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साहिबंगजः रिटायर्ड सैनिक कर रहे गंगा की परिक्रमा, प्रदूषण के प्रति जागरूक करना उद्देश्य - गंगा की परिक्रमा

साहिबगंज में अतुल्य भारत गंगा योजना अंतगर्त रिटायर्ड सैनिक पैदल मार्च कर गंगा की परिक्रमा कर रहे हैं. वहीं 16 दिसंबर से यूपी, बिहार, बंगाल की परिक्रमा कर 60वें दिन 2,300 किमी चलकर झारखंड के साहिबगंज पहुंचे. जहां जिला प्रशासन की ओर से स्वागत किया गया.

retired soldiers on foot march around ganges
रिटायर्ड सैनिक पैदल मार्च कर गंगा की परिक्रमा
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Published : Feb 25, 2021, 11:46 AM IST

साहिबगंजः अतुल्य भारत योजना के तहत रिटायर्ड सैनिक पैदल मार्च कर गंगा की परिक्रमा कर रहे हैं और गंगा की गुणवत्ता माप रहे हैं. लोगों से पतित पावनी गंगा की अविरलता, निर्मलता को बनाये रखने के लिए अपील कर रहे हैं. सैनिक 16 दिसंबर से यूपी, बिहार, बंगाल की परिक्रमा कर 60वें दिन 2, 300 किमी चलकर झारखंड के साहिबगंज पहुंचे. जहां जिला प्रशासन की ओर से उनका स्वागत किया गया.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-बजट सत्र की तैयारी को लेकर स्पीकर ने अधिकारियों पर जताई नाराजगी, सदन में पूछे जा रहे प्रश्नों का नहीं मिला जवाब

जिला प्रशासन ने साहिबगंज में गंगा नदी को साफ रखने के लिए चलाए जा रहे कई योजनाओं से अवगत कराया. गुरुवार की सुबह मुक्तेश्वर गंगा घाट पहुंचकर मां गंगा का दर्शन कर अपनी अगली यात्रा पर निकल पड़े. मिर्जा चौकी बॉर्डर तक एनसीसी के छात्रों ने उन्हें छोड़ा. यह यात्रा भागलपुर की तरफ निकली है. भूतपूर्व सैनिकों ने कहा कि 6,000 किमी भारत की गंगा क्षेत्र का भ्रमण करना है. साथ ही कहा कि हम सैनिकों का एक ही उद्देश्य है, गंगा के प्रति लोगों को जागरूक करना. यात्रा के दौरान गांव-गांव में जाकर लोगों को गंगा के प्रति जागरूक करते हैं कि गंगा में कूड़ा कचरा नहीं डालें. सभी के सहयोग से गंगा अविरल निर्मल रह सकती है.

प्रदूषण का कर रहे हैं आंकलन

कर्नल मनोज केश्वर ने बताया कि उनकी यात्रा का उद्देश्य अविरल गंगा के बहाव होने के साथ-साथ गंगा और गंगा तटों के आसपास प्रदूषण को मापना भी है. उन्होंने बताया कि आईआईटी दिल्ली के साथ मिलकर उन्होंने ऐसी पद्धति विकसित की है. जिसके माध्यम से वह प्रदूषण का आंकलन कर रहे हैं. वह गंगा का हेल्थ इंडेक्स आने वाले दिनों में जारी करेंगे. जिससे भारतवर्ष के लोगों को पता चल सकेगा कि भारत में गंगा कितनी प्रदूषित हुई है. उन्होंने कहा कि इस आधार पर लोगों में यह जागरूकता होगी कि अब समय आ चुका है. लोग अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझें. अपने आस-पड़ोस सगे संबंधी और साथियों को प्रेरित करते हुए बताएं कि गंगा की सफाई कितनी जरूरी है और गंगा का भाव कितना जरूरी.

जागरुकता के साथ-साथ वृक्षारोपण

कार्यक्रम के दौरान कर्नल ने बताया कि उनके साथ अभियान में ग्रीन इंडिया फाउंडेशन भी जुड़ा है. जो कवर्ड क्षेत्रों में वृक्षारोपण कर रहा है. साथ ही वह गंगा तटों पर गंगा कटाव को रोकने के लिए पेड़ लगाकर अपना योगदान दे रहे हैं. इसी क्रम में ग्रीन इंडिया फाउंडेशन ने अब तक 3,300 पीपल, बरगद, नीम आदि के वृक्ष लगाए हैं. जिससे आने वाले दिनों में पानी का स्तर ऊपर उठेगा और गंगा तटों पर कटाव रुकेगा एवं वायुमंडल भी शुद्ध होगा.

साहिबगंजः अतुल्य भारत योजना के तहत रिटायर्ड सैनिक पैदल मार्च कर गंगा की परिक्रमा कर रहे हैं और गंगा की गुणवत्ता माप रहे हैं. लोगों से पतित पावनी गंगा की अविरलता, निर्मलता को बनाये रखने के लिए अपील कर रहे हैं. सैनिक 16 दिसंबर से यूपी, बिहार, बंगाल की परिक्रमा कर 60वें दिन 2, 300 किमी चलकर झारखंड के साहिबगंज पहुंचे. जहां जिला प्रशासन की ओर से उनका स्वागत किया गया.

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जिला प्रशासन ने साहिबगंज में गंगा नदी को साफ रखने के लिए चलाए जा रहे कई योजनाओं से अवगत कराया. गुरुवार की सुबह मुक्तेश्वर गंगा घाट पहुंचकर मां गंगा का दर्शन कर अपनी अगली यात्रा पर निकल पड़े. मिर्जा चौकी बॉर्डर तक एनसीसी के छात्रों ने उन्हें छोड़ा. यह यात्रा भागलपुर की तरफ निकली है. भूतपूर्व सैनिकों ने कहा कि 6,000 किमी भारत की गंगा क्षेत्र का भ्रमण करना है. साथ ही कहा कि हम सैनिकों का एक ही उद्देश्य है, गंगा के प्रति लोगों को जागरूक करना. यात्रा के दौरान गांव-गांव में जाकर लोगों को गंगा के प्रति जागरूक करते हैं कि गंगा में कूड़ा कचरा नहीं डालें. सभी के सहयोग से गंगा अविरल निर्मल रह सकती है.

प्रदूषण का कर रहे हैं आंकलन

कर्नल मनोज केश्वर ने बताया कि उनकी यात्रा का उद्देश्य अविरल गंगा के बहाव होने के साथ-साथ गंगा और गंगा तटों के आसपास प्रदूषण को मापना भी है. उन्होंने बताया कि आईआईटी दिल्ली के साथ मिलकर उन्होंने ऐसी पद्धति विकसित की है. जिसके माध्यम से वह प्रदूषण का आंकलन कर रहे हैं. वह गंगा का हेल्थ इंडेक्स आने वाले दिनों में जारी करेंगे. जिससे भारतवर्ष के लोगों को पता चल सकेगा कि भारत में गंगा कितनी प्रदूषित हुई है. उन्होंने कहा कि इस आधार पर लोगों में यह जागरूकता होगी कि अब समय आ चुका है. लोग अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझें. अपने आस-पड़ोस सगे संबंधी और साथियों को प्रेरित करते हुए बताएं कि गंगा की सफाई कितनी जरूरी है और गंगा का भाव कितना जरूरी.

जागरुकता के साथ-साथ वृक्षारोपण

कार्यक्रम के दौरान कर्नल ने बताया कि उनके साथ अभियान में ग्रीन इंडिया फाउंडेशन भी जुड़ा है. जो कवर्ड क्षेत्रों में वृक्षारोपण कर रहा है. साथ ही वह गंगा तटों पर गंगा कटाव को रोकने के लिए पेड़ लगाकर अपना योगदान दे रहे हैं. इसी क्रम में ग्रीन इंडिया फाउंडेशन ने अब तक 3,300 पीपल, बरगद, नीम आदि के वृक्ष लगाए हैं. जिससे आने वाले दिनों में पानी का स्तर ऊपर उठेगा और गंगा तटों पर कटाव रुकेगा एवं वायुमंडल भी शुद्ध होगा.

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