साहिबगंज: पितृपक्ष के दूसरे दिन शनिवार (30 सितंबर) को शहर के मुक्तेश्वर गंगा घाट पर तर्पण करने वालों की भीड़ उमड़ी. सुबह से लोग अपनी बारी का इंतजार करते हुए नजर आए. पुरोहितों की उपस्थिति में लोगों ने अपने माता-पिता सहित कुल के पूर्वज का तर्पण किया. वहीं शहर की बेटी ने तर्पण कर घर में नई परंपरा की शुरुआत की.
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खुशबू ने किया पिता का तर्पण: नगर थाना क्षेत्र के चैती दुर्गा मंदिर के पास रहने वाली खुशबू देवी पिता विजय सिंह का तर्पण करने पहुंची थी. इसे देखकर लोग उसकी प्रशंसा कर रहे थे. खुशबू ने पुरोहित की उपस्थिति में मंत्रोच्चारण के साथ विधिवत रूप से तर्पण किया. करीब आधे घंटे तक भारी बारिश के बीच तर्पण कर बाहर निकली.
भागलपुर में है ससुराल: खुशबू देवी का कहना है कि मैं साहिबगंज की बेटी हूं. बताया कि उसकी शादी बिहार के भागलपुर जिला के पिरपैंती थाना क्षेत्र में हुई है. खुशबू ने कहा कि उसे पहली बार तर्पण करने का मौका मिला है. उसने बताया कि उसे इस बात कि जानकारी की उसे पुरोहित से मिली थी कि बेटी भी तर्पण कर सकती है.
तर्पण कर की नई परंपरा की शुरुआत: खुशबू ने कहा तर्पण करने से पिता की आत्मा को शांति मिलेगी और उनका आशीर्वाद परिवार के सभी सदस्यों को मिलेगा. कहा कि इसी कारण वह पहली बार मुक्तेश्वर गंगा घाट आई और तर्पण किया. खुशबू ने कहा कि भाई बहनों में वह सबसे बड़ी है. बताया कि घर में तर्पण की परंपरा से सभी अनभिज्ञ थे. मायके आने पर उसने इस परंपरा की शुरुआत की. खुशबू ने बताया कि मेरी अनुपस्थिति में मेरे छोटे भाई-बहन इस परंपरा को आगे बढ़ाएंगे.
घर में सुख-समृद्धि की होती प्राप्ति: तर्पण कराने वाले पुरोहित ने कहा कि प्रत्येक साल पितृपक्ष आता है. इस दौरान पूर्वजों की आत्मा धरती पर आती है. उनकों ये आशा रहती है कि कुल का कोई सदस्य तर्पण करेगा. पुरोहित ने बताया कि इससे पितृदोष से लोग मुक्त होते है और घर में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.