साहिबगंज: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में ऑक्सीजन के लिए देश भर में हाहाकार मचा था. यह स्थिति दुबारा नहीं हो. इसको लेकर केंद्र और राज्य सरकार मिलकर साहिबगंज सदर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट और मेनिफोल्ड लगाया गया. इस प्लांट के माध्यम से 50 बेड को पाइप लाइन से ऑक्सीजन पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई. इसके साथ ही पीसीए प्लांट भी लगाया गया, जिससे 100 बेड को कवर करने की व्यवस्था की गई. प्लांट को संचालित करने के लिये चार कर्मियों की अनुबंध पर बहाली की गई, जिसे डेढ़ माह पहले सेवा से मुक्त कर दिया गया है. अब स्थिति यह है कि डेढ़ माह से प्लांट में ताला लटका है और मशीन पर धूल जमने लगा है. यह स्थिति सिर्फ सदर अस्पताल की नहीं है, बल्कि राजमहल अनुमंडल अस्पताल और बरहेट अस्पताल की भी है.
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आक्सीजन प्लांट की व्यवस्था नहीं थी तो विभाग निजी संस्था से प्रति सिलेंडर 700 रुपये में खरीदती थी. अब पुरानी व्यवस्था शुरू कर दी गई है. बड़ा जोम्बो सिलेंडर भरने की व्यवस्था थी. लेकिन स्टाफ नहीं रहने की वजह से लाखों रुपये की लागत से लगा ऑक्सीजन प्लांट धूल फांकने लगा है. हालांकि, कोरोना खत्म नहीं हुआ है और फिर संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ भी रही है. इस स्थिति में प्रशासन को अलर्ट रहने की जरूरत है.
प्लांट में कार्यरत पूर्व स्टाफ इरफान अहमद ने कहा कि तीन शिफ्टों में काम करते थे. अचानक सेवा मुक्त करने का नोटिस मिलते ही हटा दिया गया. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में काम किया और अब हटा दिया है. इससे आर्थिक संकट गहरा गया है. सिविल सर्जन अरविंद कुमार ने कहा कि प्लांट में काम कर रहे स्टाफ को सरकार के निर्देश पर हटा दिया गया है. अस्पताल में कार्यरत कर्मी प्लांट चलाते है. उन्होंने कहा कि समय पर प्लांट नहीं चलाने की शिकायत मिलती है तो कारवाई की जाएगी.