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सरकारी सहायता न मिलने से परेशान किसान, महंगे दामों में खरीद रहे बीज

कोरोना वायरस से बचाव को लेकर पूरा देश लॉकडाउन है. इस दौरान किसानों को भी कई समस्याओं का सामना करना पर रहा है. खरीफ फसल बुआई का समय चल रहा है, लेकिन किसानों को मक्का, बाजरा और गरमा फसल की बीज नहीं मिल रही. लैम्प्स में बीज उपलब्ध नहीं है, जिस कारण किसान बाहर से अधिक दामों में बीज खरीद रहे हैं.

Seed problem of farmers lockdown in sahibganj
खरीफ फसल
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Published : May 13, 2020, 11:40 AM IST

साहिबगंज: कोरोना वायरस से बचाव को लेकर पूरा देश लॉकडाउन है. इस दौरान किसानों को भी कई समस्याओं का सामना करना पर रहा है. लगातार बारिश होने से जिस खेत में गेहूं की फसल कट चुकी है उसमें नमी आ चुकी है यानी खेती करने लायक जमीन उपजाऊ हो चुका है. किसान इस अवसर का फायदा उठाना चाह रहे है, लेकिन किसानों को बीज नहीं मिल रहा.

देखिए पूरी खबर

इस समय मौसम खेती करने लायक है. बाजड़ा और मक्का की खेती करने के लिए उपयुक्त समय है. लैंम्प्स में बीज नहीं मिलने से किसान परेशान हैं. इस कारण किसानों को बाहर से बीच खरीदना पड़ रहा है. जो बीच 50 रुपए किलो मिलता था वो बीज बाहर 200 रुपए किलो मिल रहा है. एक तरफ जहां किसान लॉकडाउन से परेशान हैं तो वहीं, खाद-बीज विक्रेता लॉकडाउन का लाभ उठा रहे हैं.

ये भी पढ़ें: झारखंड: कोरोना मरीजों की संख्या हुई 172, तीन की मौत, देश भर में अबतक 2,293 की गई जान

किसानों का कहना है कि मौसम साथ दे रहा है और इस मौसम में खेती नहीं किया गया तो खेत की नमी खत्म हो जाएगी और सारा मेहनत बेकार हो जाएगा. जिला प्रशासन की तरफ से कुछ भी मदद नहीं मिल रहा है. जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा कि मार्च के बाद किसी भी प्रकार की वित्तीय राशि विभाग को नहीं मिली है. यही वजह है कि किसान की मदद नहीं की जा रही है.

साहिबगंज: कोरोना वायरस से बचाव को लेकर पूरा देश लॉकडाउन है. इस दौरान किसानों को भी कई समस्याओं का सामना करना पर रहा है. लगातार बारिश होने से जिस खेत में गेहूं की फसल कट चुकी है उसमें नमी आ चुकी है यानी खेती करने लायक जमीन उपजाऊ हो चुका है. किसान इस अवसर का फायदा उठाना चाह रहे है, लेकिन किसानों को बीज नहीं मिल रहा.

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इस समय मौसम खेती करने लायक है. बाजड़ा और मक्का की खेती करने के लिए उपयुक्त समय है. लैंम्प्स में बीज नहीं मिलने से किसान परेशान हैं. इस कारण किसानों को बाहर से बीच खरीदना पड़ रहा है. जो बीच 50 रुपए किलो मिलता था वो बीज बाहर 200 रुपए किलो मिल रहा है. एक तरफ जहां किसान लॉकडाउन से परेशान हैं तो वहीं, खाद-बीज विक्रेता लॉकडाउन का लाभ उठा रहे हैं.

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किसानों का कहना है कि मौसम साथ दे रहा है और इस मौसम में खेती नहीं किया गया तो खेत की नमी खत्म हो जाएगी और सारा मेहनत बेकार हो जाएगा. जिला प्रशासन की तरफ से कुछ भी मदद नहीं मिल रहा है. जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा कि मार्च के बाद किसी भी प्रकार की वित्तीय राशि विभाग को नहीं मिली है. यही वजह है कि किसान की मदद नहीं की जा रही है.

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