साहिबगंज: केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी योजना बंदरगाह पर घने बादल का छाया मंडराने लगा है. गंगा नदी में गाद की मात्रा अधिक होने से गंगा नदी की गहराई कम होने लगी है. जिस उद्देश्य बंदरगाह का निर्माण हुआ था की गंगा रास्ते बंगाल के हल्दिया से साहेबगंज और इलाहाबाद तक भारी कार्गो जहाज के माध्यम से सस्ते भाड़ा पर वस्तुओं का आयात निर्यात होगा लेकिन गंगा में गाद की समस्या लगातार बढ़ने से गंगा की धार कई पाट में बंट रहा है.
गंगा की सुरक्षा में राज्य सरकार और केंद्र सरकार ध्यान नहीं दे रही है. अन्य कार्यों को करने में जुटी हुई है. गंगा नदी में लगातार गाद बढ़ने से इसका अस्तिव पर सवाल उठने लगा है. ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार के तीन सौ करोड़ की लागत से बना समदा घाट पर मल्टी मॉडल टर्मिनल पर भी सवाल उठने लगा है. केंद्र सरकार इस दिशा में कोई पहल नहीं कर रही है. लोगों का कहना है कि गंगा में गाद का जमा रहने से जो सरकार के महत्वपूर्ण और महत्वकांक्षी योजना है बंदरगाह और मल्टी टर्मिनल वह एक शोभा की वस्तु बनकर रह जाएगी.
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वहीं, नगर परिषद का कहना है कि साहिबगंज को गंगा का जल नहीं मिल रहा है, जब सरकार इसका मॉनिटरिंग करेगी बीच से बालू को हटाया जाएगा तभी लोगों को थोड़ी राहत मिल पाएगी. इस समस्या को लेकर जब जिला प्रशासन से पूछा गया तब उन्होंने केंद्र सरकार की योजना कहकर टाल दिया. केंद्र सरकार को गंगा के संरक्षण को लेकर गंभीर होना चाहिए और जल्द से जल्द गंगा में जमे गाद को सफाई करने में पहल करनी चाहिए.