साहिबगंजः झारखंड का एक मात्र साहिबगंज बाढ़ प्रभावित जिला है. प्रत्येक वर्ष यहां बाढ़ आती है और अपना सितम ढहकर चली जाती है. हजारों लोग बेघर हो जाते हैं करोड़ो का नुकसान हो जाता है फिर भी बाढ़ पीड़ित दिल पर पत्थर रखकर रोजाना की तरह काम में भिड़ जाते है.
अभी गंगा का जलस्तर खतरे की निशान के ऊपर है. आज गंगा खतरे की निशान से 00.85 सेमी ऊपर से बह रही है हालांकि चार दिनों से गंगा का जलस्तर में गिरावट आई है.
गंगा की धारा में करंट प्रवाह है यही वजह है कि जिस तरफ गंगा का तेज प्रवाह टकराता है उसे अपनी गोद में ले लेता है. बात कर रहे सदर प्रखंड के रामपुर दियरा गांव की तो यह गांव गंगा के बीचों बीच ऊंचे स्थान पर बसा हुआ है. प्रयेक साल बाढ़ आने से इस गांव में कटाव जारी हो जाता है.
इस वर्ष भी गंगा का जलस्तर बढ़ने के साथ ही कटाव जारी है अभी तक एक दर्जन पक्का मकान जो पीएम आवास योजना से बना थे, गंगा कटाव में ढह गए और गंगा की गोद में समा गए.
खुले आसमान में रहने को मजबूर
अब इस गांव के लोग खुले आसमान में रहने को मजबूर हो चुके है. इस गांव के ग्रामीणों का कहना है कि प्रत्येक साल बाढ़ आती है प्रत्येक साल कटाव भी जारी रहता है लेकिन आज तक जिला प्रशासन या जनप्रतिनिधि द्वारा कटाव रोधी कार्य शुरू नहीं किया गया और ना ही मुआवजा के तौर पर कोई राहत मिली है.
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उनका कहना है कि जिला प्रशासन का कोई नुमाइंदा आये और देखे हम लोग परिवार,मवेशियों के साथ कैसे रह रहे हैं. दूसरी ओर विधायक रामपुर दियराराजमहल भाजपा विधायक ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द इन क्षेत्रों में कटाव रोधी कार्य शुरू करे वरना आने वाले समय में यह गांव समाप्त हो जाएगा, लोग भूमिहीन और बेरोजगार हो जाएंगे.
यही नहीं 83 किमी लंबी गंगा के किनारे बसे गांव भी गंगा कटाव की चपेट में है उन गांवों को चिह्नित करते हुए कटाव रोधी कार्य करने की जरूरत है.