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5 सालों में जनता के भरोसे पर खरे नहीं उतरे माननीय, सांसद के सिर फोड़ा नई ट्रेन न मिलने का ठिकरा - ईटीवी भारत

संताल परगना के राजमहस सीट से सांसद विजय हांसदा से लोग काफी नाराज दिख रहे हैं, उनका कहना है कि इन पांच सालों में सांसद ने उनके लिए नई ट्रेनों के परिचालन के लिए प्रयास ही नहीं किया. जबकि जेएमएम कार्यकर्ता का कहना है उनकी और से संसद में 450 सवाल सिर्फ साहिबगंज के विकास के लिए उठाए गए हैं.

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Published : Mar 27, 2019, 2:06 PM IST

सहिबगंज: झारखंड का सुदूरवर्ती और पिछड़ा जिला सहिबगंज हमेशा से उपेक्षा का शिकार रहा है. सहिबगंज और बरहरवा रेलखंड काफी खराब स्थिति में है. लोगों का कहना है कि यहां से रांची, कोलकाता,पटना और दिल्ली जाने के लिए सिर्फ एक ही ट्रेन है जिससे उन्हें परेशानी होती है. उनका कहना है ट्रेनों के आवागमन नहीं होने से जिले का विकास थम गया है.

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सहिबगंज-बरहरवा रेलखंड में पिछले 5 सालों से किसी नई ट्रेन का परिचालन शुरू नहीं हो पाया है. यहां के लोग भीड़ में धक्के खाकर सफर करने को मजबूर हैं. ट्रेनों की कमी के कारण एक्सप्रेस ट्रेन भी पैसेंजर और पैसेंजर ट्रेन मालगाड़ी बन जाती है. समय की कमी के कारण जो भी ट्रेन पहले आती है लोग उसमें ही सफर करना मुनासिब समझते हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने बड़ी उम्मीदों के साथ 2014 में विजय हांसदा को पार्लियामेंट भेजा. लेकिन अब वो भी नाउम्मीद होते दिख रहे हैं. इनका कहना है कि सांसद ने इस दिशा में सार्थक प्रयास नहीं किया. वो अपने पूरे कार्यकाल के दौरान उनका समय सिर्फ उद्घाटन करने में बीत गया.

वहीं, इस पर जेएमएम कार्यकर्ता का कहना है कि सांसद ने इस दिशा में काफी प्रयास किया है. उन्होंने 450 सवाल संसद में उठाए हैं. लेकिन राज्य और केंद की सरकार ने दूसरे दल को महत्व नहीं दिया. जिस कारण इस रेलखंड की समस्या जस की तस बनी हुई है.

सहिबगंज: झारखंड का सुदूरवर्ती और पिछड़ा जिला सहिबगंज हमेशा से उपेक्षा का शिकार रहा है. सहिबगंज और बरहरवा रेलखंड काफी खराब स्थिति में है. लोगों का कहना है कि यहां से रांची, कोलकाता,पटना और दिल्ली जाने के लिए सिर्फ एक ही ट्रेन है जिससे उन्हें परेशानी होती है. उनका कहना है ट्रेनों के आवागमन नहीं होने से जिले का विकास थम गया है.

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सहिबगंज-बरहरवा रेलखंड में पिछले 5 सालों से किसी नई ट्रेन का परिचालन शुरू नहीं हो पाया है. यहां के लोग भीड़ में धक्के खाकर सफर करने को मजबूर हैं. ट्रेनों की कमी के कारण एक्सप्रेस ट्रेन भी पैसेंजर और पैसेंजर ट्रेन मालगाड़ी बन जाती है. समय की कमी के कारण जो भी ट्रेन पहले आती है लोग उसमें ही सफर करना मुनासिब समझते हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने बड़ी उम्मीदों के साथ 2014 में विजय हांसदा को पार्लियामेंट भेजा. लेकिन अब वो भी नाउम्मीद होते दिख रहे हैं. इनका कहना है कि सांसद ने इस दिशा में सार्थक प्रयास नहीं किया. वो अपने पूरे कार्यकाल के दौरान उनका समय सिर्फ उद्घाटन करने में बीत गया.

वहीं, इस पर जेएमएम कार्यकर्ता का कहना है कि सांसद ने इस दिशा में काफी प्रयास किया है. उन्होंने 450 सवाल संसद में उठाए हैं. लेकिन राज्य और केंद की सरकार ने दूसरे दल को महत्व नहीं दिया. जिस कारण इस रेलखंड की समस्या जस की तस बनी हुई है.

Intro: पांच सालों में सांसद जनता के विश्वास पर खड़ा नही उतरे,सहिबगंज बरहरवा रेलखंड पर कोई नई ट्रेन नही मिलने से जताई नाराजगी।
स्टोरी-सहिबगंज-- झारखंड का सुदूरवर्ती और पिछड़ा जिला सहिबगंज हमेशा से उपेक्षा का शिकार रहा है बात करे सहिबगंज और बरहरवा रेलखंड की तो काफी खराब स्थिति है सहिबगंज से रांची जाना हो तो रात में रोजाना एक ट्रेन है कोलकाता के लिए रात में एक ट्रेन और पटना,दिल्ली जाने के लिए एक एक एक्सप्रेस ट्रेन है । यानी कुल मिलाकर कहा जाय तो ट्रेनों का आवागमन नही होने से इस जिला का विकास मानो धम गया हो।
सहिबगंज -बरहरवा रेल खंड विगत 5 सालो में कोई नई ट्रेन नही मिलने से लोग भीड़ का धक्का खाकर सफर करने को मजबूर है। ट्रैन की कमी होने से एक्सप्रेस ट्रेन भी पैसेंजर बन जाती है और पैसेंजर ट्रेन मालगाड़ी बन जाता है। लोगो के पास समय का अभाव रहता है जो भी ट्रेन पहले आती है किसी तरह सफर कर अपने घर या आफिस पहुचने की जल्दीबाजी रहती है।
2014 के राजमहल लोकसभा चुनाव में जेएमएम प्रत्याशी विजय हांसदा को जनता जिताकर पार्लियामेंट भेजी । इस उम्मीद में कई केंद्र की योजनाओं और मुख्य रूप से सहिबगंज रेलखंड पर नई ट्रेन के लिए प्रयास करेंगे लेकिन सांसद द्वारा इस दिशा में सार्थक प्रयास नही करने से जनता नाखुश है ---------------- स्थानीय लोगो का कहना है कि 5 साल सांसद फुटबॉल टूर्नामेंट का उदघाटन करने में समय बिता दिया। सांसद विजय हांसदा जनता के विश्वास पर खड़ा नही उतर पाए है। लोगो का कहना है कि झारखंड गठन कर बाद राजमहल से जेएमएम,बीजेपी,कांग्रेस के सांसद यहाँ से जीत कर जाते तो है लेकिन लोकसभा सत्र में इनकी आवाज दुबक जाती है। सांसद विजय हांसद एक युवा नेता थे इनके ऊपर जनता का भरोसा और विश्वास था कि सहिबगंज और बरहरवा रेल खंड पर कोई ट्रैन लायेगे जिससे यहाँ की जनता का विश्वास जीत पाते। लेकिन ऐसा कुछ भी नही हुआ।
बाइट-मुरली तिवारी,स्थानीय
बाइट-सुनील। "
बाइट-मुकुंद
जेएमएम कार्यकर्ता का कहना है कि सांसद इस दिशा में काफी प्रयास किया है 450 सवाल संसद में उठाये है तो सहिबगंज और पाकुड़ के जनता के लिए ही न।लेकिन राज्य और केंद तक बीजेपी की सरकार है तो दूसरे दल के पार्टी को महत्व नही दिया। सांसद अपने स्तर से पूरा प्रयास किया है लेकिन केंद सरकार इस रेलखंड पर ध्यान नही दी है।
बाइट- सरफराज आलम



Body:पांच सालों में सांसद जनता के विश्वास पर खड़ा नही उतरे,सहिबगंज बरहरवा रेलखंड पर कोई नई ट्रेन नही मिलने से जताई नाराजगी।
स्टोरी-सहिबगंज-- झारखंड का सुदूरवर्ती और पिछड़ा जिला सहिबगंज हमेशा से उपेक्षा का शिकार रहा है बात करे सहिबगंज और बरहरवा रेलखंड की तो काफी खराब स्थिति है सहिबगंज से रांची जाना हो तो रात में रोजाना एक ट्रेन है कोलकाता के लिए रात में एक ट्रेन और पटना,दिल्ली जाने के लिए एक एक एक्सप्रेस ट्रेन है । यानी कुल मिलाकर कहा जाय तो ट्रेनों का आवागमन नही होने से इस जिला का विकास मानो धम गया हो।
सहिबगंज -बरहरवा रेल खंड विगत 5 सालो में कोई नई ट्रेन नही मिलने से लोग भीड़ का धक्का खाकर सफर करने को मजबूर है। ट्रैन की कमी होने से एक्सप्रेस ट्रेन भी पैसेंजर बन जाती है और पैसेंजर ट्रेन मालगाड़ी बन जाता है। लोगो के पास समय का अभाव रहता है जो भी ट्रेन पहले आती है किसी तरह सफर कर अपने घर या आफिस पहुचने की जल्दीबाजी रहती है।
2014 के राजमहल लोकसभा चुनाव में जेएमएम प्रत्याशी विजय हांसदा को जनता जिताकर पार्लियामेंट भेजी । इस उम्मीद में कई केंद्र की योजनाओं और मुख्य रूप से सहिबगंज रेलखंड पर नई ट्रेन के लिए प्रयास करेंगे लेकिन सांसद द्वारा इस दिशा में सार्थक प्रयास नही करने से जनता नाखुश है ---------------- स्थानीय लोगो का कहना है कि 5 साल सांसद फुटबॉल टूर्नामेंट का उदघाटन करने में समय बिता दिया। सांसद विजय हांसदा जनता के विश्वास पर खड़ा नही उतर पाए है। लोगो का कहना है कि झारखंड गठन कर बाद राजमहल से जेएमएम,बीजेपी,कांग्रेस के सांसद यहाँ से जीत कर जाते तो है लेकिन लोकसभा सत्र में इनकी आवाज दुबक जाती है। सांसद विजय हांसद एक युवा नेता थे इनके ऊपर जनता का भरोसा और विश्वास था कि सहिबगंज और बरहरवा रेल खंड पर कोई ट्रैन लायेगे जिससे यहाँ की जनता का विश्वास जीत पाते। लेकिन ऐसा कुछ भी नही हुआ।
बाइट-मुरली तिवारी,स्थानीय
बाइट-सुनील। "
बाइट-मुकुंद
जेएमएम कार्यकर्ता का कहना है कि सांसद इस दिशा में काफी प्रयास किया है 450 सवाल संसद में उठाये है तो सहिबगंज और पाकुड़ के जनता के लिए ही न।लेकिन राज्य और केंद तक बीजेपी की सरकार है तो दूसरे दल के पार्टी को महत्व नही दिया। सांसद अपने स्तर से पूरा प्रयास किया है लेकिन केंद सरकार इस रेलखंड पर ध्यान नही दी है।
बाइट- सरफराज आलम



Conclusion:रूफजकजचकजफगफहग
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