहिबगंज की 13 लड़कियां और 3 लड़के लॉकडाउन के चलते दिल्ली में फंस हैं. हालांकि, इन बच्चों को बाल गृह और बालिका गृह में सुरक्षित रखा गया है. जिला बाल संरक्षण अधिकारी पूनम कुमारी ने बताया कि लॉकडाउन के कारण इन आदिवासी बच्चों को लाया नहीं जा सका है. झारखंड में लॉकडाउन खत्म होता है तो 15 बच्चों को यहां लाया जाएगा और उन्हें सुरक्षित माता-पिता को सुपुर्द किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ये सभी बच्चे बरहेट, बोरियों, मंडरो प्रखंड के हैं.

Last Updated : Jun 2, 2021, 6:34 PM IST
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