साहिबगंज: जिले में डेंगू तेजी से अपना पांव पसार रहा है. लगातार डेंगू ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. एक नवंबर तक साहिबगंज में डेंगू ग्रसित 297 मरीज मिले हैं. जिसमें 35 मरीज पड़ोसी जिलों के भी हैं. सदर प्रखंड में शहरी और ग्रामीण मिला कर सबसे अधिक 130 और उधवा में 102 डेंगू मरीज मिले हैं. वहीं अब बोरियो प्रखंड में भी डेंगू ग्रसित मरीज मिलने शुरू हो गए हैं.
रांची से पहुंची दो सदस्यीय टीमः वहीं साहिबगंज में डेंगू के तेज प्रसार को देखते हुए इसके पीछ के कारणों का पता लगाने में राज्य सरकार हरकत में आ चुकी है. इसके लिए दो दिवसीय दौरे पर दो डॉक्टर को साहिबगंज भेजा गया है. टीम में शामिल डॉक्टर अंजुम इकबाल और सहयोगी सुफियान शुक्रवार को बोरियो प्रखंड के संथाली, बाजार और अस्पताल में पहुंचकर डेंगू के मरीजों के संबंध में जानकारी ली. साथ ही अस्पताल के डॉक्टरों और कार्यरत कर्मियों से भी पूछताछ की. टीम में शामिल चिकित्सकों ने अस्पताल में दवा और किट की भी जानकारी हासिल की.
वैक्टर जनित रोग के भी बारे में जानकारी जुटाईः इस दौरान टीम ने बरहेट प्रखंड पहुंचकर फैल रहे वैक्टर जनित रोग की भी जानकारी ली. कालाजार से बचाव की तैयारी और जागरुकता को लेकर भी जानकारी इक्ट्ठा की और नोट किया. मुख्य रूप से यह टीम दो दिन साहिबगंज में रहकर डेंगू , कालाजार सहित वैक्टर जनित रोग के बारे में जानकारी हासिल कर सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी. इस दौरान टीम को जांच में प्रखंड के डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों ने सहयोग किया.
साहिबगंज में डेंगू के प्रसार पर एक नजर
- बोरियो - 03
- मंडरो- 02
- पतना -01
- राजमहल- 25
- सदर प्रखंड- 130
- उधवा -102
- बरहेट- शून्य
- बरहड़वा- शून्य
पड़ोसी जिला
- गोड्डा-- 01
- पाकुड़- 30
सिविल सर्जन ने कहाः इस संबंध में साहिबगंज के सिविल सर्जन डॉ अरविंद कुमार ने कहा कि जिले में डेंगू के प्रसार को देखते हुए जांच के लिए रांची से टीम पहुंची है. दो दिन तक टीम यहां रहकर कारणों का पता लगाएगी. शनिवार को उधवा, राजमहल और सदर प्रखंड का टीम भ्रमण करेगी. निरीक्षण के दौरान पहले की तुलना में डेंगू ग्रसित मरीज बहुत कम मिल रहे हैं. सभी मरीज स्वस्थ हैं. अधिकांश लोग स्वस्थ होकर काम कर रहे हैं. बोरियो और सदर प्रखंड में डेंगू के मरीज मिल रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार शिविर लगाकर जांच कर सैंपल कलेक्ट कर रही है. लोगों से अपील है कि झोलाछाप डॉक्टर से इलाज नहीं कराएं. वहीं मच्छर से बचाव के लिए मच्छरदानी का उपयोग करें.