साहिबगंज: जिले के कई इलाकों में गंगा के जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का पानी (Flood Water) घुस गया था, लेकिन अब पानी घटने लगा है. बाढ़ का पानी घटने के साथ ही लोगों को कई तरह के वायरल बीमारी (Viral Disease) होने का डर सताने लगा है. जगह-जगह गड्ढों में बाढ़ का पानी जम गया है, जिसके कारण मच्छरों की संख्या बढ़ गई है. मच्छरों के काटने से मलेरिया जैसी घातक बीमारी हो जाती है. जमे पानी से उत्पन्न होने वाले बीमारी को लेकर जिला प्रशासन रेस हो गया है.
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स्वास्थ्य विभाग के द्वारा लोगों को जागरूक करने के लिए व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किए जा रहे हैं. लोगों से दूषित पानी नहीं पीने और मच्छरदानी का प्रयोग करने की सलाह दी जा रही है. सिविल सर्जन अरविंद कुमार और डॉक्टर मोहन पासवान सहित अन्य डॉक्टरों ने गुरुवार को शहर के कई गली मोहल्लों में जाकर ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया. इस दौरान डॉक्टरों को जिस जगह से बीमार लोगों के होने की जानकारी मिली, वहां जाकर उन्होंने मरीजों का हालचाल जाना और दवा भी दी.
मच्छरदानी का किया जाएगा वितरण
वहीं उपायुक्त राम निवास यादव ने ईटीवी भारत को बताया कि पानी घटने के साथ कई तरह की बीमारी सामने आने लगी है. जिला सदर अस्पताल में मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है. इस वायरल बीमारी को रोकने के लिए पूरी तरह से जिला प्रशासन कमर कस लिया है. शहर से लेकर गांव तक ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कराया जा रहा है. कुछ जगहों पर मच्छरदानी की मांग की गई है, बहुत जल्द उन स्थानों पर मच्छरदानी का वितरण किया जाएगा, ताकि लोग सुरक्षित और स्वस्थ रहे.