साहिबगंज: राज्य स्तर पर इस साल स्वच्छ सर्वेक्षण में साहिबगंज को 5वां स्थान पर रखा गया है क्योंकि नगर पालिका की ढुलमुल रवैये के कारण साफ-सफाई पर विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इन दिनों शहर में कचरे का ढेर लगा हुआ है. त्योहार के बावजूद सड़कों और गलियों की साफ-सफाई नहीं की गई है, जिससे लोग बेहद नाराज हैं.
कचरे की दुर्गंध से लोग परेशान
जिला का रिहायशी इलाका एलसी रोड जो घनी आबादी वाला मुहल्ला है. इसके आस-पास कचरे और दुर्गंध की वजह से लोग परेशान हैं. सड़कों पर गीला और सूखा कूड़ा फेंक दिया जाता है. इन सड़कों की हालत ऐसी हो गई है लोग दुर्गंध की वजह से आना-जाना छोड़ दिया है. अगर इस कूड़े को जल्द हटाया नहीं गया तो महामारी काल में बीमारियों को फैलने से कोई रोक नहीं सकता है.
सफाई व्यवस्था ठप
शहर की सफाई ठप होने की वजह से साहिबगंज नगर परिषद के सफाईकर्मियों की हड़ताल है. सफाईकर्मी 12 अक्टूबर से हड़ताल पर हैं. इन लोगों की मांग पूरी नहीं होने से शहर में साफ-सफाई नहीं हो रहा है. इन सफाईकर्मियों का समय पर वेतन भुगतान की समस्या बनी रहती है लेकिन नगर परिषद के तमाम पदाधिकारी इस ओर ध्यान नहीं जा रहा है. कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं बनाई जा रही है.
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कचरे को लेकर कोई सुधार नहीं
नगर पार्षद उपाध्यक्ष ने कहा कि शहर का कूड़ा उठाने का जिम्मा आकांक्षा कंपनी को दिया गया है. इस आकांक्षा कंपनी के खिलाफ कई बार विभाग को शिकायत भी की गई है लेकिन यह कंपनी अपने आप में सुधार नहीं ला रही है. उन्होंने कहा कि कचरे को डंपिंग करने के लिए नगर पालिका के तरफ से कोई ठोस पहल अभी तक नहीं हुआ है. ठोस और गीला कचरा का निष्पादन के लिए एक प्लांट बैठाने की बात हुई है. इसके लिए जमीन चिह्नित कर लिया गया है. बहुत जल्द प्लांट बैठाने के काम शुरू होगा तभी शहर को गंदगी से राहत मिलेगा. अभी पर्व-त्योहार का माहौल है. दीपावली, छठ जैसी पवन और पवित्र त्योहार आना बाकी है. ऐसे में नगर परिषद के सभी पदाधिकारी को इस संबंध में ध्यान देने की जरूरत है.