साहिबगंज: झारखंड में शहरी पेयजलापूर्ति योजना की शुरुआत सीएम हेमंत सोरेन ने पिछले 14 महीने के कार्यकाल में ही की थी. उस समय से अभी तक जिलेवासियों को शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हुआ.
इंटकवेल बनाने की कवायद चालू
शुरुआती दौर में काम कर रही कंपनी ने इसे समय पर पूरा नहीं किया था. इसे लेकर उस कंपनी को ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया. इसके बाद हेमंत सरकार ने दूसरी कंपनी को भी टेंडर दिया था, लेकिन कोरोना काल को लेकर नही काम पूरा नहीं किया जा सका. इसकी अवधि विस्तार कर दी गई. पीएचडी पदाधिकारी ने कहा कि गंगा में आईडब्लूएआई से एनओसी मिल चुका है. जल्द ही इंटकवेल बनाने की कवायद चालू हो जाएगी.
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आशा है कि जून महीने के अंत तक शहरवासियों को शुद्ध पेयजल मिल सकेगा. फिलहाल, 80 प्रतिशत तक पाइप बिछान का काम पूरा कर दिया गया है. अब शहरवासियों के बीच आशा जगी है कि हेमंत सरकार के कार्यकाल में लोगों को आर्सेनिक मुक्त पेयजल मिल सकेगा और डोर-टू-डोर जल मिलने से आने वाली गर्मी से निजात मिल सकेगा.