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अमर हो गए साहिबगंज के शहीद कुलदीप, पिता ने कहा- आतंकी को मार कर मरा होगा मेरा बेटा

श्रीनगर में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हुए कुलदीप उरांव का पार्थिव शरीर शनिवार सुबह साहिबगंज पहुंचा. शहीद के पार्थिव शरीर को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई. जैप-9 परिसर के पास राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.

Tributes paid to martyr Kuldeep Oraon of Sahibganj
शहीद कुलदीप उरांव
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Published : Jul 4, 2020, 11:27 AM IST

Updated : Jul 4, 2020, 8:04 PM IST

साहिबगंज: झारखंड के बेटे और सीआरपीएफ के जवान कुलदीप उरांव कश्मीर के मालबाग में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए. शहीद कुलदीप उरांव का साहिबगंज स्थित उनके पैत्रिक गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया. परिजनों ने बताया कि कुछ दिन पहले ही फोन कर कुलदीप ने कहा था कि छुट्टी मिलने पर घर आएंगे. साथ ही पत्नी-बच्चों की कई मांगों को पूरा करने का भरोसा दिलाया था. अब वायदे के मुताबिक वह वापस घर तो लौटे, लेकिन तिरंगे में लिपटे हुए.

देखें पूरी खबर

घटना की जानकारी मिलते ही उनके घर पर मातम छा गया. आसपास के लोग उनके परिजन से मिलने पहुंचने लगे. शनिवार को उनका पार्थिव शरीर रांची से हेलीकॉप्टर में उनके गृह जिले साहिबगंज स्थित जैप-9 ग्राउंड लाया गया. इस दौरान जिले के उपायुक्त और विधायक अनंत ओझा समेत तमाम बड़े अधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.

ये भी पढ़ें- यहां रविवार को काम नहीं करते हैं मवेशी, वर्षों से निभा रहे हैं परंपरा

बता दें कि शुक्रवार की शाम रांची के सीआरपीएफ कैंप में भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई थी, जहां झारखंड की गवर्नर द्रौपदी मुर्मू और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने श्रद्धांजलि अर्पित की. मुख्यमंत्री ने कहा कि जवान कुलदीप उरांव की शहादत पर पूरे राष्ट्र को गर्व है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस मुश्किल घड़ी में उनकी संवेदना शहीद के परिजनों के साथ है. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें.

कुलदीप के परिवार में सभी सेना और पुलिस से

शहीद कुलदीप उरांव का पूरा परिवार पुलिस और सेना से ही संबंध रखता है. पिता घनश्याम पुराण उरांव सीआरपीएफ से ही रिटायर्ड हुए हैं. जबकि शहीद कुलदीप उरांव की पत्नी बंदना उरांव भी कोलकाता पुलिस में कांस्टेबल के पद पर तैनात है. भाई प्रदीप उरांव का भी सेना में चयन हुआ था लेकिन पेट में ऑपरेशन होने के बाद उन्हें वापस भेज दिया गया.

साहिबगंज: झारखंड के बेटे और सीआरपीएफ के जवान कुलदीप उरांव कश्मीर के मालबाग में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए. शहीद कुलदीप उरांव का साहिबगंज स्थित उनके पैत्रिक गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया. परिजनों ने बताया कि कुछ दिन पहले ही फोन कर कुलदीप ने कहा था कि छुट्टी मिलने पर घर आएंगे. साथ ही पत्नी-बच्चों की कई मांगों को पूरा करने का भरोसा दिलाया था. अब वायदे के मुताबिक वह वापस घर तो लौटे, लेकिन तिरंगे में लिपटे हुए.

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घटना की जानकारी मिलते ही उनके घर पर मातम छा गया. आसपास के लोग उनके परिजन से मिलने पहुंचने लगे. शनिवार को उनका पार्थिव शरीर रांची से हेलीकॉप्टर में उनके गृह जिले साहिबगंज स्थित जैप-9 ग्राउंड लाया गया. इस दौरान जिले के उपायुक्त और विधायक अनंत ओझा समेत तमाम बड़े अधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.

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बता दें कि शुक्रवार की शाम रांची के सीआरपीएफ कैंप में भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई थी, जहां झारखंड की गवर्नर द्रौपदी मुर्मू और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने श्रद्धांजलि अर्पित की. मुख्यमंत्री ने कहा कि जवान कुलदीप उरांव की शहादत पर पूरे राष्ट्र को गर्व है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस मुश्किल घड़ी में उनकी संवेदना शहीद के परिजनों के साथ है. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें.

कुलदीप के परिवार में सभी सेना और पुलिस से

शहीद कुलदीप उरांव का पूरा परिवार पुलिस और सेना से ही संबंध रखता है. पिता घनश्याम पुराण उरांव सीआरपीएफ से ही रिटायर्ड हुए हैं. जबकि शहीद कुलदीप उरांव की पत्नी बंदना उरांव भी कोलकाता पुलिस में कांस्टेबल के पद पर तैनात है. भाई प्रदीप उरांव का भी सेना में चयन हुआ था लेकिन पेट में ऑपरेशन होने के बाद उन्हें वापस भेज दिया गया.

Last Updated : Jul 4, 2020, 8:04 PM IST
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