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तीन साल बाद भी नहीं मिली फसल बीमा योजना की राशि, 2016 से किसान लगा रहे दफ्तरों के चक्कर

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Published : Oct 17, 2019, 2:25 PM IST

साहिबगंज जिले में बाढ़ के कारण कई एकड़ जमीनों की फसलें डूब गईं. किसानों ने उन फसलों का 2016 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कराया था, लेकिन आज 3 साल के बाद भी उन्हें लाभ नहीं मिला. जिसको लेकर किसान सरकारी दफ्तरों में चक्कर लगा रहे हैं.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों को नहीं हुआ फायदा

साहिबगंजः जिला में हर साल बाढ़ आने से खेतों में लगी फसलें डूब जाती हैं, जिससे किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ता है. ऐसे में सरकार और प्रशासन ही उनका सहारा होता है, लेकिन जब ये लोग भी उदासीन हो जाए तो बेचारे किसान कहां जाए. कुछ ऐसी ही हालत साहिबगंज में किसानों की है, जो 2016 से फसल बीमा की राशि के लिए दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं.

देखें पूरी खबर


साल 2016 में किसानों ने फसल का बीमा करवाया था. बाढ़ की वजह से उनकी फसल भी बर्बाद हो गई. जिसके बाद उन्होंने बीमा की राशि के लिए क्लेम किया. जांच कमिटी के अनुसार 450 किसानों का बीमा सही पाया गया, लेकिन कुछ किसानों को बीमा का लाभ मिला और कुछ किसानों को लाभ के लिए दफ्तर के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. किसानों ने कहा कि बीमा कंपनी ने जिला प्रशासन को 6 करोड़ 90 लाख रुपए बीमा राशि मुहैया करायी थी, लेकिन किसानों को वह राशि नहीं दी गई.

ये भी पढ़ें- रामगढ़ः सड़क हादसे में एक ही घर की दो बच्चियों की दर्दनाक मौत, दो अन्य बच्चे गंभीर अवस्था में रिम्स रेफर


किसानों का कहना है कि 2016 में झारखंड सरकार ने जिला प्रशासन को करोड़ों रुपए किसानों की फसल की क्षति-पूर्ति के लिए आवंटित की थी. जिसमें 450 किसानों को फसल बीमा देने की बात थी, लेकिन आधे से अधिक किसानों की बीमे की राशि नहीं मिली. आज स्थिति ऐसी है कि यह किसान 3 साल से दौड़ते-दौड़ते इनकी आशा निराशा में बदल गई है. किसानों का कहना है कि जिला प्रशासन की लापरवाही साफ नजर आ रही है. फसल बीमा की राशि को इंश्योरंस कंपनी और जिला प्रशासन ने खा लिया है. उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन का यही रवैया रहा तो, हम किसानों के पास फांसी लगाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचेगा.

वहीं, दूसरी ओर राजमहल विधायक अनंत ओझा ने कहा कि किसानों की समस्याओं को सुनने के बाद हमने सभी जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की है, जिनमें साहिबगंज, राजमहल, तालझारी और उधवा ब्लॉक के अधिकारी शामिल हैं. सभी को इस संबंध में नोटिस भेज दी गई है. जल्द ही किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का फायदा मिलेगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण भी कई क्षेत्र प्रभावित हैं. उन क्षेत्रों के लोगों को भी आपदा राहत कोष से मदद दी जाएगी.

साहिबगंजः जिला में हर साल बाढ़ आने से खेतों में लगी फसलें डूब जाती हैं, जिससे किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ता है. ऐसे में सरकार और प्रशासन ही उनका सहारा होता है, लेकिन जब ये लोग भी उदासीन हो जाए तो बेचारे किसान कहां जाए. कुछ ऐसी ही हालत साहिबगंज में किसानों की है, जो 2016 से फसल बीमा की राशि के लिए दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं.

देखें पूरी खबर


साल 2016 में किसानों ने फसल का बीमा करवाया था. बाढ़ की वजह से उनकी फसल भी बर्बाद हो गई. जिसके बाद उन्होंने बीमा की राशि के लिए क्लेम किया. जांच कमिटी के अनुसार 450 किसानों का बीमा सही पाया गया, लेकिन कुछ किसानों को बीमा का लाभ मिला और कुछ किसानों को लाभ के लिए दफ्तर के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. किसानों ने कहा कि बीमा कंपनी ने जिला प्रशासन को 6 करोड़ 90 लाख रुपए बीमा राशि मुहैया करायी थी, लेकिन किसानों को वह राशि नहीं दी गई.

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किसानों का कहना है कि 2016 में झारखंड सरकार ने जिला प्रशासन को करोड़ों रुपए किसानों की फसल की क्षति-पूर्ति के लिए आवंटित की थी. जिसमें 450 किसानों को फसल बीमा देने की बात थी, लेकिन आधे से अधिक किसानों की बीमे की राशि नहीं मिली. आज स्थिति ऐसी है कि यह किसान 3 साल से दौड़ते-दौड़ते इनकी आशा निराशा में बदल गई है. किसानों का कहना है कि जिला प्रशासन की लापरवाही साफ नजर आ रही है. फसल बीमा की राशि को इंश्योरंस कंपनी और जिला प्रशासन ने खा लिया है. उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन का यही रवैया रहा तो, हम किसानों के पास फांसी लगाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचेगा.

वहीं, दूसरी ओर राजमहल विधायक अनंत ओझा ने कहा कि किसानों की समस्याओं को सुनने के बाद हमने सभी जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की है, जिनमें साहिबगंज, राजमहल, तालझारी और उधवा ब्लॉक के अधिकारी शामिल हैं. सभी को इस संबंध में नोटिस भेज दी गई है. जल्द ही किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का फायदा मिलेगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण भी कई क्षेत्र प्रभावित हैं. उन क्षेत्रों के लोगों को भी आपदा राहत कोष से मदद दी जाएगी.

Intro:किसानों को फसल बीमा का लाभ नही मिलने से दफ्तरों का लगा रहे है चक्कर। 2016 से बीमा का लाभ नही मिलने से जताई नाराजगी। जिला प्रशासन पर लगाया हड़पने का आरोप।
6 करोड़ 90 लाख जिला प्रशासन को इन्सोरांस कंपनी मुहैया कराया था। लेकिन दर्जनों किसानों को इसका लाभ नही मिलने से नाराजगी जाता रहा है


Body:किसानों को फसल बीमा का लाभ नही मिलने से दफ्तरों का लगा रहे है चक्कर। 2016 से बीमा का लाभ नही मिलने से जताई नाराजगी। जिला प्रशासन पर लगाया हड़पने का आरोप।
स्टोरी-साहिबगंज- जिला में प्रत्येक बर्ष बाढ़ आने से किसानों को परेशानी होती है खेत मे लगे हजारो एकड़ में मकई, बाजरा, कलाई ,मेथ,धान दुब जाता है किसानों का सारा पूंजी डूब जाता है ऐसी स्थिति में किसान का एक मात्र सहारा सरकार और जिला प्रशासन के द्वारा फसल बीमा पर टक टकी लगी रहती है।
जिला में एक ऐसी ही मामला आया है किसानों ने डूबे हुए फसल का बीमा कराया था उसका बीमा का राशि बर्ष 2016 में आया था। जांच कमिटि के अनुसार 450 किसानों का सही पाया गया लेकिन कुछ किसानों को बीमा का लाभ मिला और कुछ किसानों को लाभ नही मिलने से दफ्तर का चक्कर लगाते लगते निराश हो चुके है।
किसानों का कहना है कि 2016 में झारखंड सरकार ने जिला प्रशासन को करोड़ो रूपये किसानों की फसल की क्षतिपूर्ति के लिए आवंटन दिया था। जिसमे 450 किसानों को फसल का बीमा देने की बात था लेकिन आधा से अधिक किसानों की बीमा नही मिला । आज स्थिति ऐसी है कि यह किसान तीन साल से दौड़ते दौड़ते थक गए है आशा निराशा में बदल गई है।किसानों का आरोप है कि जिला प्रशासन की लापरवाही साफ साफ नजर आ रही है। किसानों ने कहा कि डूबी हुई फसल का बीमा की राशि इंश्योरंस कंपनी घोटाला कर रही है या जिला प्रशासन किसान के पैसों को खा गया।
किसानों का कहना है। किसान के प्रति जिला प्रशासन का रवैया ठीक नही है। किसान से संबंधित जो भी योजना आता है कुछ किसानों को छोड़ बाकी किसान को जानकारी के साथ लाभ तक नही मिल पाता है किसानों का कहना है सरकार और जिला प्रशासन का यही रवैया रहा तो एक दिन किसान को फांसी लगाने के सिवाय दूसरा रास्ता नही बचेगा।
बाइट-- लक्ष्मण यादव, देवमुनि मंडल, गौतम यादव, दिवाकर यादव
राजमहल विधायक ने कहा कि इस संबंध में सभी जिला प्रशासन के अधिकारियों साथ बैठक हुई है फसल बीमा को लेकर सदर प्रखंड के साहिबगंज, राजमहल,तालझारी और उधवा ब्लॉक के अंतर्गत दियरा का चिह्नित कर नोटिस करा दिया गया है बहुत जल्द किसानों को बीमा का लाभ मिल पायेगा।
बाइट- अनंत ओझा। राजमहल विधायक।


Conclusion: किसानों को फसल का बीमा का लाभ देने के लिए इन्सोरांस कंपनी ने करोड़ो रूपये जिला प्रशासन को मुहैया कराया था। लेकिन दर्जनों किसानों को इसका लाभ नही मिला। दफ्तर का लगा रहा चक्कर।
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