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जानिए, कहां मौजूद है दर्जनों टहनियों वाला ताड़ का दुर्लभ पेड़? - Many twigs have come out in palm tree at Sahibganj

दुर्लभ प्रजाति का यह ताड़ का पेड़, जिसे देख आप हैरत में पड़ जाएंगे. दर्जनों टहनियों में विभक्त यह ताड़ के पेड़ लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है. ईटीवी भारत की इस रिपोर्ट से जानिए कि आखिर ये ताड़ का पेड़ कहां स्थित है.

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अनोखा ताड़
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Published : Oct 30, 2021, 5:04 PM IST

Updated : Oct 30, 2021, 10:19 PM IST

साहिबगंजः हम सभी लोग ताड़ का पेड़ के बारे में सुना और देखे भी होगें कि ताड़ का पेड़ एक दम सीधा होता है, इसके बीच में कहीं से भी टहनियां नहीं निकलती हैं. लेकिन आपको एक ऐसा अनोखा ताड़ का पेड़ दिखा रहे हैं, जिसकी कई टहनियां निकली हुई है. इसे देख आप भी आश्चर्यचकित हो जाएंगे

इसे भी पढ़ें- 700 फलों वाला अनोखा नारियल का पेड़, आपने देखा क्या

साहिबगंज का नगर परिषद क्षेत्र के अंतर्गत संत जेवियर्स स्कूल के पास पुरानी साहिबगंज मोहल्ले स्थित नया टोला में पुरानी पुलिस चौकी के पास दुर्लभ प्रजाति का यह ताड़ का पेड़ है. इस पेड़ की आयु लगभग 60 साल है. इसे लगाने वाले राजेंद्र चौधरी हैं. ताड़ का ये पेड़ अपने आप में खास और अनोखा है. क्योंकि आम ताड़ के पेड़ की तरह ये सीधा और बिना टहनियों वाला नहीं बल्कि इस ताड़ के पेड़ में दर्जनों टहनियां निकली हुई हैं.

देखें पूरी खबर


जमीन से तीन ताड़ का पेड़ निकला हुआ है. थोड़ी दूरी पर से प्रत्येक एक से दो टहनी निकला है. फिर एक से दो और एक से दो टहनियां निकलती चली गई है. यानी तीनों पेड़ से 37 टहनियां निकली हुई हैं और सभी में ताड़ का पत्ता और फल देखा गया है.

राजेंद्र चौधरी ने 1967 में लगाया था पेड़

इस पेड़ को लगाने वाले राजेंद्र चौधरी ने बताया कि यह 1967 में लगाया था जब हम स्कूल जाया करते थे. हम छोटे थे तो तड़कूल खाने का शौक था, इसलिए ताड़ का पौधा लगाया. जिसमें कुछ को उखाड़कर खा लिया लेकिन कुछ जमीन से नहीं उखड़ रहा था तो उसको छोड़ दिया. बाद में यह बढ़ने लगा और थोड़ी लंबाई पर अलग-अलग टहनियां निकलने लगी. यह देखकर हम सब भी आश्चर्यचकित हो गए तब से अभी तक यह पेड़ है. इसमें तीनों पेड़ से 37 टहनियां निकली हैं.


वनस्पति शास्त्र की प्रोफेसर मीरा कुमारी ने बताया की यह जिमनोस्रपमीॅ प्लांट किस्म का यह पाम ट्री है. इसमें अंतर यही है कि मेन स्ट्रीम से अलग-अलग इसमें टहनियां निकली हुई हैं जो साधारण प्लांट से काफी अलग है. यह दुर्लभ प्रजाति का पेड़ है इसे दुर्लभ या अपवाद कह सकते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे ताड़ के पेड़ को संरक्षित करने की दरकार है. क्योंकि यह अनोखा भी है और ग्रामीण इलाकों के लोगों के जीविकोपार्जन का एक बड़ा जरिया.

इसे भी पढ़ें- यहां है हिमालय की तराई में पाए जाने वाला भोजपत्र का पेड़, जानें क्या है इसकी खासियत

अनोखे ताड़ को देखने दूर-दूर से आते हैं लोग

इस पेड़ के पास एक राजकीय कन्या उच्च विद्यालय है इसमें परीक्षा का सेंटर पड़ता रहता है जो लोग बाहर से आते हैं और जानकारी मिलने पर एक बार जरूर देखने आते हैं. अभी फेस्टिवल का समय है, लोग बाहर से आते हैं और अपने साथ इस ताड़ के पेड़ की सेल्फी के साथ यादगारी पल लेकर जाते हैं. हर लोगों की जुबां पर यही रहता है कि प्रकृति का यह अद्भुत नजारा है, इस दुनिया में असंभव कुछ भी नहीं है हर चीज संभव है.


स्कूल के शिक्षक ने बताया कि 2015 से हम लोग इस स्कूल में हैं और स्कूल के ठीक सामने यह पेड़ स्थित है. इस पेड़ को देखकर काफी आश्चर्यचकित हो जाते हैं. वो कहते हैं कि प्रकृति का यह अद्भुत रूप है, अपने जीवन में ऐसा ताड़ का पेड़ उन्होंने कभी नहीं देखा है. दूरदराज से आने वाले परीक्षार्थी भी अनोखे ताड़ का पेड़ देखकर हैरान रह जाते हैं. वो अपने साथ एक फोटो जरूर लेकर जाते हैं. इस ताड़ के पेड़ को जिला प्रशासन की ओर से संरक्षण करने की जरूरत है, यह बिल्कुल अद्भुत और अपने आप में अजूबा पेड़ है.


स्थानीय महिलाओं का कहना है कि 60 साल उम्र हो गया शुरू से इस पेड़ देखती आ रहीं हूं. ताड़ का पेड़ सीधा देखा था लेकिन इसमें एक पेड़ में कई टहनियां निकली हुई है और यह अभी बढ़ता जा रहा है. यह हमेशा स्थानीय और दूर-दराज से लोग देखने के लिए पहुंचते है यह बिल्कुल अनोखा ताड़ का पेड़ है.

साहिबगंजः हम सभी लोग ताड़ का पेड़ के बारे में सुना और देखे भी होगें कि ताड़ का पेड़ एक दम सीधा होता है, इसके बीच में कहीं से भी टहनियां नहीं निकलती हैं. लेकिन आपको एक ऐसा अनोखा ताड़ का पेड़ दिखा रहे हैं, जिसकी कई टहनियां निकली हुई है. इसे देख आप भी आश्चर्यचकित हो जाएंगे

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साहिबगंज का नगर परिषद क्षेत्र के अंतर्गत संत जेवियर्स स्कूल के पास पुरानी साहिबगंज मोहल्ले स्थित नया टोला में पुरानी पुलिस चौकी के पास दुर्लभ प्रजाति का यह ताड़ का पेड़ है. इस पेड़ की आयु लगभग 60 साल है. इसे लगाने वाले राजेंद्र चौधरी हैं. ताड़ का ये पेड़ अपने आप में खास और अनोखा है. क्योंकि आम ताड़ के पेड़ की तरह ये सीधा और बिना टहनियों वाला नहीं बल्कि इस ताड़ के पेड़ में दर्जनों टहनियां निकली हुई हैं.

देखें पूरी खबर


जमीन से तीन ताड़ का पेड़ निकला हुआ है. थोड़ी दूरी पर से प्रत्येक एक से दो टहनी निकला है. फिर एक से दो और एक से दो टहनियां निकलती चली गई है. यानी तीनों पेड़ से 37 टहनियां निकली हुई हैं और सभी में ताड़ का पत्ता और फल देखा गया है.

राजेंद्र चौधरी ने 1967 में लगाया था पेड़

इस पेड़ को लगाने वाले राजेंद्र चौधरी ने बताया कि यह 1967 में लगाया था जब हम स्कूल जाया करते थे. हम छोटे थे तो तड़कूल खाने का शौक था, इसलिए ताड़ का पौधा लगाया. जिसमें कुछ को उखाड़कर खा लिया लेकिन कुछ जमीन से नहीं उखड़ रहा था तो उसको छोड़ दिया. बाद में यह बढ़ने लगा और थोड़ी लंबाई पर अलग-अलग टहनियां निकलने लगी. यह देखकर हम सब भी आश्चर्यचकित हो गए तब से अभी तक यह पेड़ है. इसमें तीनों पेड़ से 37 टहनियां निकली हैं.


वनस्पति शास्त्र की प्रोफेसर मीरा कुमारी ने बताया की यह जिमनोस्रपमीॅ प्लांट किस्म का यह पाम ट्री है. इसमें अंतर यही है कि मेन स्ट्रीम से अलग-अलग इसमें टहनियां निकली हुई हैं जो साधारण प्लांट से काफी अलग है. यह दुर्लभ प्रजाति का पेड़ है इसे दुर्लभ या अपवाद कह सकते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे ताड़ के पेड़ को संरक्षित करने की दरकार है. क्योंकि यह अनोखा भी है और ग्रामीण इलाकों के लोगों के जीविकोपार्जन का एक बड़ा जरिया.

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अनोखे ताड़ को देखने दूर-दूर से आते हैं लोग

इस पेड़ के पास एक राजकीय कन्या उच्च विद्यालय है इसमें परीक्षा का सेंटर पड़ता रहता है जो लोग बाहर से आते हैं और जानकारी मिलने पर एक बार जरूर देखने आते हैं. अभी फेस्टिवल का समय है, लोग बाहर से आते हैं और अपने साथ इस ताड़ के पेड़ की सेल्फी के साथ यादगारी पल लेकर जाते हैं. हर लोगों की जुबां पर यही रहता है कि प्रकृति का यह अद्भुत नजारा है, इस दुनिया में असंभव कुछ भी नहीं है हर चीज संभव है.


स्कूल के शिक्षक ने बताया कि 2015 से हम लोग इस स्कूल में हैं और स्कूल के ठीक सामने यह पेड़ स्थित है. इस पेड़ को देखकर काफी आश्चर्यचकित हो जाते हैं. वो कहते हैं कि प्रकृति का यह अद्भुत रूप है, अपने जीवन में ऐसा ताड़ का पेड़ उन्होंने कभी नहीं देखा है. दूरदराज से आने वाले परीक्षार्थी भी अनोखे ताड़ का पेड़ देखकर हैरान रह जाते हैं. वो अपने साथ एक फोटो जरूर लेकर जाते हैं. इस ताड़ के पेड़ को जिला प्रशासन की ओर से संरक्षण करने की जरूरत है, यह बिल्कुल अद्भुत और अपने आप में अजूबा पेड़ है.


स्थानीय महिलाओं का कहना है कि 60 साल उम्र हो गया शुरू से इस पेड़ देखती आ रहीं हूं. ताड़ का पेड़ सीधा देखा था लेकिन इसमें एक पेड़ में कई टहनियां निकली हुई है और यह अभी बढ़ता जा रहा है. यह हमेशा स्थानीय और दूर-दराज से लोग देखने के लिए पहुंचते है यह बिल्कुल अनोखा ताड़ का पेड़ है.

Last Updated : Oct 30, 2021, 10:19 PM IST
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