साहिबगंज: शुक्रवार को गंगा नदी में मालवाहक जहाज पटल गई, जिसमें छह हाइवा डूब गया. इसके साथ ही एक हाइवा के ड्राइवर सैफुद्दीन अंसारी भी हादसे के बाद से लापता था. घटना के बाद से लगातार गोताखोर की मदद से रेस्क्यू अभियान चलाया गया. अभियान के पांचवें दिन डूबे तीन और हाइवा को निकाला गया. इसमें एक हाइवा में ड्राइवर का शव मिला. ड्राइवर के शव मिलने के बाद रेस्क्यू अभियान खत्म कर दिया गया. सैफुद्दीन के शव मिलते ही परिजनों के बीच कोहराम मच गया. हालांकि, कंपनी ने परिजनों को 24 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है. वहीं. ड्राइवर के भाई कबीर अंसारी, सबीर अंसारी सहित अन्य परिजनों ने बताया कि डीबीए कंपनी की बड़ी लापरवाही की वजह से यह घटना घटी है.
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सैफुद्दीन के परिजनों ने कहा कि सात ट्रक डूबा है. लेकिन प्रबंधन की तरफ से बार-बार एक ट्रक कहा जा रहा था. हकीकत सामने आया और प्रबंधन की झूठ सामने आयी है. उन्होंने कहा कि प्रबंधन यदि चाहता तो तीस दिसंबर को ही मेरा भाई मिल जाता. लेकिन इतनी बड़ी कंपनी के पास इस तरह के हादसा से निबटने के लिए प्रयाप्त साधन नहीं था. जिला प्रशासन की लापरवाही है कि इस तरह के प्रबंधन के खिलाफ सख्ती नहीं बरतनी है. उन्होंने कहा कि क्षमता से अधिक हाइवा चढ़ाने की वजह से घटना घटी है. .
परिजनों ने बताया कि मंगलवार की शाम शव को पोस्टमार्टम कराने के बाद सौंप दिया. प्रबंधन की तरफ से 22 से 24 लाख मुआवजा देने की बात कही गई है. गौरतलब है कि 30 दिसंबर को साहिबगंज- मनिहारी के बीच गंगा पुल का निर्माण करा रही डीबीएल कंपनी का मालवाहक जहाज असंतुलन होने से पलट गई थी. इसमें तीन हाइवा जहाज पर गिरा था और छह हाइवा नदी में डूब गया था.
घटना के पहले दिन क्रेन की मदद से जहाज पर गिरे तीनों हाइवा को हटाया गया. शनिवार को कोलकाता से पहुंचे गोताखोर की मदद से रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया. लगातार पांच दिनों तक चले अभियान में छह हाइवा निकाला गया. इसमें एक हाइवा में चालक का शव मिला. ड्राइवर का शव एमपी 39 एच2658 नंबर के हाइवा से मिला है. वहीं, सैफुद्दीन के भाई कबीर अंसारी ने प्रबंधन के खिलाफ मुफस्सिल थाना में केस दर्ज कराया है.
परिजन के साथ साहिबगंज पहुंचे आजसू नेता डीबीएल कंपनी पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा की डीबीएल कंपनी की लापरवाही की वजह से मृतक का शव आज पांचवे दिन मिला है. इतनी बड़ी कंपनी को अपना गोताखोर नहीं है. काम करने वाले सारे लोग अन्य राज्यों के हैं. जिला प्रशासन को इसमें तत्परता दिखानी चाहिए. पूर्व में कंपनी एक हाईवा डूबने का दवा ठोक रहे थे तो आज कैसे 6 हाईवा निकल गई है. यह बहुत बड़ा सवाल है.