सहिबगंज: झारखंड का सुदूरवर्ती और पिछड़ा जिला सहिबगंज हमेशा से उपेक्षा का शिकार रहा है. सहिबगंज और बरहरवा रेलखंड काफी खराब स्थिति में है. लोगों का कहना है कि यहां से रांची, कोलकाता,पटना और दिल्ली जाने के लिए सिर्फ एक ही ट्रेन है जिससे उन्हें परेशानी होती है. उनका कहना है ट्रेनों के आवागमन नहीं होने से जिले का विकास थम गया है.
सहिबगंज-बरहरवा रेलखंड में पिछले 5 सालों से किसी नई ट्रेन का परिचालन शुरू नहीं हो पाया है. यहां के लोग भीड़ में धक्के खाकर सफर करने को मजबूर हैं. ट्रेनों की कमी के कारण एक्सप्रेस ट्रेन भी पैसेंजर और पैसेंजर ट्रेन मालगाड़ी बन जाती है. समय की कमी के कारण जो भी ट्रेन पहले आती है लोग उसमें ही सफर करना मुनासिब समझते हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने बड़ी उम्मीदों के साथ 2014 में विजय हांसदा को पार्लियामेंट भेजा. लेकिन अब वो भी नाउम्मीद होते दिख रहे हैं. इनका कहना है कि सांसद ने इस दिशा में सार्थक प्रयास नहीं किया. वो अपने पूरे कार्यकाल के दौरान उनका समय सिर्फ उद्घाटन करने में बीत गया.
वहीं, इस पर जेएमएम कार्यकर्ता का कहना है कि सांसद ने इस दिशा में काफी प्रयास किया है. उन्होंने 450 सवाल संसद में उठाए हैं. लेकिन राज्य और केंद की सरकार ने दूसरे दल को महत्व नहीं दिया. जिस कारण इस रेलखंड की समस्या जस की तस बनी हुई है.