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तीन दोस्त बने मिसाल, नौकरी छोड़कर बनाई खुद की कंपनी, दर्जनों लोगों को दिया रोजगार - Three friends set up bag company in Sahibganj

साहिबगंज में तीन दोस्तों ने मिलकर एक मिसाल कायम की है. तीनों दोस्त बेंगलुरु में एक निजी कंपनी में नौकरी कर रहे थे, लेकिन तीनों ने नौकरी छोड़कर खुद की एक कंपनी बनाने की कंपनी को स्थापित कर दिया, जिसमें कई लोगों को रोजगार भी दिया गया है.

Three friends set up bag company in Sahibganj
तीन दोस्त बना मिसाल
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Published : Jan 23, 2020, 11:30 PM IST

साहिबगंज: झारखंड का पिछड़ा जिला साहिबगंज को विकसित बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार इसे आकांक्षी जिला का घोषित किया है. इस आकांक्षी जिला के सपने को साकार करने में दर्पण कुमार चौरसिया, विकास कुमार और दिलीप पडाडे अहम भूमिका निभा रहे हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी

तीनों दोस्त बेंगलुरु में एक निजी कंपनी में नौकरी कर रहे थे, लेकिन तीनों ने नौकरी छोड़कर कुछ अलग करने का प्रयास किया और खुद का एक कंपनी बना लिया. इन लोगों ने साहिबगंज के तलबन्ना मोहल्ले में रहकर बैग बनाने का काम शुरु किया. रोजगार को बढ़ाने के लिए तीनों ने ऑनलाइन का सहारा लिया. अमेजॉन पर अच्छे-अच्छे बैग की क्वालिटी और प्राइस पोस्ट करना शुरु कर दिया. बैग की बेहतर क्वालिटी को देखकर ऑनलाइन डिमांड बढ़ते गया. धीरे-धीरे इनका रोजगार इतना बढ़ गया कि आज के समय में इस कंपनी में कई लोग रोजगार करने लगे.

इसे भी पढ़ें:- बोर्ड परीक्षा में बेहतर रिजल्ट के लिये कार्यशाला का आयोजन, डीसी ने शिक्षकों को दिए कई टिप्स

इस रोजगार से जुड़े लोगों में काफी खुशी है. कंपनी में काम कर रहे लोगों का कहना है कि रोजगार के लिए शहर से बाहर जाकर दर-दर की ठोकरें खाना पड़ता था, लेकिन शहर में ही इस तरह का काम मिल जाना यह बेहद ही खुशी की बात है. उन्होंने बताया कि हमलोगों का बनाया हुआ बैग भारत के कई राज्यों में बिक रहा है.

जिला प्रशासन ने दिया मदद का भरोसा
जिले का उपायुक्त ने भी इसके बारे में जानकर काफी खुशी जाहिर की है. उन्होंने ईटीवी भारत के जरिये से यह संदेश दिया है कि अगर कंपनी को किसी भी तरह का मदद चाहिए तो जिला प्रशासन पूरी तरह से सहयोग करेगा.

तीन दोस्तों का नौकरी छोड़कर खुद का रोजगार करना साथ ही साथ कई लोगों को रोजगार देना यह एक गर्व की बात है. तीनों ने साहिबगंज में इस तरह का काम कर एक मिसाल कायम की है. लोग इन तीनों दोस्तों का तारीफ करने में भी नहीं थक रहे हैं.

साहिबगंज: झारखंड का पिछड़ा जिला साहिबगंज को विकसित बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार इसे आकांक्षी जिला का घोषित किया है. इस आकांक्षी जिला के सपने को साकार करने में दर्पण कुमार चौरसिया, विकास कुमार और दिलीप पडाडे अहम भूमिका निभा रहे हैं.

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तीनों दोस्त बेंगलुरु में एक निजी कंपनी में नौकरी कर रहे थे, लेकिन तीनों ने नौकरी छोड़कर कुछ अलग करने का प्रयास किया और खुद का एक कंपनी बना लिया. इन लोगों ने साहिबगंज के तलबन्ना मोहल्ले में रहकर बैग बनाने का काम शुरु किया. रोजगार को बढ़ाने के लिए तीनों ने ऑनलाइन का सहारा लिया. अमेजॉन पर अच्छे-अच्छे बैग की क्वालिटी और प्राइस पोस्ट करना शुरु कर दिया. बैग की बेहतर क्वालिटी को देखकर ऑनलाइन डिमांड बढ़ते गया. धीरे-धीरे इनका रोजगार इतना बढ़ गया कि आज के समय में इस कंपनी में कई लोग रोजगार करने लगे.

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इस रोजगार से जुड़े लोगों में काफी खुशी है. कंपनी में काम कर रहे लोगों का कहना है कि रोजगार के लिए शहर से बाहर जाकर दर-दर की ठोकरें खाना पड़ता था, लेकिन शहर में ही इस तरह का काम मिल जाना यह बेहद ही खुशी की बात है. उन्होंने बताया कि हमलोगों का बनाया हुआ बैग भारत के कई राज्यों में बिक रहा है.

जिला प्रशासन ने दिया मदद का भरोसा
जिले का उपायुक्त ने भी इसके बारे में जानकर काफी खुशी जाहिर की है. उन्होंने ईटीवी भारत के जरिये से यह संदेश दिया है कि अगर कंपनी को किसी भी तरह का मदद चाहिए तो जिला प्रशासन पूरी तरह से सहयोग करेगा.

तीन दोस्तों का नौकरी छोड़कर खुद का रोजगार करना साथ ही साथ कई लोगों को रोजगार देना यह एक गर्व की बात है. तीनों ने साहिबगंज में इस तरह का काम कर एक मिसाल कायम की है. लोग इन तीनों दोस्तों का तारीफ करने में भी नहीं थक रहे हैं.

Intro:तीन दोस्त नोकरी छोड़ एक साथ बेग बनाने का किया रोजगार,अमेजोन पर लोग देख ऑनलाइन करते है खरीदारी,इस रोजगार से दर्जनों लोगो को दे चुके है रोजगार।। झारखंड का सबसे पिछड़ा जिला साहेबगंज को विकसित बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार इसे आकांक्षी जिला का घोषित किया है। इस आकांक्षी जिला के सपना को साकार करने में जुटे तीन दोस्त जिसमें साहिबगंज से दर्पण कुमार चौरसिया, विकास कुमार और दिलीप पडाडे है।

तीनो दोस्त का फोटो रिपोर्टर्स एप्प से फ़ाइल कर रहा हु।



Body:तीन दोस्त नोकरी छोड़ एक साथ बेग बनाने का किया रोजगार,अमेजोन पर लोग देख ऑनलाइन करते है खरीदारी,इस रोजगार से दर्जनों लोगो को दे चुके है रोजगार।
स्पेशल स्टोरी--साहिबगंज-- झारखंड का सबसे पिछड़ा जिला साहेबगंज को विकसित बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार इसे आकांक्षी जिला का घोषित किया है। इस आकांक्षी जिला के सपना को साकार करने में जुटे तीन दोस्त जिसमें साहिबगंज से दर्पण कुमार चौरसिया, विकास कुमार और दिलीप पडाडे है।
तीनों दोस्त कुछ कहानी इस तरह है कि बेंगलुरु में किसी निजी नौकरी से जुड़कर काम कर रहे थे इन लोगों को निजी नौकरी नहीं भाया और एक कंपनी बनाया और साहिबगंज जिला के तलबन्ना मोहल्ले से हर तरह का बैग बनाने का काम चालू किया और आपने इस रोजगार को बढ़ाने के लिए ऑनलाइन का सहारा लिया। अमेजॉन पर अच्छे-अच्छे बैग का क्वालिटी और प्राइस पोस्ट किया। लोग अमेजॉन पर बैग की क्वालिटी को देखकर ऑनलाइन डिमांड करने लगे और धीरे-धीरे इनका रोजगार बढ़ने लगा । इस रोजगार से साहेबगंज से जुड़े कई कुशल कारीगर को भी जोड़ा गया जो इस काम से जुड़कर काफी खुश है और तीनों दोस्त अलग अलग राज्य में जाकर अपने का डिमांड लेने में जुटे हैं।
बाइट-- सुदामा देवी, दर्पण चौरसिया की माँ जानकारी देती हुई।
इस रोजगार से जुड़े लोगों का कहना है कि हमें खुशी है कि इस जिला में इस तरह का रोजगार मिला है। इस काम को करने के लिए बाल बच्चा को छोड़कर बाहर जाना पड़ता था। अब यहां पर कुछ कम मिलता है बाहर की तरह घर का भाड़ा नहीं देना पड़ता है और परिवार के साथ रहकर खुश है। खुशी यह भी है कि हमारे द्वारा बनाया गया बैग की बिक्री भारत के कई राज्यों में होती हैं।
बाइट-- कारीगर,1-2
जिले के उपायुक्त ने इस रोजगार को सुनकर काफी खुशी जाहिर किया है और ईटीवी भारत के माध्यम से यह संदेश दिया की किसी भी तरह का बैंक से लोन लेने की बात आती है तो जिला प्रशासन सहयोग करेगा या किसी भी तरह का प्रशिक्षण लेने की बात हो तो उसमें हम खड़े उतरेंगे। बहुत अच्छी बात है कि इस तरह के रोजगार से कई लोग जुड़े हुए हैं।
बाइट-- वरुण रंजन,डीसी ,साहिबगंज



Conclusion:तीन दोस्त के द्वारा नौकरी छोड़ना और खुद का रोजगार कर दर्जन लोगों को जोड़ना यह बहुत ही गर्व की बात है साहिबगंज इस छोटा जिला से अच्छी क्वालिटी का बैग बनाकर अमेजॉन पर डाल रहे हैं और लोग देखकर ऑनलाइन खरीदारी कर रहे हैं। इस रोजाना से लाखों रुपये का प्रतिदिन आयात निर्यात होता है।
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