ETV Bharat / state

साहिबगंज: CWC में स्टाफ की कमी, 2 महिलाकर्मी के भरोसे चल रहा काम - साहिबगंज के सीडब्ल्यूसी में स्टाफ की कमी

साहिबगंज के सीडब्ल्यूसी इन दिनों स्टाफ की कमी से जूझ रहा है. यह ऑफिस सिर्फ दो महिला स्टॉफ के भरोसे चल रहा है. जिससे विभाग को बच्चों के हितों में फैसला लेने में परेशानी हो रही है.

साहिबगंज: CWC में स्टाफ की कमी
Shortage of staff in Child Welfare Committee in Sahibganj
author img

By

Published : Sep 5, 2020, 4:22 PM IST

साहिबगंज: जिला बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) इन दिनों स्टाफ की कमी से जूझ रहा है. दो महिला स्टाफ के भरोसे इस जिम्मेदार विभाग को बच्चों के हितों में फैसला लेने में परेशानी हो रही है. यहां कम से कम पांच स्टॉफ होना चाहिए. इस विभाग में कार्यरत सभी वकील होते हैं और इनका कार्यकाल तीन वर्षों का होता है.

देखें पूरी खबर
स्टाफ की कमी से टेबल पर पड़ा फाइल बिखरा पड़ा हुआ है. काम में गति नहीं आ रही है. इस सीडब्ल्यूसी में मिसिंग और ट्रेफिकिंग चाइल्ड सहित अन्य तरह के बच्चे आते हैं. इन बच्चों का सामाजिक जांच रिपोर्ट, केस स्टडी और बायोडाटा तैयार किया जाता है, लेकिन स्टाफ नहीं होने की वजह से काम पूरा नहीं हो पा रहा है. हालांकि, इस लॉकडाउन में ट्रेन नहीं चलने से बच्चे कम आ रहे हैं.


ये भी पढ़ें-धनबाद: हड़ताल पर गए भारत पेट्रोलियम के चालक, पंपों पर पेट्रोलियम पदार्थों की आपूर्ति बाधित होने का खतरा

सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष बबीती देवी ने कहा कि स्टाफ की कमी से बहुत परेशानी हो रही है. सारा काम पेंडिंग पड़ा हुआ है. किसी तरह काम को खींचा जा रहा है. किसी भी आर्डर सीट में तीन सदस्य का हस्ताक्षर जरूरी रहता है, लेकिन स्टाफ की कमी की वजह से दो स्टाफ से ही काम चलाया जा रहा है. सरकार अगर वैकेंसी निकालती है तो जल्द स्टाफ की कमी खत्म हो जाएगी.

साहिबगंज: जिला बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) इन दिनों स्टाफ की कमी से जूझ रहा है. दो महिला स्टाफ के भरोसे इस जिम्मेदार विभाग को बच्चों के हितों में फैसला लेने में परेशानी हो रही है. यहां कम से कम पांच स्टॉफ होना चाहिए. इस विभाग में कार्यरत सभी वकील होते हैं और इनका कार्यकाल तीन वर्षों का होता है.

देखें पूरी खबर
स्टाफ की कमी से टेबल पर पड़ा फाइल बिखरा पड़ा हुआ है. काम में गति नहीं आ रही है. इस सीडब्ल्यूसी में मिसिंग और ट्रेफिकिंग चाइल्ड सहित अन्य तरह के बच्चे आते हैं. इन बच्चों का सामाजिक जांच रिपोर्ट, केस स्टडी और बायोडाटा तैयार किया जाता है, लेकिन स्टाफ नहीं होने की वजह से काम पूरा नहीं हो पा रहा है. हालांकि, इस लॉकडाउन में ट्रेन नहीं चलने से बच्चे कम आ रहे हैं.


ये भी पढ़ें-धनबाद: हड़ताल पर गए भारत पेट्रोलियम के चालक, पंपों पर पेट्रोलियम पदार्थों की आपूर्ति बाधित होने का खतरा

सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष बबीती देवी ने कहा कि स्टाफ की कमी से बहुत परेशानी हो रही है. सारा काम पेंडिंग पड़ा हुआ है. किसी तरह काम को खींचा जा रहा है. किसी भी आर्डर सीट में तीन सदस्य का हस्ताक्षर जरूरी रहता है, लेकिन स्टाफ की कमी की वजह से दो स्टाफ से ही काम चलाया जा रहा है. सरकार अगर वैकेंसी निकालती है तो जल्द स्टाफ की कमी खत्म हो जाएगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.