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साहिबगंजः शहीद सिद्धो कान्हू पार्क जंगल में तब्दील! निराश होकर लौटते हैं पर्यटक

साहिबगंज में शदीह सिद्धो कान्हू पार्क (Shaheed Sidho Kanhu Park) मेंटेनेंस के अभाव में जंगल में तब्दील हो गया है. हालांकि पार्क के मेंटेनेंस को लेकर कमेटी बनाई गई है, लेकिन उसके पास फंड ही नहीं है.

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शहीद सिद्धो कान्हू पार्क जंगल में तब्दील
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Published : Nov 20, 2021, 10:51 AM IST

साहिबगंजः शहीद सिद्धो कान्हू कान्हू की जन्मस्थली भोगनाडीह गांव, जहां करोड़ों रुपये खर्च कर सिद्धो-कान्हू पार्क(Shaheed Sidho Kanhu Park) बनाया गया. लेकिन अब मेंटेनेंस के अभाव में पार्क जंगल और कटीले झाड़ियों में तब्दील हो गया है. पार्क की स्थिति देख पर्यटक निराश होकर लौट जाते हैं.

यह भी पढ़ेंःदुमका के सिद्धो-कान्हू पार्क की ट्रैजिक कहानी, बनने में लगे 12 साल, 3 साल में बदहाल

पार्क में बच्चों को खेलने-कूदने के लिए विशेष व्यवस्था की गई. इसे लेकर तरह-तरह के झूले लगाए गए, ताकि लोग बच्चों के साथ पार्क का आनंद उठा सके, लेकिन बच्चों के लिए बना पार्क अब झाड़ के जंगल में तब्दील हो गया है.

देखें पूरी रिपोर्ट

साल में दो दिन खुलता है पार्क

हूल क्रांति के महानायक सिद्धो-कान्हू की जयंती और शहीद दिवस पर जिला प्रशासन और राजनीतिक पार्टियों की ओर से करोड़ों रुपए खर्च कर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इस कार्यक्रम के बाद जिला प्रशासन और सरकार भूल जाती है. स्थानीय लोग बताते हैं कि साल में दो दिन ही पार्क की साफ सफाई की जाती है. इसके बाद पार्क को देखने वाला कोई नहीं होता है. उन्होंने कहा कि पार्क घूमने आने वाले लोग गेट से निराश होकर लौट जाते हैं.

कमेटी के पास नहीं है फंड

शहीद के वंशज मंडल मुर्मू ने बताया कि इस पार्क को रखरखाव करने के लिए कमेटी बनाई गई है, लेकिन कमेटी को चलाने के लिए सरकार की ओर से फंड मुहैया नहीं कराई जाती है. कमेटी में फंड नहीं होने से साफ-सफाई या मेंटेनेंस कार्य नहीं किया जाता है. इससे पार्क के गेट में ताला लगा रहता है. उन्होंने कहा कि हमसे जितना संभव होता है, उतना इस पार्क को साफ सफाई करते हैं. पार्क काफी बड़ा है. इसकी साफ-सफाई अकेले संभव नहीं है. उन्होंने जिला प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि शहीद सिद्धो कान्हू पार्क को दुरुस्त कराए.

साहिबगंजः शहीद सिद्धो कान्हू कान्हू की जन्मस्थली भोगनाडीह गांव, जहां करोड़ों रुपये खर्च कर सिद्धो-कान्हू पार्क(Shaheed Sidho Kanhu Park) बनाया गया. लेकिन अब मेंटेनेंस के अभाव में पार्क जंगल और कटीले झाड़ियों में तब्दील हो गया है. पार्क की स्थिति देख पर्यटक निराश होकर लौट जाते हैं.

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पार्क में बच्चों को खेलने-कूदने के लिए विशेष व्यवस्था की गई. इसे लेकर तरह-तरह के झूले लगाए गए, ताकि लोग बच्चों के साथ पार्क का आनंद उठा सके, लेकिन बच्चों के लिए बना पार्क अब झाड़ के जंगल में तब्दील हो गया है.

देखें पूरी रिपोर्ट

साल में दो दिन खुलता है पार्क

हूल क्रांति के महानायक सिद्धो-कान्हू की जयंती और शहीद दिवस पर जिला प्रशासन और राजनीतिक पार्टियों की ओर से करोड़ों रुपए खर्च कर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इस कार्यक्रम के बाद जिला प्रशासन और सरकार भूल जाती है. स्थानीय लोग बताते हैं कि साल में दो दिन ही पार्क की साफ सफाई की जाती है. इसके बाद पार्क को देखने वाला कोई नहीं होता है. उन्होंने कहा कि पार्क घूमने आने वाले लोग गेट से निराश होकर लौट जाते हैं.

कमेटी के पास नहीं है फंड

शहीद के वंशज मंडल मुर्मू ने बताया कि इस पार्क को रखरखाव करने के लिए कमेटी बनाई गई है, लेकिन कमेटी को चलाने के लिए सरकार की ओर से फंड मुहैया नहीं कराई जाती है. कमेटी में फंड नहीं होने से साफ-सफाई या मेंटेनेंस कार्य नहीं किया जाता है. इससे पार्क के गेट में ताला लगा रहता है. उन्होंने कहा कि हमसे जितना संभव होता है, उतना इस पार्क को साफ सफाई करते हैं. पार्क काफी बड़ा है. इसकी साफ-सफाई अकेले संभव नहीं है. उन्होंने जिला प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि शहीद सिद्धो कान्हू पार्क को दुरुस्त कराए.

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