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साहिबगंज: मासूम छात्रों पर मंडरा रहा 'मौत का साया', शिकायत के बाद भी बेपरवाह विभाग - Sahibganj News

साहिबगंज में प्राथमिक विद्यालय का भवन बेहद जर्जर हो गया है. स्कूल की छत कभी भी छात्रों पर गिर सकती है. विभाग से शिकायत के बाद भी इस बाबत कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है.

जर्जर भवन में पढ़ रहे छात्र
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Published : Jul 18, 2019, 3:14 PM IST

साहिबगंज: जिले में कई स्कूल जर्जर स्थिति में है. इन स्कूलों में बच्चे डर के साए में पढ़ाई कर रहे हैं. बरसात का समय शुरू हो चुका है. छत से चट्टान गिरने का डर लगा रहता है. स्कूल के शिक्षक द्वारा बार-बार इसकी शिकायत विभाग को की जाती है. हालांकि फंड का हवाला देकर विभाग की ओर से मरम्मत कार्य को टाल दिया जाता है.

वीडियो में देखें पूरी खबर

स्कूल के शिक्षक ने कहा कि स्कूलों की जर्जर स्थिति है. बरसात में अधिक परेशानी होती है. छत की चट्टान गिरने का डर हर वक्त लगा रहता है. उन्होंने कहा कि अपने स्तर पर फिलहाल बच्चों को दूसरी क्लास में शिफ्ट कर दिया है. किसी किसी कमरे में 3 क्लास के छात्र को शामिल कर पढ़ाया जाता है. विभाग को लिखने के बाद भी कोई पहल नहीं हो रही है.

वहीं, उप विकास आयुक्त ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. जिला स्तर पर विभिन्न मदों से भवन की मरम्मत कराई जाएगी. यदि छोटा मोटा काम होता है तो स्कूल के मद में फंड जाता है. हालांकि स्कूल बहुत ज्यादा जर्जर है तो जिला स्तर से ठीक करवाया जाएगा.

साहिबगंज: जिले में कई स्कूल जर्जर स्थिति में है. इन स्कूलों में बच्चे डर के साए में पढ़ाई कर रहे हैं. बरसात का समय शुरू हो चुका है. छत से चट्टान गिरने का डर लगा रहता है. स्कूल के शिक्षक द्वारा बार-बार इसकी शिकायत विभाग को की जाती है. हालांकि फंड का हवाला देकर विभाग की ओर से मरम्मत कार्य को टाल दिया जाता है.

वीडियो में देखें पूरी खबर

स्कूल के शिक्षक ने कहा कि स्कूलों की जर्जर स्थिति है. बरसात में अधिक परेशानी होती है. छत की चट्टान गिरने का डर हर वक्त लगा रहता है. उन्होंने कहा कि अपने स्तर पर फिलहाल बच्चों को दूसरी क्लास में शिफ्ट कर दिया है. किसी किसी कमरे में 3 क्लास के छात्र को शामिल कर पढ़ाया जाता है. विभाग को लिखने के बाद भी कोई पहल नहीं हो रही है.

वहीं, उप विकास आयुक्त ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. जिला स्तर पर विभिन्न मदों से भवन की मरम्मत कराई जाएगी. यदि छोटा मोटा काम होता है तो स्कूल के मद में फंड जाता है. हालांकि स्कूल बहुत ज्यादा जर्जर है तो जिला स्तर से ठीक करवाया जाएगा.

Intro:जर्जर भवन से स्कूल के बच्चों की पढ़ाई होती है वाधित। चट्टान गिरने से लगा रहता है डर। बरसात में छत चुने से बच्चों मि पढ़ायी होती है वाधित। इस क्लास में दो तीन क्लास को मिलाकर शिक्षक पढ़ने को है मजबूर। विभाग फण्ड का हवाला देकर नही गंभीर।


Body:डर के साये में बच्चे करते है पढ़ाई। बरसात में जर्जर छत से चट्टान गिरने को लगता है डर। जिला प्रशासन है बेखबर।
स्टोरी-साहिबगंज-- जिले में कई स्कूल जर्जर स्थिति में है। इन स्कूलों में बच्चे की पढ़ाई डर के साये में कर कर रहे है। बरसात का समय शुरू हो चुका है छत से चट्टान गिरने का डर लग रहता है। स्कूल के शिक्षक द्वारा बार बार इसकी शिकायत विभाग को की जाती है लेकिन फण्ड का हवाला देकर टाल दिया जाता है।
स्कूल के शिक्षक ने कहा कि स्कूलों की जर्जर स्थिति है। बरसात में अधिक परेशानी होती है। पहला की टप टप पानी की बूंद गिरता है दूसरी तरफ चट्टान की परत गिरने का डर लगा रहता है कहा की अपने स्तर से बच्चों दूसरे क्लास में शिफ्ट कर दिया गया है किसी किसी तीन क्लास के छात्र को शामिल कर पढ़ाया जाता है। विभाग को लिखने के बाद भी कोई पहल नही हो पाता है।
बाइट- जगदीश शर्मा,टीचर
उप विकास आयुक्त ने कहा मामला संज्ञान में आया है जिला स्तर पर विभिन्न मदो से भवन की रिपेयरिंग कराई जाएगी। यदि छोटा मोटा होता है तो स्कूल में मद में फण्ड जाता है। लेकिन बृहत रूप से स्कूल जर्जर है तो जिला स्तर से ठीक करवा जाएगा।
बाइट- नैंसी सहाय,डीडीसी।साहिबगंज




Conclusion:देखना होगा बच्चे के भविष्य को देखते हुए जिला प्रशासन कितना सजग हो पाता है। या किसी अनहोनी का इंतजार कर रहा है। कब जगेगा जिला प्रशासन।
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