साहिबगंज: झारखंड का पिछड़ा जिला साहिबगंज को विकसित बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार इसे आकांक्षी जिला का घोषित किया है. इस आकांक्षी जिला के सपने को साकार करने में दर्पण कुमार चौरसिया, विकास कुमार और दिलीप पडाडे अहम भूमिका निभा रहे हैं.
तीनों दोस्त बेंगलुरु में एक निजी कंपनी में नौकरी कर रहे थे, लेकिन तीनों ने नौकरी छोड़कर कुछ अलग करने का प्रयास किया और खुद का एक कंपनी बना लिया. इन लोगों ने साहिबगंज के तलबन्ना मोहल्ले में रहकर बैग बनाने का काम शुरु किया. रोजगार को बढ़ाने के लिए तीनों ने ऑनलाइन का सहारा लिया. अमेजॉन पर अच्छे-अच्छे बैग की क्वालिटी और प्राइस पोस्ट करना शुरु कर दिया. बैग की बेहतर क्वालिटी को देखकर ऑनलाइन डिमांड बढ़ते गया. धीरे-धीरे इनका रोजगार इतना बढ़ गया कि आज के समय में इस कंपनी में कई लोग रोजगार करने लगे.
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इस रोजगार से जुड़े लोगों में काफी खुशी है. कंपनी में काम कर रहे लोगों का कहना है कि रोजगार के लिए शहर से बाहर जाकर दर-दर की ठोकरें खाना पड़ता था, लेकिन शहर में ही इस तरह का काम मिल जाना यह बेहद ही खुशी की बात है. उन्होंने बताया कि हमलोगों का बनाया हुआ बैग भारत के कई राज्यों में बिक रहा है.
जिला प्रशासन ने दिया मदद का भरोसा
जिले का उपायुक्त ने भी इसके बारे में जानकर काफी खुशी जाहिर की है. उन्होंने ईटीवी भारत के जरिये से यह संदेश दिया है कि अगर कंपनी को किसी भी तरह का मदद चाहिए तो जिला प्रशासन पूरी तरह से सहयोग करेगा.
तीन दोस्तों का नौकरी छोड़कर खुद का रोजगार करना साथ ही साथ कई लोगों को रोजगार देना यह एक गर्व की बात है. तीनों ने साहिबगंज में इस तरह का काम कर एक मिसाल कायम की है. लोग इन तीनों दोस्तों का तारीफ करने में भी नहीं थक रहे हैं.